पंचकूलाः 90 साल के ले. जनरल (रिटायर्ड) पीएन हून का सोमवार को निधन हो गया. हून ने अपनी अंतिम सांस पंचकूला के कमांड अस्पताल में ली. आज चंडीगढ़ के सेक्टर 25 में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
ज्ञानचंद गुप्ता ने दी श्रद्धांजलि
पीएन हून के निधन पर शोक व्यक्त करने हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला में उनके घर पहुंचे और उनके परिवार वालों से मिले. इस दौरान विधानसभा स्पीकर ज्ञानचन्द गुप्ता ने पीएन हून के परिवार वालों को संतावना देते हुए दुख की घड़ी में हिम्मत बनाये रखने को कहा. गुप्ता ने कहा कि हून बहुत ही अच्छे व्यक्तित्व वाले इंसान थे, जिन्होंने लंबे समय तक देश की सेवा की. ज्ञानचन्द गुप्ता ने कहा कि रिटायर्ड जनरल पीएन हून का निधन होने से देश को बड़ी क्षति हुई है.
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हून के नेतृत्व में भारतीय सेना ने फतह की थी सियाचिन
पीएन हून के नेतृत्व में भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन पर फतह हासिल की थी. पीएन हून का जन्मदिन पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था, लेकिन बंटवारे के समय उनका परिवार भारत आ गया था. 1981 में वो पश्चिम कमान के प्रमुख के रूप में रिटायर हुए थे. इसके बाद 2013 में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी.
'ऑपरेशन मेघदूत' के हीरो थे पीएन हून
13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने सियाचिन में 'ऑपरेशन मेघदूत' लॉच किया था. खास बात ये थी कि बर्फ में पहने जाने वाले कपड़े और साजो सामान सेना के पास 12 अप्रैल की रात को ही पहुंचे थे. दुनिया के सबसे ऊंचे मैदान-ए-जंग में सीधे टकराव की ये एक तरह से पहली घटना थी. इसे ऑपरेशन मेघदूत का नाम दिया गया था और इसने भारत की सामरिक, रणनीतिक जीत की नींव रखी थी.
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