पंचकूलाः करनाल के कंबोपुरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई में आरोपी व पूर्व सीपीएस जिले राम शर्मा, आरोपी व पूर्व परिवहन मंत्री ओपी जैन का पीए राजेंद्र कोर्ट में पेश हुए.
3 गवाहों के बयान दर्ज
सुनवाई में आरोपी व पूर्व परिवहन मंत्री ओपी जैन हाजरी माफी पर रहे। सुनवाई में आज 3 गवाहों के बयान दर्ज हुए. बचाव पक्ष वकील अनिल कौशिक ने बताया कि पानीपत के गन्नौर से आए अशोक नामक गवाह के बयान दर्ज हुए,वकील ने बताया कि अशोक पानीपत रोडवेज में बतौर कंडक्टर कार्यरत है.
6 मार्च को अगली सुनवाई
वकील ने बताया कि पानीपत के बबैल से आए शमशेर नामक एक दूसरे गवाह के बयान दर्ज हुए और शमशेर रोडवेज में बतौर ड्राइवर कार्य था. वकील ने बताया कि तीसरे गवाह का नाम जितेंद्र स्वामी है जोकि पेशे से वकील है. वहीं मामले की अगली सुनवाई अब 6 मार्च को होगी और 6 मार्च को अन्य गवाहों के बयान दर्ज होंगे.
क्या है कम्बोपुरा सरपंच आत्महत्या मामला?
6 जून 2011 को कंबोपुरा के पूर्व सरपंच कर्म सिंह ने पानीपत के एसपी को शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया था कि तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश जैन और राजेंद्र शर्मा ने उनके पुत्र की नौकरी लगवाने के लिए उनसे तीन लाख रुपये लिए थे. जिसके बाद जब नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने पैसे वापस मांगे, लेकिन ओपी जैन ने उन्हें मना कर दिया.
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इसके बाद पूर्व सरपंच ने इस बात की शिकायत पुलिस को दी. जिसके बाद ही कर्म सिंह ने आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप विधायक ओपी जैन और राजेंद्र शर्मा पर लगा था. इसके बाद ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा और हाई कोर्ट ने इसे विशेष सीबीआई अदालत को दे दिया.
जब हरियाणा पुलिस ने आरोपी को दी थी क्लीन चिट
हरियाणा पुलिस द्वारा जैन और राम शर्मा को क्लीन चिट देने के विरोध में सीबीआई जांच की मांग को लेकर कर्म सिंह के परिजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने जांच के बाद चार अक्तूबर 2012 को मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद से यह मामला चल रहा है.