पानीपत: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद मेजर आशीष धौंचक का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह पानीपत पहुंचा. उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव बिंझौल में किया गया. शुक्रवार को उनके पार्थिव शरीर काे उनके TDI सिटी स्थित नए घर में लाया गया. हजारों की संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे. शहीद मेजर आशीष के आवास पर प्रशासनिक अधिकारी और सेना के जवान भी मौजूद रहे.
गमगीन माहौल में अंतिम विदाई: पार्थिव शरीर को लेकर ग्रामीणों का काफिला आगे बढ़ रहा था. तिरंगे के साथ वंदे मातरम, शहीद मेजर आशीष अमर रहें, के नारे लगाए जा रहे थे. इन सब के साथ मेजर आशीष के पार्थिव शरीर को नए घर से पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया. रास्ते में लोगों ने शहीद आशीष को नमन किया. भारत माता की जय के जयकारे भी लगे. सभी ने गमगीन माहौल में अंतिम विदाई दी गई. शहीद मेजर आशीष की पत्नी, बेटी, मां और पिता का रो-रो कर बुरा हाल था.
नए घर में पहली और आखिरी बार प्रवेश: शहीद मेजर आशीष के पार्थिव शरीर के पानीपत स्थित उनके नए मकान में ले जाया गया. बता दें कि, शहीद मेजर आशीष का नया घर पानीपत में बनकर तैयार है. अभी उनका परिवार किराए के मकान में रहता है. नए मकान के गृह प्रवेश और जन्मदिन मनाने के लिए आशीष अगले महीने छुट्टी पर आने वाले थे. मां के कहने पर पार्थिव शरीर को नए घर में लाया गया था. मां ने कहा, 'मेरे बेटे के सपनों के घर में बेटे के कदम आखिरी बार जरूर पड़ने चाहिए.'
आशीष के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़: आशीष का जन्म 22 अक्टूबर 1987 को बिंझौल गांव में हुआ था. तीन बड़ी बहनों में सबसे छोटे आशीष ने तीनों बहनों की शादी करने के बाद जींद अर्बन एस्टेट की रहने वाली ज्योति से 2025 ममें शादी की थी. आशीष अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और ढाई साल की बेटी को छोड़ गए हैं.