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पंचकूला में बायो रिमेडिएशन प्लांट का शुभारंभ

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बायो रिमेडिएशन प्लांट का शुभारंभ किया. अब शहर के लोगों को सेक्टर 23 के डंपिंग ग्राउंड से आने वाली बदबू से जल्द ही राहत मिल जाएगी. साथ ही वहां जल्द ही भव्य और दर पार्क विकसित किया जाएगा.

waste disposal pant started in panchkula
पंचकूला वासियों को मिलेगी बदबू से निजाद, डंपिंग ग्राउंड के कूड़े से खाद बनाने का काम शुरू
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Published : Sep 18, 2020, 9:36 AM IST

पंचकूला: पंचकूला वासियों के लिए परेशानी का सबब बने सेक्टर 23 स्थित डंपिंग ग्राउंड का कायाकल्प शुरू हो गया है. गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष और पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने इलेक्ट्रिक बटन दबाकर कायाकल्प कार्य की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने कचरे को अलग करके खाद बनाने के कार्य का अवलोकन किया और कचरा निष्तारण कार्य के सेग्रीगेशन, बायो माइनिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली.

38 करोड़ की लागत से बने इस प्रोजेक्ट से प्रतिदिन 2000 टन कचरे का निस्तारण होगा. इस दौरान ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि पंचकूला में प्रतिदिन 150 टन सोलिड वेस्ट पैदा होने से शहर में बड़े कूड़े का ढेर बन गया, जिससे पंचकूला की अधिकांश आबादी प्रभावित हो रही थी. इस प्लांट में कचरा निष्पादन का कार्य रुकने नहीं दिया जाएगा. कचरे का सेग्रिगेशन कर खाद बनाई जाएगी.

ये भी पढ़िए: पीएम मोदी देश को बेचने का काम कर रहे हैं- गुरनाम सिंह चढूनी

उन्होंने बताया कि इसके साथ यहां इस प्लांट के सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू कर दिया गया है. यहां पौधरोपण करके सुंदर पार्क विकसित हो रहा है. इससे आसपास के सेक्टरों में रहने वाले लोगों को बदबू और गैस की समस्या से निजात मिलनी शुरू हो गई है.

जैविक खाद से बदलेगी शहर की आबोहवा

प्लांट में 30 से 50 प्रतिशत कार्बोनिक अंश से जैविक खाद बनाई जाएगी. 30 से 40 प्रतिशत तक ज्वलनशील अंश अलग अलग करके ईंधन के लिए उपयोग में लाए जाएंगे. सिर्फ 10 प्रतिशत अंश को रिसाइकिल किया जाएगा. इस जैविक अंश का कम्पोजिंग या बायोगैस उत्पादन के लिए आसानी से उपयोग किया जा सकेगा.

पंचकूला: पंचकूला वासियों के लिए परेशानी का सबब बने सेक्टर 23 स्थित डंपिंग ग्राउंड का कायाकल्प शुरू हो गया है. गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष और पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने इलेक्ट्रिक बटन दबाकर कायाकल्प कार्य की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने कचरे को अलग करके खाद बनाने के कार्य का अवलोकन किया और कचरा निष्तारण कार्य के सेग्रीगेशन, बायो माइनिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली.

38 करोड़ की लागत से बने इस प्रोजेक्ट से प्रतिदिन 2000 टन कचरे का निस्तारण होगा. इस दौरान ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि पंचकूला में प्रतिदिन 150 टन सोलिड वेस्ट पैदा होने से शहर में बड़े कूड़े का ढेर बन गया, जिससे पंचकूला की अधिकांश आबादी प्रभावित हो रही थी. इस प्लांट में कचरा निष्पादन का कार्य रुकने नहीं दिया जाएगा. कचरे का सेग्रिगेशन कर खाद बनाई जाएगी.

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उन्होंने बताया कि इसके साथ यहां इस प्लांट के सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू कर दिया गया है. यहां पौधरोपण करके सुंदर पार्क विकसित हो रहा है. इससे आसपास के सेक्टरों में रहने वाले लोगों को बदबू और गैस की समस्या से निजात मिलनी शुरू हो गई है.

जैविक खाद से बदलेगी शहर की आबोहवा

प्लांट में 30 से 50 प्रतिशत कार्बोनिक अंश से जैविक खाद बनाई जाएगी. 30 से 40 प्रतिशत तक ज्वलनशील अंश अलग अलग करके ईंधन के लिए उपयोग में लाए जाएंगे. सिर्फ 10 प्रतिशत अंश को रिसाइकिल किया जाएगा. इस जैविक अंश का कम्पोजिंग या बायोगैस उत्पादन के लिए आसानी से उपयोग किया जा सकेगा.

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