पानीपत: हरियाणा के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पी.के. अग्रवाल को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट के वकील गौरव त्यागी ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट ने दिनांक 13 अप्रैल को पानीपत के सनोली खुर्द गांव के रहने वाले याचिकाकर्ता महेंद्र चावला की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के डीजीपी पी. के. अग्रवाल को ये नोटिस जारी किया है. महेंद्र चावला आसाराम केस में भी मुख्य गवाह हैं.
कोर्ट ने डीजीपी को 9 अगस्त से पहले पहले अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये हैं. डीजीपी पी. के. अग्रवाल को कोर्ट के आदेश दिनांक 19 जनवरी 2023 की पालना नहीं किये जाने के कारण ये नोटिस जारी किया है. महेंद्र चावला ने पी. के. अग्रवाल सामने एक रिवीजन अपील दिनांक 19/10/2022 को प्रस्तुत की थी लेकिन पी. के. अग्रवाल द्वारा उस अपील रिविजन का निपटान नहीं किया गया था.
महेंद्र चावला का कहना है कि उसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. हाईकोर्ट ने 19/01/2023 को दो महीने के अंदर अपील रिविजन के निपटान के आदेश जारी किये थे. निपटान के आदेश जारी करने के बावजूद महेंद्र चावला की अपील रिविजन दिनांक 19/10/2022 का निपटान नहीं किया गया जिसके कारण हाईकोर्ट ने ये अवमानना का नोटिस डीजीपी पी.के. अग्रवाल को जारी किया है.
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क्या है पूरा मामला- महेंद्र चावला ने बताया कि पानीपत जिले के गांव सनोली खुर्द की पूर्व महिला सरपंच प्रियंका शर्मा ने अपने कार्यकाल में ग्राम पंचायत कार्यालय से कुछ सरकारी दस्तावेज चोरी किये थे. उन दस्तावेजों के आधार पर प्रियंका ने महेंद्र चावला के विरुद्ध हाईकोर्ट कोर्ट में केस फाइल किया था, जिसमें जांच कमेटी की विस्तृत जांच के बाद चावला को क्लीन चिट दे दी गई थी. जिसके बाद महेंद्र चावला ने पानीपत पुलिस को प्रियंका के विरुद्ध सरकारी दस्तावेज चोरी करने के बारे में शिकायत दी थी.
महेंद्र चावला का कहना है कि प्रियंका शर्मा के ऊंचे राजनीतिक रसूख के कारण उसके विरुद्ध कोई भी कारवाई नहीं की गई थी, जिसके बाद चावला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. उनकी याचिका पर माननीय हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी एसपी पानीपत शशांक कुमार सावन ने प्रियंका शर्मा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद महेंद्र चावला ने एसपी पानीपत के स्पीकिंग आदेश को हरियाणा के डीजीपी पी. के. अग्रवाल के सामने चुनौती दी. आरोप है कि यहां भी प्रियंका शर्मा के राजनैतिक रसूखों के चलते महेंद्र चावला की कोई भी सुनवाई नहीं की गई. इसके बाद महेंद्र चावला ने पी. के. अग्रवाल को अपील रिविजन के निपटान हेतु प्रार्थना पत्र लिखे और लीगल नोटिस भी भेजा मगर कोई सुनवाई नहीं हुई.
अंत में महेंद्र चावला ने हाईकोर्ट में डीजीपी पी. के. अग्रवाल के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस फाइल किया. इस मामले की सुनवाई दिनांक 13 अप्रैल को न्यायधीश अरविन्द सिंह सांगवान ने की. जज ने मामले का संज्ञान लेते हुए पी. के. अग्रवाल को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया और 9 अगस्त के पहले अनुपालना रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किये. अगर 9 अगस्त से पहले अनुपालना रिपोर्ट पेश करने में असफल रहते हैं तो पी. के. अग्रवाल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने के आदेश जारी किये गए हैं.