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पब्लिशिंग इंडस्ट्री पर पड़ी कोरोना की मार, नहीं बढ़ी शारीरिक शिक्षा की किताबों की बिक्री

हर सेक्टर की तरह कोरोना महामारी का असर बुक सेलर पर भी पड़ा है. पहले के मुकाबले किताबों की बिक्री में काफी गिरावट आई है. इसकी एक बड़ी वजह ऑनलाइन शिक्षा भी है. पढ़ें पूरी खबर.

Publishing industry suffer from Corona virus pandemic
Publishing industry suffer from Corona virus pandemic
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Published : Aug 27, 2020, 2:30 PM IST

Updated : Nov 17, 2020, 6:43 PM IST

पंचकूला: कोरोना महामारी की वजह से लोगों की जीनवशैली में बदलाव देखने को मिला है. खान-पान से लेकर रहन-सहन तक लोग पहले के मुकाबले ज्यादा जागरूक हुए हैं. सबसे ज्यादा इम्यून सिस्टम को लेकर. हर कोई अपने आपको फिट रखने के लिए व्यायाम कर रहा है या फिर फल और सब्जियों के जरिए प्रोटिन ले रहा है. ताकि वो कोरोना वायरस से लड़ सके. इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए कुछ लोग दवाईयों का सहारा भी ले रहे हैं.

ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा ने ये जानने की कोशिश की कि क्या खुद को फिट रखने के लिए लोगों का रुझान फिजिकल एजुकेशन की तरफ बढ़ा है. क्या बाकी सेक्टर की तरह बुक स्टोर मालिक भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इन सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने बुक सेलर्स से बात कि तो पता चला कि लॉकडाउन की वजह से उनकी किताबों की सेल 50 से 60 फिसदी ही रह गई है.

पब्लिशिंग इंडस्ट्री पर पड़ी कोरोना की मार, नहीं बढ़ी शारीरिक शिक्षा की किताबों की बिक्री

छात्रों से ईटीवी भारत ने पूछा कि क्या अब फिजिकल एजुकेशन की किताबों तरफ उनका रुढान बढ़ा है तो उन्होंने कहा कि जब से ऑनलाइन क्लास शुरू हुई है तब से किताबों की तरफ रुझान कम हुआ है. मतलब ये कि पब्लिशिंग इंडस्ट्री पर भी कोरोना वायरस की वजह से बुरा प्रभाव पड़ा है. एक दिन में जहां बुक सेलर्स को 5 हजार रुपये तक की कमाई होती थी वो अब 2 से ढाई हजार रुपये तक सिमट गई है. इसकी एक बड़ी वजह है लोगों का ऑनलाइन की तरफ रुझान होना. लॉकडाउन के बाद से ज्यादातर लोग ऑनलाइन आर्टिकल या बुक पढ़ना पसंद कर रहे है. जिसकी वजह से बुक स्टोर और पब्लिशिंग इंडस्ट्री को काफी नुकसान हो रहा है.

एक तरफ जहां नॉर्मल किताबों की बिक्री 50 से 60 प्रतिशत हुई है तो वहीं फिजिकल एजुकेशन किताबों की बिक्री 30 से 40 प्रतिशत ही हुई है. जब एक्सपर्ट से फिजिकल किताब की अहमियत को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में फिजिकल एजुकेश डिमांड ज्यादा होने वाली है.

ये भी पढ़ें- अनलॉक के बाद भी पटरी पर नहीं लौट रहा आइसक्रीम व्यवसाय, हर महीने हो रहा लाखों का नुकसान

लॉकडाउन के बाद से ई-पुस्तकों की ब्रिक्री जरूर बढ़ी है. कुछ किताबों को होम डिलिवरी के जरिए लोगों तक पहुंचाया गया है. लॉकडाउन के बाद से प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेज बंद है. ऐसे में बुक स्टोर सेलर को चिंता सता रही है कि आने वाले टाइम में शायद ही उन्हें कोई राहत मिले.

पंचकूला: कोरोना महामारी की वजह से लोगों की जीनवशैली में बदलाव देखने को मिला है. खान-पान से लेकर रहन-सहन तक लोग पहले के मुकाबले ज्यादा जागरूक हुए हैं. सबसे ज्यादा इम्यून सिस्टम को लेकर. हर कोई अपने आपको फिट रखने के लिए व्यायाम कर रहा है या फिर फल और सब्जियों के जरिए प्रोटिन ले रहा है. ताकि वो कोरोना वायरस से लड़ सके. इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए कुछ लोग दवाईयों का सहारा भी ले रहे हैं.

ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा ने ये जानने की कोशिश की कि क्या खुद को फिट रखने के लिए लोगों का रुझान फिजिकल एजुकेशन की तरफ बढ़ा है. क्या बाकी सेक्टर की तरह बुक स्टोर मालिक भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इन सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने बुक सेलर्स से बात कि तो पता चला कि लॉकडाउन की वजह से उनकी किताबों की सेल 50 से 60 फिसदी ही रह गई है.

पब्लिशिंग इंडस्ट्री पर पड़ी कोरोना की मार, नहीं बढ़ी शारीरिक शिक्षा की किताबों की बिक्री

छात्रों से ईटीवी भारत ने पूछा कि क्या अब फिजिकल एजुकेशन की किताबों तरफ उनका रुढान बढ़ा है तो उन्होंने कहा कि जब से ऑनलाइन क्लास शुरू हुई है तब से किताबों की तरफ रुझान कम हुआ है. मतलब ये कि पब्लिशिंग इंडस्ट्री पर भी कोरोना वायरस की वजह से बुरा प्रभाव पड़ा है. एक दिन में जहां बुक सेलर्स को 5 हजार रुपये तक की कमाई होती थी वो अब 2 से ढाई हजार रुपये तक सिमट गई है. इसकी एक बड़ी वजह है लोगों का ऑनलाइन की तरफ रुझान होना. लॉकडाउन के बाद से ज्यादातर लोग ऑनलाइन आर्टिकल या बुक पढ़ना पसंद कर रहे है. जिसकी वजह से बुक स्टोर और पब्लिशिंग इंडस्ट्री को काफी नुकसान हो रहा है.

एक तरफ जहां नॉर्मल किताबों की बिक्री 50 से 60 प्रतिशत हुई है तो वहीं फिजिकल एजुकेशन किताबों की बिक्री 30 से 40 प्रतिशत ही हुई है. जब एक्सपर्ट से फिजिकल किताब की अहमियत को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में फिजिकल एजुकेश डिमांड ज्यादा होने वाली है.

ये भी पढ़ें- अनलॉक के बाद भी पटरी पर नहीं लौट रहा आइसक्रीम व्यवसाय, हर महीने हो रहा लाखों का नुकसान

लॉकडाउन के बाद से ई-पुस्तकों की ब्रिक्री जरूर बढ़ी है. कुछ किताबों को होम डिलिवरी के जरिए लोगों तक पहुंचाया गया है. लॉकडाउन के बाद से प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेज बंद है. ऐसे में बुक स्टोर सेलर को चिंता सता रही है कि आने वाले टाइम में शायद ही उन्हें कोई राहत मिले.

Last Updated : Nov 17, 2020, 6:43 PM IST
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