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पंचकूला में किसानों का महापड़ाव: हरियाणा और पंजाब बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी, इन मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन

Farmers Protest In Panchkula: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरियाणा और पंजाब के किसानों ने पंचकूला में 72 घंटे के लिए महापड़ाव डाला है. किसानों के इस महापड़ाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

Farmers Protest In Panchkula
पंचकूला में किसानों का महापड़ाव
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 26, 2023, 2:38 PM IST

Updated : Nov 27, 2023, 10:57 AM IST

पंचकूला में किसानों का महापड़ाव

पंचकूला: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पंचकूला में किसानों ने 3 दिन के महापड़ाव का फैसला किया है. इस महापड़ाव के पहले दिन पंचकूला सेक्टर 5 धरना स्थल पर किसानों और ट्रेड यूनियन के लोगों का आना जारी है. खबर है कि हरियाणा भर से करीब 17 किसान यूनियन और 10 ट्रेड यूनियन इस महापड़ाव में हिस्सा ले रही हैं. किसानों के इस महापड़ाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा से लगती सीमाओं पर चंडीगढ़ पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग की गई है. इसके अलावा मुख्य चौक और चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती वाटर कैनन की गाड़ियों के साथ की गई है. आंसू गैस के गोलों की गाड़ियां भी तैनात की गई हैं. स्थिति गंभीर ना हो, इसलिए पैरामिलिट्री फोर्स को भी पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर तैनात किया गया है.

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मोहाली और पंचकूला में किसानों का 3 दिन का महापड़ाव कार्यक्रम है. किसानों के महापड़ाव को देखते हुए पंजाब के अलावा हरियाणा पुलिस ने भी पंजाब से सटे इलाकों में बैरिकेडिंग की है. हरियाणा पंजाब की सीमाओं पर तीन लेयर बैरिकेडिंग की गई है. चंडीगढ़ और पंचकूला आने जाने वाले वाहनों की गहना से चेकिंग की जा रही है.

दिल्ली में जो आंदोलन किसानों ने स्थगित किया था. उस वक्त की मांगों को सरकार ने पूरा नहीं किया है. इन मांगों में एमएसपी गारंटी कानून बनाने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, कर्ज मुक्ति, बिजली के बिल माफ करना शामिल है. जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी. तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. ये महापड़ाव 72 घंटे का रखा गया है.- रतन मान, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन

तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने जो प्रदर्शन किया था. उसकी लंबित मांगों को लेकर किसान एक बार फिर से आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं. किसानों ने कहा कि अभी तक एमएसपी गारंटी कानून को लागू नहीं किया गया है. इसके अलावा स्वामीनाथन की रिपोर्ट भी लागू नहीं की गई है. जब तक ये दोनों चीजें लागू नहीं होंगी, तब तक व्यापारियों को फायदा मिलता रहेगा. किसानों को इसका फायदा नहीं होगा.

अगर एमएसपी गारंटी कानून बन गया तो किसानों की सभी फसलें एमएसपी पर बिकेंगी. जिससे किसानों का फायदा होगा. इससे देश के विकास को नई दिशा मिलेगी. किसानों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार ने जितने भी कानून बनाए हैं. वो सिर्फ कॉर्पोरेट के लिए बनाए हैं. सरकार ने एक भी कानून किसानों के हित के लिए नहीं बनाया है. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को लेकर पंजाब के छह और पुलिसकर्मी निलंबित

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पंचकूला में किसानों का महापड़ाव

पंचकूला: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पंचकूला में किसानों ने 3 दिन के महापड़ाव का फैसला किया है. इस महापड़ाव के पहले दिन पंचकूला सेक्टर 5 धरना स्थल पर किसानों और ट्रेड यूनियन के लोगों का आना जारी है. खबर है कि हरियाणा भर से करीब 17 किसान यूनियन और 10 ट्रेड यूनियन इस महापड़ाव में हिस्सा ले रही हैं. किसानों के इस महापड़ाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा से लगती सीमाओं पर चंडीगढ़ पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग की गई है. इसके अलावा मुख्य चौक और चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती वाटर कैनन की गाड़ियों के साथ की गई है. आंसू गैस के गोलों की गाड़ियां भी तैनात की गई हैं. स्थिति गंभीर ना हो, इसलिए पैरामिलिट्री फोर्स को भी पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर तैनात किया गया है.

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मोहाली और पंचकूला में किसानों का 3 दिन का महापड़ाव कार्यक्रम है. किसानों के महापड़ाव को देखते हुए पंजाब के अलावा हरियाणा पुलिस ने भी पंजाब से सटे इलाकों में बैरिकेडिंग की है. हरियाणा पंजाब की सीमाओं पर तीन लेयर बैरिकेडिंग की गई है. चंडीगढ़ और पंचकूला आने जाने वाले वाहनों की गहना से चेकिंग की जा रही है.

दिल्ली में जो आंदोलन किसानों ने स्थगित किया था. उस वक्त की मांगों को सरकार ने पूरा नहीं किया है. इन मांगों में एमएसपी गारंटी कानून बनाने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, कर्ज मुक्ति, बिजली के बिल माफ करना शामिल है. जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी. तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. ये महापड़ाव 72 घंटे का रखा गया है.- रतन मान, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन

तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने जो प्रदर्शन किया था. उसकी लंबित मांगों को लेकर किसान एक बार फिर से आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं. किसानों ने कहा कि अभी तक एमएसपी गारंटी कानून को लागू नहीं किया गया है. इसके अलावा स्वामीनाथन की रिपोर्ट भी लागू नहीं की गई है. जब तक ये दोनों चीजें लागू नहीं होंगी, तब तक व्यापारियों को फायदा मिलता रहेगा. किसानों को इसका फायदा नहीं होगा.

अगर एमएसपी गारंटी कानून बन गया तो किसानों की सभी फसलें एमएसपी पर बिकेंगी. जिससे किसानों का फायदा होगा. इससे देश के विकास को नई दिशा मिलेगी. किसानों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार ने जितने भी कानून बनाए हैं. वो सिर्फ कॉर्पोरेट के लिए बनाए हैं. सरकार ने एक भी कानून किसानों के हित के लिए नहीं बनाया है. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

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Last Updated : Nov 27, 2023, 10:57 AM IST
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