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हरियाणा में ऑक्सीजन सप्लाई के नाम पर सक्रिय हुए साइबर ठग, अगर आप भी हुए हैं शिकार तो जानें कहां करें शिकायत - हरियाणा पुलिस एडवाइजरी न्यूज

हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने जानकारी दी कि साइबर जालसाज ऑक्सीजन की उपलब्धता के नाम पर जरूरतमंद लोगों को धोखा देने की कोशिश में लगे हैं. ऐसे में ऑनलाइन किसी भी फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं, पढ़ें ये खबर.

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हरियाणा में ऑक्सीजन सप्लाई के नाम पर सक्रिय हुए साइबर ठग, अगर आप भी हुए हैं शिकार तो जानें कहां करें शिकायत
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Published : Apr 29, 2021, 5:25 PM IST

पंचकूला: इस समय प्रदेश में लोग ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अस्पताल में आईसीयू बेड्स के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं. इस स्थिति में बहुत से साइबर अपराधियों ने कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में हरियाणा पुलिस ने आम लोगों को ऐसे ऑनलाइन ठगों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है.

हरियाणा पुलिस ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों को ई-कॉमर्स पोर्टल, ओएलएक्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराने का दावा करने वालों से सतर्क रहने का आग्रह किया है. साइबर अपराधी वर्तमान कोरोना महामारी का फायदा उठाकर ठगी कर सकते हैं.

ये पढ़ें- हरियाणा के डॉक्टर की आपबीती: बोले- व्यवस्था चरमरा चुकी है, बोलने पर अधिकारी दे रहे FIR की धमकी, क्या पता कल मैं जेल में मिलूं

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा मनोज यादव ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यापक आवश्यकता के बीच साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी का एक नया तरीका निकाला है. साइबर जालसाज ऑक्सीजन की उपलब्धता के नाम पर जरूरतमंद लोगों को धोखा देने की कोशिश में लगे हैं. चिकित्सा संसाधनों की सख्त जरूरत वालों को ये अपने जाल में फंसा सकते हैं.

'दवा, ऑक्सीजन देने की आड़ में करते हैं ठगी'

डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि तेजी से पैसा बनाने के चक्कर में साइबर जालसाज जरूरतमंदों को धोखा देने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं. साइबर ठग ओएलएक्स और फेसबुक/इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर ऑक्सीजन सिलेंडर और कोविड के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की उपलब्धता बारे फर्जी विज्ञापन पोस्ट कर रहे हैं. उनके पास बेचने के लिए कुछ भी नहीं है, वो लोग सिर्फ मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं. ओएलएक्स पर ऑक्सीजन की ऑनलाइन कालाबाजारी में लगे हुए ऐसे शातिर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आसपास क्षेत्रों में सक्रिय है. उन्होंने लोगों को अत्यधिक सर्तकता बरतते हुए ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए ओएलएक्स सहित अन्य प्लेटफार्म पर ऑक्सीजन की बिक्री का झांसा देने वालों से सावधान रहने की सलाह दी है

ये भी पढ़िए: हरियाणा: दो घंटे इंतजार के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस, पति की आंखों के सामने कोरोना संक्रमित पत्नी की मौत

यहां दें कालाबाजारी की सूचना

कोविड के बढ़ते से संक्रमण के मद्देनजर पुलिस द्वारा मोबाइल नंबर 7087089947 और टोल-फ्री नंबर 1800-180-1314 भी जारी किया गया है, जहां ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमेडिसविर इंजेक्शन और अन्य जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी पुलिस के साथ साझा की जा सकती है.

जमाखोरों को चेतावनी

डीजीपी ने ऑक्सीजन सिलेंडर समेत कोविड के उपचार में इस्तेमाल होने वाली बाकी जीवनरक्षक दवाओं की जमाखोरी, अवैध खरीद या बिक्री के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वालों पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़िए: हे राम: 1 घंटे तड़पता रहा कोरोना मरीज, अस्पताल का दरवाजा बंद कर सीएम के दौरे का प्रोटोकॉल निभाते रहे अधिकारी

पंचकूला: इस समय प्रदेश में लोग ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अस्पताल में आईसीयू बेड्स के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं. इस स्थिति में बहुत से साइबर अपराधियों ने कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में हरियाणा पुलिस ने आम लोगों को ऐसे ऑनलाइन ठगों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है.

हरियाणा पुलिस ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों को ई-कॉमर्स पोर्टल, ओएलएक्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराने का दावा करने वालों से सतर्क रहने का आग्रह किया है. साइबर अपराधी वर्तमान कोरोना महामारी का फायदा उठाकर ठगी कर सकते हैं.

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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा मनोज यादव ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यापक आवश्यकता के बीच साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी का एक नया तरीका निकाला है. साइबर जालसाज ऑक्सीजन की उपलब्धता के नाम पर जरूरतमंद लोगों को धोखा देने की कोशिश में लगे हैं. चिकित्सा संसाधनों की सख्त जरूरत वालों को ये अपने जाल में फंसा सकते हैं.

'दवा, ऑक्सीजन देने की आड़ में करते हैं ठगी'

डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि तेजी से पैसा बनाने के चक्कर में साइबर जालसाज जरूरतमंदों को धोखा देने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं. साइबर ठग ओएलएक्स और फेसबुक/इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर ऑक्सीजन सिलेंडर और कोविड के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की उपलब्धता बारे फर्जी विज्ञापन पोस्ट कर रहे हैं. उनके पास बेचने के लिए कुछ भी नहीं है, वो लोग सिर्फ मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं. ओएलएक्स पर ऑक्सीजन की ऑनलाइन कालाबाजारी में लगे हुए ऐसे शातिर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आसपास क्षेत्रों में सक्रिय है. उन्होंने लोगों को अत्यधिक सर्तकता बरतते हुए ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए ओएलएक्स सहित अन्य प्लेटफार्म पर ऑक्सीजन की बिक्री का झांसा देने वालों से सावधान रहने की सलाह दी है

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यहां दें कालाबाजारी की सूचना

कोविड के बढ़ते से संक्रमण के मद्देनजर पुलिस द्वारा मोबाइल नंबर 7087089947 और टोल-फ्री नंबर 1800-180-1314 भी जारी किया गया है, जहां ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमेडिसविर इंजेक्शन और अन्य जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी पुलिस के साथ साझा की जा सकती है.

जमाखोरों को चेतावनी

डीजीपी ने ऑक्सीजन सिलेंडर समेत कोविड के उपचार में इस्तेमाल होने वाली बाकी जीवनरक्षक दवाओं की जमाखोरी, अवैध खरीद या बिक्री के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वालों पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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