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पानीपत हादसा: 8 गुना 10 फुट के कमरे में नहीं था वेंटिलेशन का रास्ता, देखें हादसे के बाद की तस्वीरें - पानीपत में परिवार की मौत

पानीपत में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत के बाद ईटीवी भारत की टीम ने घटनास्थल (cylinder blast in panipat) का जायजा लिया. जहां पता चला कि 6 लोगों का परिवार 8X10 के कमरे में रह रहा था. ना ही कमरे में कोई वेंटिलेशन का रास्ता था.

cylinder blast in panipat
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Published : Jan 12, 2023, 12:41 PM IST

8 गुना 10 फुट के कमरे में नहीं था वेंटिलेशन का रास्ता, देखें हादसे के बाद की तस्वीरें

पानीपत: वीरवार को पानीपत में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत (6 people burnt alive in panipat) हो गई. मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले का रहने वाला परिवार करीब डेढ़ साल से पानीपत तहसील कैंप में किराये पर रह रहा था. परिवार के सभी 6 लोग 8 गुना 10 फीट के कमरे में रह रहे थे. इसी कमरे में खाना बनाया जाता था. खबर है कि पूरी रात सिलेंडर से गैस का रिसाव होता रहा. कमरे में कोई वैंटिलेशन का कोई रास्ता भी नहीं था.

cylinder blast in panipat
इस 8 गुना 10 फुट के कमरे में रह रहा था परिवार

जिस वजह से गैस कमरे में फैल गई. सुबह जैसे ही गैस को जलाने की कोशिश की गई तो पूरे कमरे में आग (cylinder blast in panipat) लग गई. आग इतनी जबरदस्त थी कि परिवार के सभी सदस्य जिंदा जल गए. किसी भी सदस्य को हिलने तक का मौका नहीं मिला. पांच लोगों के शव तो बेड पर मिले, जबकि एक का शव दरवाजे के पास मिला. शायद परिवार के मुखिया ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाया.

cylinder blast in panipat
सुबह गैस जलाते वक्त हुआ हादसा

सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और सभी के शव को पोस्टमार्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल पहुंचाया. दरअसल वीरवार सुबह तहसील कैंप (panipat tehsil camp) पानीपत में सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. कमरे में रखे सिलेंडर में आग लगने से पति पत्नी समेत चार बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई. मरने वालों में अब्दुल करीम (50 साल), अफरोजा (46 साल), इशरत खातून (18 साल), रेशमा (17 साल), अफान (7 साल) और अब्दुल शकुर (10 साल) शामिल हैं.

cylinder blast in panipat
सभी के शवों को पानीपत सिविल अस्पताल ले जाया गया.

ये सभी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं. करीब डेढ़ साल पहले ही ये परिवार पानीपत तहसील कैंप में आकर बसा था. यहां पति पत्नी दोनों मजदूरी कर परिवार का भरन पोषण करते थे. परिवार का मुखिया अब्दुल करीम और उसकी पत्नी अफरोजा अपने दो बेटों के साथ पहले से ही पानीपत में रहते थे. उनकी दोनों बेटियां वेस्ट बंगाल में रहती थीं. करीब एक महीने पहले दोनों बेटियों को यहां बुलाया गया था, क्योंकि अब्दुल करीम अपनी बड़ी बेटी इशरत खातून की शादी पानीपत में करना चाहता था.

ये भी पढ़ें- पानीपत में सिलेंडर ब्लास्ट: परिवार के 6 लोग जिंदा जले, मरने वालों में पति पत्नी और चार बच्चे शामिल

रविवार को लड़के वाले इशरत खातून को देखने के लिए आने वाले थे. डीएसपी धर्मवीर ने बताया कि पहली नजर में लग रहा है कि गैस लीक होने की वजह से ये हादसा हुआ है. गैस लीक होने की वजह से पूरे कमरे में फैल गई थी. जैसे ही सुबह गैस जलाने की कोशिश की तो ये हादसा हो गया. पानीपत के डीएसपी धर्मवीर ने बताया कि फिलहाल सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल भिजवा दिया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने के बाद मौत की बाकी वजहों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि मामले में गहना से जांच की जा रही है. फिलहाल आसपास के लोगों को पूछताछ की जा रही है.

8 गुना 10 फुट के कमरे में नहीं था वेंटिलेशन का रास्ता, देखें हादसे के बाद की तस्वीरें

पानीपत: वीरवार को पानीपत में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत (6 people burnt alive in panipat) हो गई. मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले का रहने वाला परिवार करीब डेढ़ साल से पानीपत तहसील कैंप में किराये पर रह रहा था. परिवार के सभी 6 लोग 8 गुना 10 फीट के कमरे में रह रहे थे. इसी कमरे में खाना बनाया जाता था. खबर है कि पूरी रात सिलेंडर से गैस का रिसाव होता रहा. कमरे में कोई वैंटिलेशन का कोई रास्ता भी नहीं था.

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इस 8 गुना 10 फुट के कमरे में रह रहा था परिवार

जिस वजह से गैस कमरे में फैल गई. सुबह जैसे ही गैस को जलाने की कोशिश की गई तो पूरे कमरे में आग (cylinder blast in panipat) लग गई. आग इतनी जबरदस्त थी कि परिवार के सभी सदस्य जिंदा जल गए. किसी भी सदस्य को हिलने तक का मौका नहीं मिला. पांच लोगों के शव तो बेड पर मिले, जबकि एक का शव दरवाजे के पास मिला. शायद परिवार के मुखिया ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाया.

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सुबह गैस जलाते वक्त हुआ हादसा

सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और सभी के शव को पोस्टमार्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल पहुंचाया. दरअसल वीरवार सुबह तहसील कैंप (panipat tehsil camp) पानीपत में सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. कमरे में रखे सिलेंडर में आग लगने से पति पत्नी समेत चार बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई. मरने वालों में अब्दुल करीम (50 साल), अफरोजा (46 साल), इशरत खातून (18 साल), रेशमा (17 साल), अफान (7 साल) और अब्दुल शकुर (10 साल) शामिल हैं.

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सभी के शवों को पानीपत सिविल अस्पताल ले जाया गया.

ये सभी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं. करीब डेढ़ साल पहले ही ये परिवार पानीपत तहसील कैंप में आकर बसा था. यहां पति पत्नी दोनों मजदूरी कर परिवार का भरन पोषण करते थे. परिवार का मुखिया अब्दुल करीम और उसकी पत्नी अफरोजा अपने दो बेटों के साथ पहले से ही पानीपत में रहते थे. उनकी दोनों बेटियां वेस्ट बंगाल में रहती थीं. करीब एक महीने पहले दोनों बेटियों को यहां बुलाया गया था, क्योंकि अब्दुल करीम अपनी बड़ी बेटी इशरत खातून की शादी पानीपत में करना चाहता था.

ये भी पढ़ें- पानीपत में सिलेंडर ब्लास्ट: परिवार के 6 लोग जिंदा जले, मरने वालों में पति पत्नी और चार बच्चे शामिल

रविवार को लड़के वाले इशरत खातून को देखने के लिए आने वाले थे. डीएसपी धर्मवीर ने बताया कि पहली नजर में लग रहा है कि गैस लीक होने की वजह से ये हादसा हुआ है. गैस लीक होने की वजह से पूरे कमरे में फैल गई थी. जैसे ही सुबह गैस जलाने की कोशिश की तो ये हादसा हो गया. पानीपत के डीएसपी धर्मवीर ने बताया कि फिलहाल सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल भिजवा दिया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने के बाद मौत की बाकी वजहों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि मामले में गहना से जांच की जा रही है. फिलहाल आसपास के लोगों को पूछताछ की जा रही है.

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