पंचकूलाः हरियाणा सरकार ने बजट सत्र की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. 20 फरवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र पूरे एक पखवाड़े तक चलेगा. पहले बजट सत्र के मात्र 27 फरवरी तक चलने की संभावना थी, लेकिन अभी मुद्दों और विपक्ष के संभावित विरोध के चलते सरकार ने बजट सत्र 5 मार्च तक चलाने का निर्णय लिया है. इसी दौरान पेश होने वाले बजट को लेकर पंचकूला के लोगों ने अपनी राय पेश की है.
पंचकूला वासियों की राय
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार रहेगा. 20 फरवरी से शुरू होने वाले सत्र से पहले कांग्रेस ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं. गठबंधन सरकार को कांग्रेस, धान घोटाले, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, बुढ़ापा पेंशन में मात्र 250 रुपये बढ़ोतरी इत्यादि मुद्दों पर घेरेगी. वहीं प्रदेश की जनता ने भी बजट पेश होने से पहले अपनी कुछ मांगे सरकार के सामने रखी है. जिसमें महिलाएं, व्यापारी, युवा, गृहणी, किसान शामिल है.
'महंगाई से चाहिए राहत'
पंचकूला के लोगों ने अपनी मिली जुली राय प्रदेश की गठबंधन सरकार के सामने रखी है. पंचकूला की गृहणियों ने कहा कि इस बजट में महंगाई के ऊपर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिससे घरेलू बजट ना गड़बड़ाए.
उनका कहना है कि बीजेपी सरकार के नेता विदेश घुम रहे है लेकिन उनका ध्यान लगातार बढ़ रही महंगाई की ओर बिल्कुल नहीं है. ऐसे में जरुरी है कि सरकार इस ओर ध्यान दे और इस बजट में महंगाई से कुछ राहत दिलाए.
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'महिलाओं की सुरक्षा अहम मुद्दा'
महिलाओं का कहना है कि सरकार को बेटियों की सुरक्षा के लिए भी काम करने की जरूरत है. क्योंकि लगातार हो रही वारदातों ने बेटियों की सुरक्षा पर कड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी मांग है कि देश-प्रदेश में महिलाएं और बेटियों का सम्मान होना चाहिए ना की इस तरह की वारदातें.
युवाओं के लिए रोजगार की मांग
पंचकूला वासियों का कहना है कि आज प्रदेश में युवा पढ़े लिखे होने के बावजूद भी बेरोजगार बैठे हैं. ऐसे में सरकार उन्हें रोजगार मुहैया करवाए. उनका कहना है कि इस बजट में उद्योगों के ऊपर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके और प्रदेश का युवा भी आगे बढ़ सके.
सत्र पर चुनावी नतीजों का असर!
जाहिर है हरियाणा के बजट में दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर साफ तौर पर दिखने वाला है. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की वापसी के मुद्दों (बिजली, पानी, स्वास्थ्य व शिक्षा) का फार्मूला हिट रहने के बाद बीजेपी-जेजेपी सरकार भी आम आदमी पार्टी के एजेंडा को अपना सकती है. ऐसे में देखना होगा कि इस बजट के जरिए सरकार हरियाणा की जनता को कैसे राहत देती है.