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पंचकूला में उद्योग जगत पर लॉकडाउन की मार, जानें क्या है हालात और कब उभरेंगी इंडस्ट्रीज ? - हरियाणा उद्योग आर्थिक संकट

देश में लगे इस लॉकडाउन से आर्थिक संकट का खतरा भी बढ़ गया है. लॉकडाउन के चलते पंचकूला इंडस्ट्रीज का काम भी ठप पड़ गया है. पंचकूला इंडस्ट्रीज के प्रधान अरुण ग्रोवर ने ईटीवी भारत से लॉकडाउन के दौरान इंडस्ट्रीज को लेकर जनता के कई सवालों के जवाब दिए हैं.

Panchkula industries suffering economic crisis due to coronavirus lockdown
पंचकूला में उद्योग जगत पर लॉकडाउन की मार, जानें क्या है हालात और कब उभरेंगी इंडस्ट्रीज?
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Published : Apr 29, 2020, 11:22 AM IST

Updated : May 12, 2020, 2:36 PM IST

पंचकूलाः देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम करने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के चलते व्यापार और इंडस्ट्रीज पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है. पंचकूला में इंडस्ट्रीज के हालात को लेकर ईटीवी भारत ने पंचकूला इंडस्ट्रीज के प्रधान अरुण ग्रोवर से बातचीत की है.

देश में लगे इस लॉकडाउन से आर्थिक संकट का खतरा भी बढ़ गया है. क्योंकि बाजारें, दुकानें सब बंद पड़ी हैं. ऐसे में ना तो कमाई हो रही है और ना ही खरीदी. लॉकडाउन के चलते पंचकूला इंडस्ट्रीज का काम भी ठप पड़ गया है. पंचकूला इंडस्ट्रीज के प्रधान अरुण ग्रोवर ने ईटीवी भारत से लॉकडाउन के दौरान इंडस्ट्रीज को लेकर जनता के कई सवालों के जवाब दिए हैं.

पंचकूला में उद्योग जगत पर लॉकडाउन की मार, जानें क्या है हालात और कब उभरेंगी इंडस्ट्रीज?

सवाल- पंचकूला में कितनी और किस प्रकार की इंडस्ट्री है ?

पंचकूला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान अरुण ग्रोवर ने बताया कि पंचकूला में करीबन 800 इंडस्ट्रीज है. जिसमें बहुत सारी फार्मा, प्लाईवुड की इंडस्ट्रीज है और हर तरह की मिक्स इंडस्ट्रीज है. हालांकि अभी लॉकडाउन के चलते सभी की सभी इंडस्ट्रीज बंद है और कोई भी इंडस्ट्री चालू नहीं है.

सवाल- लॉकडाउन में शहर की इंडस्ट्रीज को कितना नुकसान हुआ है ?

अरुण ग्रोवर ने बताया कि करीबन 15 से 20 हजार आदमी पंचकूला के इंडस्ट्रीयल एरिया में काम करते हैं और करीब 30 दिन से पूरी प्रोडक्शन रुकी हुई है. इसके चलते हजारों करोड़ रुपये का नुकसान इंडस्ट्रीज को हुआ है. उन्होंने बताया कि 3 दिन पहले जब सरकार ने इंडस्ट्रीज खोलने को कहा भी है तो सप्लाई की दिक्कत, वर्कर्स की दिक्कत, रॉ मटेरियल की प्रॉब्लम आ रही है. जिसके चलते कोई भी अपनी इंडस्ट्रीज को चालू नहीं कर पाया.

सवाल- पंचकूला में सबसे बड़ा उद्योग किस चीज का है ?

पंचकूला इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान अरुण ग्रोवर ने बताया कि पंचकूला में मिक्स इंडस्ट्री है और किसी प्रकार का कोई खास तरह का बड़ा उद्योग नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां जो भी मिक्स इंडस्ट्रीज है उन सभी के हालात अभी खराब ही है क्योंकि लॉकडाउन लगा हुआ है और बाजारें बंद पड़ी हैं.

ये भी पढ़ेंः Exclusive- कोरोना महामारी से कैसे करें बचाव, जानें डॉ नरेश त्रेहान से

सवाल- लेबर पर कितना असर पड़ा है ?

अरुण ग्रोवर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वर्कर्स भी घबराए हुए हैं, कोई वर्कर गांव जाना चाहता है तो कोई गांव चला गया है. उन्होंने कहा कि जिस समय सरकार द्वारा इंडस्ट्रीज खोलने का आर्डर आएगा तो धीरे-धीरे इन सब चीजों को नॉर्मल होने में 3 महीने कम से कम लग जाएंगे.

सवाल- पंचकूला के कितने उद्योगों को खोलने की इजाजत मिली है ?

अरुण ग्रोवर ने बताया कि करीबन 20 से 25 यूनिट ने अप्लाई किया था. जिन्हें प्रशासन ने परमिशन भी दे दी है. उन्होंने बताया कि फिलहाल चालू दो या तीन यूनिट ही हुई है जिनमें फार्मासिटिकल जैसी यूनिट्स है.

सवाल- इंडस्ट्रीज को उभरने में कितना समय लगेगा ?

पंचकूला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान अरुण ग्रोवर ने कहा कि जिस दिन भी लॉकडाउन खत्म होगा, उसके बाद कम से कम इंडस्ट्रीज को अच्छे से स्टार्ट होने में 3 महीने लगेंगे क्योंकि कई प्रकार के प्रबंध होने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दूरगामी परिणाम इकॉनमी पर पड़ेंगे, जिससे उभरने में कम से कम 2 साल लग जाएंगे.

सवाल- सरकार से क्या मांग करते हैं ?

अरुण ग्रोवर ने कहा कि सरकार की ओर से दो एमएसएमई की डिमांड छोटी इंडस्ट्री की रहती है. उन्होंने कहा कि पहली बात तो ये है कि जो इंटरेस्ट रेट बैंक में लगना है वो माफ होना चाहिए. दूसरी मांग है कि जो भी रिलेशनशिप है इंडस्ट्रीज और वर्कर का, उसको मेंटेन करने के लिए गवर्मेंट की गाइडलाइंस आई है तो उसमें सरकार को सहयोग देना चाहिए और जो फंड गवर्मेंट के पास 80-90 हजार करोड़ ईएसआईसी अकाउंट में पड़ा है उसकी सपोर्ट देकर के वर्कर्स को तनख्वाह दी जाए ताकि अतिरिक्त बोझ इंडस्ट्रीज पर ना पड़े.

पंचकूलाः देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम करने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के चलते व्यापार और इंडस्ट्रीज पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है. पंचकूला में इंडस्ट्रीज के हालात को लेकर ईटीवी भारत ने पंचकूला इंडस्ट्रीज के प्रधान अरुण ग्रोवर से बातचीत की है.

देश में लगे इस लॉकडाउन से आर्थिक संकट का खतरा भी बढ़ गया है. क्योंकि बाजारें, दुकानें सब बंद पड़ी हैं. ऐसे में ना तो कमाई हो रही है और ना ही खरीदी. लॉकडाउन के चलते पंचकूला इंडस्ट्रीज का काम भी ठप पड़ गया है. पंचकूला इंडस्ट्रीज के प्रधान अरुण ग्रोवर ने ईटीवी भारत से लॉकडाउन के दौरान इंडस्ट्रीज को लेकर जनता के कई सवालों के जवाब दिए हैं.

पंचकूला में उद्योग जगत पर लॉकडाउन की मार, जानें क्या है हालात और कब उभरेंगी इंडस्ट्रीज?

सवाल- पंचकूला में कितनी और किस प्रकार की इंडस्ट्री है ?

पंचकूला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान अरुण ग्रोवर ने बताया कि पंचकूला में करीबन 800 इंडस्ट्रीज है. जिसमें बहुत सारी फार्मा, प्लाईवुड की इंडस्ट्रीज है और हर तरह की मिक्स इंडस्ट्रीज है. हालांकि अभी लॉकडाउन के चलते सभी की सभी इंडस्ट्रीज बंद है और कोई भी इंडस्ट्री चालू नहीं है.

सवाल- लॉकडाउन में शहर की इंडस्ट्रीज को कितना नुकसान हुआ है ?

अरुण ग्रोवर ने बताया कि करीबन 15 से 20 हजार आदमी पंचकूला के इंडस्ट्रीयल एरिया में काम करते हैं और करीब 30 दिन से पूरी प्रोडक्शन रुकी हुई है. इसके चलते हजारों करोड़ रुपये का नुकसान इंडस्ट्रीज को हुआ है. उन्होंने बताया कि 3 दिन पहले जब सरकार ने इंडस्ट्रीज खोलने को कहा भी है तो सप्लाई की दिक्कत, वर्कर्स की दिक्कत, रॉ मटेरियल की प्रॉब्लम आ रही है. जिसके चलते कोई भी अपनी इंडस्ट्रीज को चालू नहीं कर पाया.

सवाल- पंचकूला में सबसे बड़ा उद्योग किस चीज का है ?

पंचकूला इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान अरुण ग्रोवर ने बताया कि पंचकूला में मिक्स इंडस्ट्री है और किसी प्रकार का कोई खास तरह का बड़ा उद्योग नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां जो भी मिक्स इंडस्ट्रीज है उन सभी के हालात अभी खराब ही है क्योंकि लॉकडाउन लगा हुआ है और बाजारें बंद पड़ी हैं.

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सवाल- लेबर पर कितना असर पड़ा है ?

अरुण ग्रोवर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण वर्कर्स भी घबराए हुए हैं, कोई वर्कर गांव जाना चाहता है तो कोई गांव चला गया है. उन्होंने कहा कि जिस समय सरकार द्वारा इंडस्ट्रीज खोलने का आर्डर आएगा तो धीरे-धीरे इन सब चीजों को नॉर्मल होने में 3 महीने कम से कम लग जाएंगे.

सवाल- पंचकूला के कितने उद्योगों को खोलने की इजाजत मिली है ?

अरुण ग्रोवर ने बताया कि करीबन 20 से 25 यूनिट ने अप्लाई किया था. जिन्हें प्रशासन ने परमिशन भी दे दी है. उन्होंने बताया कि फिलहाल चालू दो या तीन यूनिट ही हुई है जिनमें फार्मासिटिकल जैसी यूनिट्स है.

सवाल- इंडस्ट्रीज को उभरने में कितना समय लगेगा ?

पंचकूला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान अरुण ग्रोवर ने कहा कि जिस दिन भी लॉकडाउन खत्म होगा, उसके बाद कम से कम इंडस्ट्रीज को अच्छे से स्टार्ट होने में 3 महीने लगेंगे क्योंकि कई प्रकार के प्रबंध होने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दूरगामी परिणाम इकॉनमी पर पड़ेंगे, जिससे उभरने में कम से कम 2 साल लग जाएंगे.

सवाल- सरकार से क्या मांग करते हैं ?

अरुण ग्रोवर ने कहा कि सरकार की ओर से दो एमएसएमई की डिमांड छोटी इंडस्ट्री की रहती है. उन्होंने कहा कि पहली बात तो ये है कि जो इंटरेस्ट रेट बैंक में लगना है वो माफ होना चाहिए. दूसरी मांग है कि जो भी रिलेशनशिप है इंडस्ट्रीज और वर्कर का, उसको मेंटेन करने के लिए गवर्मेंट की गाइडलाइंस आई है तो उसमें सरकार को सहयोग देना चाहिए और जो फंड गवर्मेंट के पास 80-90 हजार करोड़ ईएसआईसी अकाउंट में पड़ा है उसकी सपोर्ट देकर के वर्कर्स को तनख्वाह दी जाए ताकि अतिरिक्त बोझ इंडस्ट्रीज पर ना पड़े.

Last Updated : May 12, 2020, 2:36 PM IST
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