पंचकूला/कुरुक्षेत्र/सिरसा/रोहतक : हरियाणा में आज सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की स्ट्राइक के चलते लोगों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा. हर जिले के सरकारी अस्पताल की अमूमन यही कहानी थी. मरीज वहां इलाज के लिए पहुंचे, लेकिन डॉक्टर नदारद मिले.
पंचकूला का हाल : पंचकूला की बात करें तो यहां सेक्टर 6 के नागरिक अस्पताल में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. ई टीवी भारत की टीम ने जब अस्पताल का जायजा लिया तो पता चला कि मरीजों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कहा जा रहा है कि डॉक्टर अगर अपने रुख पर कायम रहे तो आने वाले दिनों में इमरजेंसी सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है.
कुरुक्षेत्र का हाल : कुरुक्षेत्र की बात करें तो यहां भी डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल नज़र आए. अस्पताल में डॉक्टरों ने हड़ताल के बावजूद इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी थी, लेकिन अस्पताल में ओपीडी समेत बाकी सेवाएं बंद नज़र आई. इस दौरान जब मरीज अपने इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे तो उन्हें भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ा. डॉक्टर्स ने इस दौरान काले बिल्ले लगाकर सरकार से अपना विरोध जताया. उनकी मांग है कि अस्पतालों में ना के बराबर स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं, जिसके चलते समय पर मरीजों का इलाज पॉसिबल नहीं हो पाता. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की भर्ती होनी चाहिए. साथ ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स का मानदेय भी बढ़ना चाहिए क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले उनका मानदेय कम है. अभी सिर्फ ओपीडी बंद की गई है, लेकिन 29 तारीख से डॉक्टर इमरजेंसी सेवा भी बंद करने की बात कहते नजर आए. साफ है कि इसका सीधा असर आम पब्लिक पर पड़ेगा.
सिरसा का हाल : सिरसा की बात करें तो यहां भी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स स्ट्राइक पर नज़र आए. डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सिरसा के नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. डॉक्टरों का साफ़ तौर पर कहना था कि वे अपनी मांगों को लगातार काफी वक्त से हरियाणा सरकार , स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और स्वास्थ्य विभाग से बात करते रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया.
रोहतक का हाल : रोहतक के नागरिक अस्पताल में सिविल सर्जन ऑफिस, सभी सीएचसी और पीएचसी के डॉक्टर्स ने काम छोड़ हड़ताल की. अपने लंबित पड़ी मांगों को लेकर डॉक्टरों ने गुस्सा जताते हुए कहा कि सरकार उनके साथ वादा खिलाफी कर रही है. वर्षों से लंबित पड़ी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वहीं मरीज डॉक्टरों की स्ट्राइक से यहां भी परेशान नज़र आए.
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