पानीपत: कोरोना महामारी अब त्यौहारों पर भी भारी पड़ रही है. एक अगस्त को लोग बकरीद मनाने जा रहे हैं. इस बार इस कुर्बानी के त्यौहार बकरीद पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है. जिसका असर बकरा पालने वाले पशुपालकों पर भी पड़ रहा है. पशु पालकों को बकरा खरीदने के लिए खरीददार नहीं मिल रहे हैं.
बता दें कि, कोरोना महामारी के चलते अधिकतर व्यापार और उद्योग बंद हैं या बंद होने की कगार पर हैं. लगभग सभी प्रकार के व्यापार चाहे वो पशु व्यापार हो या किसी अन्य वस्तु से जुड़ा, सभी बंद हैं. जिसका सीधा-सीधा असर त्यौहारों पर देखने को मिल रहा है. हिंदु त्यौहार रक्षाबंधन हो या मुस्लिम त्यौहार ईद. सभी त्यौहार कोरोना की वजह से फीके-फीके जा रहे हैं.
इस पर पशु पालकों का कहना है कि जो लोग व्यापारियों से बकरा खरीदने आते हैं, वो बकरे का काफी कम दाम लगाते हैं. जिन बकरों की कीमत पिछले साल 25 हजार थी, वो इस बार 15-15 हजार में बिक रहे हैं. साथ ही बहुत कम लोग बकरा खरीद रहे हैं.
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पशु पालकों का कहना है कि जो बकरा उनको 20 हजार का मिला, वो इसे 15 हजार रुपये में कैसे बेचें? कोरोना की वजह से वो पहले से ही परेशान हैं. अब व्यापार में भी घाटा जाएगा, तो उनको परिवार पालना मुश्किल हो जाएगा. जिसकी वजह से पशु पालकों को काफी परेशानी हो रही है.