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पानीपत की संस्था चाइल्ड लेबर के खिलाफ कर रही काम, अब तक 1500 बच्चों को रेस्क्यू कर दिलवाया स्कूल में दाखिला

Action Against Child Labour Project: बाल मजदूरी को खत्म करने के मकदस से एक्शन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया नाम की संस्था पानीपत में साल 2018 से काम कर रही है. ये संस्था अभी तक 1500 बच्चों का रेस्क्यू कर चुकी है.

child labour in haryana
चाइल्ड लेबर के खिलाफ मुहिम.
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 26, 2023, 12:45 PM IST

चाइल्ड लेबर के खिलाफ हरियाणा के पानीपत में विशेष मुहिम.

पानीपत: एक्शन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया नाम की संस्था उन बच्चों को उम्मीदों की उड़ान दे रही है, जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं. बड़ा होकर कुछ कर दिखाना चाहते हैं. पर मजबूरी के सामने वो हार मान चुके हैं. ऐसे बच्चों के लिए ये संस्था किसी वरदान से कम नहीं है. ये संस्था अब तक 1500 बच्चों को चाइल्ड लेबर और नशे से बाहर निकाल कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ चुकी है.

बाल मजदूरी कम करना संस्था का मकसद: ये बच्चे अब जिले के सरकारी स्कूलों में रेगुलर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. एक्शन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया संस्था की नींव साल 2018 में पानीपत जिले में रखी गई थी. ये संस्था देश में लगभग साल 1998 से काम कर रही है. इसका उद्देश्य बाल मजदूरी को खत्म करना है. अब तक ये संस्था स्कूल में लगभग 1500 बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़ चुकी है.

ऐसे काम करती है संस्था: पानीपत जिले में इस संस्था की 10 लोगों की टीम है, जो पूरा दिन ये सर्च करती है कि कहां बाल मजदूरी हो रही है. संस्था का दावा है कि ये पानीपत के वार्ड नंबर 1,2,3 से बाल मजदूरी को खत्म कर चुकी है. बाल मजदूरी करने वाले बच्चों के माता-पिता को समझा-बुझाकर उनके बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया जाता है और स्कूल में शिक्षा की धारा से जोड़ा जाता है.

चाइल्ड लेबर के खिलाफ काम करना अपने आप में एक चुनौती भरा काम है. पानीपत ऐसा जिला है. जहां अधिकांश प्रवासी लोग रहते हैं. उनके बच्चों के आधार कार्ड तक भी नहीं होते. जिसके चलते स्कूलों में बच्चों का एडमिशन दिलाने में बड़ी समस्या होती है. पहले बच्चे के डॉक्यूमेंट दुरुस्त किए जाते हैं और उसके बाद स्कूल में एडमिशन दिलाया जाता है, जो कि अपने आप में एक चुनौती भरा काम है. हमारी सरकार से अपील है कि हम लोग कुछ अच्छा करना चाहते हैं. इसलिए सरकार को हमारा सहयोग करना चाहिए.- सुधा झा, संस्था की मुख्य सलाहकार

प्रोजेक्ट की मुख्य सलाहकार सुधा झा ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि संस्था द्वारा बच्चों के लिए पानीपत में कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में संस्था इन स्पेशल बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने, दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने, जरूरी उपकरण दिलाने. इन सब चीजों में मदद कर रही है. अब उनकी संस्था जल्द ही फैक्ट्रियों के अंदर क्रेच बनाने की तैयारी कर रही है. जहां महिलाएं अपने छोटे बच्चों का एडमिशन करा सकें. साथ में वो फैक्ट्री में काम कर सकें.

child labour in haryana
अब तक 1500 बच्चों को रेस्क्यू कर दिलवाया स्कूल में दाखिला.

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चाइल्ड लेबर के खिलाफ हरियाणा के पानीपत में विशेष मुहिम.

पानीपत: एक्शन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया नाम की संस्था उन बच्चों को उम्मीदों की उड़ान दे रही है, जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं. बड़ा होकर कुछ कर दिखाना चाहते हैं. पर मजबूरी के सामने वो हार मान चुके हैं. ऐसे बच्चों के लिए ये संस्था किसी वरदान से कम नहीं है. ये संस्था अब तक 1500 बच्चों को चाइल्ड लेबर और नशे से बाहर निकाल कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ चुकी है.

बाल मजदूरी कम करना संस्था का मकसद: ये बच्चे अब जिले के सरकारी स्कूलों में रेगुलर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. एक्शन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया संस्था की नींव साल 2018 में पानीपत जिले में रखी गई थी. ये संस्था देश में लगभग साल 1998 से काम कर रही है. इसका उद्देश्य बाल मजदूरी को खत्म करना है. अब तक ये संस्था स्कूल में लगभग 1500 बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़ चुकी है.

ऐसे काम करती है संस्था: पानीपत जिले में इस संस्था की 10 लोगों की टीम है, जो पूरा दिन ये सर्च करती है कि कहां बाल मजदूरी हो रही है. संस्था का दावा है कि ये पानीपत के वार्ड नंबर 1,2,3 से बाल मजदूरी को खत्म कर चुकी है. बाल मजदूरी करने वाले बच्चों के माता-पिता को समझा-बुझाकर उनके बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया जाता है और स्कूल में शिक्षा की धारा से जोड़ा जाता है.

चाइल्ड लेबर के खिलाफ काम करना अपने आप में एक चुनौती भरा काम है. पानीपत ऐसा जिला है. जहां अधिकांश प्रवासी लोग रहते हैं. उनके बच्चों के आधार कार्ड तक भी नहीं होते. जिसके चलते स्कूलों में बच्चों का एडमिशन दिलाने में बड़ी समस्या होती है. पहले बच्चे के डॉक्यूमेंट दुरुस्त किए जाते हैं और उसके बाद स्कूल में एडमिशन दिलाया जाता है, जो कि अपने आप में एक चुनौती भरा काम है. हमारी सरकार से अपील है कि हम लोग कुछ अच्छा करना चाहते हैं. इसलिए सरकार को हमारा सहयोग करना चाहिए.- सुधा झा, संस्था की मुख्य सलाहकार

प्रोजेक्ट की मुख्य सलाहकार सुधा झा ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि संस्था द्वारा बच्चों के लिए पानीपत में कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में संस्था इन स्पेशल बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने, दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने, जरूरी उपकरण दिलाने. इन सब चीजों में मदद कर रही है. अब उनकी संस्था जल्द ही फैक्ट्रियों के अंदर क्रेच बनाने की तैयारी कर रही है. जहां महिलाएं अपने छोटे बच्चों का एडमिशन करा सकें. साथ में वो फैक्ट्री में काम कर सकें.

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अब तक 1500 बच्चों को रेस्क्यू कर दिलवाया स्कूल में दाखिला.

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