पानीपत: अक्षय तृतीया को लेकर पानीपत प्रशासन अलर्ट मोड पर है. उपायुक्त वीरेन्द्र दहिया ने जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए पुजारियों, गांव के पंचों, सरपंचों तथा नम्बरदारों समेत नगर पार्षदों से अपील करते हुए कहा है कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी सूरत में बाल विवाह का आयोजन न होने दें. उपायुक्त ने इसके साथ ही लोगों से भी अपील की है कि अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले विवाह के सम्बंध में अपने स्तर पर दूल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रो की जांच कर लें.
जिला उपायुक्त ने कहा है कि सभी आयु प्रमाण पत्रों की प्रति अपने पास रखकर और बाल विवाह पाए जाने पर इसकी सूचना तुरन्त जिला प्रशासन को दें ताकि उसे रोकना सुनिश्चित किया जा सके. इसके अलावा सामुदायिक केन्द्र, सार्वजनिक भवन, बैंकेंट हॉल, मैरिज हॉल, मैरिज पैलेस, टैंट हाउस आदि में भी अपने यहां आयोजित होने वाले विवाह समारोह के सम्बंध में आयु प्रमाण पत्रों की जांच कर लें और उसकी प्रति भी अपने पास रख लें. अक्षय तृतीया इस बार 22 अप्रैल को है. इस दिन बाल विवाह करने की पुराने प्रथा चली रही है. राजस्थान और हरियाणा में कई जगहों पर सामूहिक बाल विवाह तक किये जाते हैं.
जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि बाल विवाह निषेण अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है तो वह कानूनन अपराध है. इस एक्ट के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है तथा बाल विवाह को करना और करवाना और इसमें शामिल होना एक गैर जमानती अपराध है.
हरियाणा सरकार द्वारा अगस्त 2022 में दिए गए आदेशानुसार यदि किसी भी नाबालिक लड़की या लड़के का बाल विवाह किया जाता है तो उसे निरस्त माना जाएगा. इसके सम्बंध में समय रहते नजदीक के पुलिस थाना, चौकी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला एवं बाल विकास विभाग, एसडीएम, तहसीलदार, सीटीएम, पुलिस अधीक्षक और बाल विवाह निषेध अधिकारी, पुलिस कंट्रोल रूम, चाईल्ड हेल्प लाइन नम्बर, महिला हेल्प लाइन नम्बर इत्यादि पर सूचना दी जा सकती है.
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