पंचकूला: तीन दिन से पंचकूला में चल रहा किसानों का महापड़ाव खत्म हो गया है. महापड़ाव के आखिरी दिन किसानों के 21 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने के लिए पहुंचा और अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा. राज्यपाल से मिलने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि आने वाले 11 दिसंबर को सभी किसान संगठनों की अहम बैठक हिसार में होने जा रही है. इस बैठक में दिल्लू कूच करने पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में किसान, केंद्र के तीन कृषि कानूनो के खिलाफ 2020-21 में हुए आंदोलन के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, उस दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने, कर्ज माफी, पेंशन और एमएसपी (MSP) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अपनी कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ये प्रदर्शन कर रहे हैं.
चंडीगढ़ में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने पंजाब और हरियाणा से लगते बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया था. हरियाणा से भी बड़ी संख्या में किसान पंचकूला के इस महापड़ाव में शामिल हुए. पहले किसानों का चंडीगढ़ कूच करने का प्लान था लेकिन बाद में ये कार्यक्रम बदल दिया गया और 21 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात के लिए चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां पर किसानों ने अपनी इन मांगों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन दिया.
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा कि 11 दिसंबर को हिसार में किसानों की एक अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में किसान अपनी मांगों को लेकर मंथन करेंगे. उसके बाद आगे का फैसला लिया जायेगा. दिल्ली कूच करने को लेकर इस बैठक में निर्णय लिया जा सकता है. किसान नेताओं ने पहले ही बता दिया है कि इस बैठक में वो अपनी मांगों को लेकर एक बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.
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