पानीपत: जहां एक ओर देश में लड़कियां लड़कों को हर क्षेत्र में पीछे छोड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ रही है. वहीं, देश में रूढ़िवादी विचारधारा और ओछी मानसिकता के लोगों ने अभी भी अपनी मानसिकता नहीं बदली है. आज के समय भी कई जगहों पर लड़के और लड़कियों में फर्क किया जाता है. इतना ही नहीं अमूमन लिंग परीक्षण कराकर भ्रूण को पेट में ही मौत के घाट उतार दिया जाता है. ऐसे में सरकार और प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान तो चला रहे है, लेकिन कई लोगों की मानसिकता अभी भी विकसित होने का नाम नहीं ले रही है.
ऐसा ही एक मामला पानीपत के सिवाह गांव के पास बीबीएमबी से सामने आया है. जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति बीबीएमबी के पास से गुजर रहा था, तभी उसकी नजर सड़क किनारे पड़े भ्रूण (Baby fetus found in Rohtak) पर पड़ी. जिसके बाद व्यक्ति ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और भ्रूण को अपने कब्जे में लेकर उसे पानीपत के सरकारी अस्पताल पहुंचाया. वहीं, पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शरू कर दी है.
भ्रूण की सूचना मिलते ही समाजसेविका सविता आर्य भी सिविल अस्पताल पहुंची. सविता आर्य ने कहा कि बड़े ही दुर्भाग्य की बात है की जिस धरती से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया था, आज उसी धरती से आए दिन बेटियों के भ्रूण मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज मिले भ्रूण से ये साफ नहीं हो पाया है कि ये भ्रूण लड़के का है या लड़की का, क्योंकि भ्रूण का निचला हिस्सा खराब हालत में मिला है. जिस कारण से भ्रूण की पहचान नहीं हो पा रही है. वहीं, सिविल अस्पताल की डॉ. नेहा ने बताया कि प्राथमिक तौर पर भ्रूण को देखने से लगता है कि एक या दो दिन पहले इस भ्रूण को यहां फेंका गया होगा.
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