पंचकूला: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam singh chaduni) की अध्यक्षता में हरियाणा भर से आए किसानों ने पंचकूला में बिजली वितरण निगम का घेराव किया. किसानों के घेराव के बाद बिजली विभाग के आला अधिकारियों ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात के लिए बुलाया. गुरनाम सिंह चढूनी की अध्यक्षता में किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की.
2 घंटे तक चली किसानों और अधिकारियों की बैठक
करीब 2 घंटे चली इस बैठक में किसानों की बिजली विभाग से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को रखा गया. वहीं किसानों की मांगों पर अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि विभाग के मंत्री और मुख्यमंत्री से बैठक कर फिर 5 जुलाई को किसान नेताओं के साथ एक बैठक की जाएगी.
बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज बड़ी संख्या में किसान पंचकूला पहुंचे थे और राज्यपाल को ज्ञापन देने का कार्यक्रम भी इससे पहले रखा गया था. जिसमें राज्यपाल के एडीसी और एक अधिकारी ने पहुंचकर ज्ञापन लिया.
बैठक में उठा बिजली कनेक्शन का मुद्दा
वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों के समक्ष उन्होंने 50,000 किसानों की तरफ से बिजली कनेक्शन को लेकर किए गए आवेदन के तहत कनेक्शन देने की मांग रखी जबकि सरकार की तरफ से केवल 10,000 बिजली कनेक्शन ही दिए गए हैं, लेकिन 50,000 किसानों की तरफ से पैसे भरे जा चुके हैं. सरकार की तरफ से रखी गई तीन चार मोटर की शर्त समेत कई समस्याओं पर बातचीत की गई है, फिर 5 जुलाई को बैठक होगी.
जहां चुनाव वहां करेंगे भाजपा का विरोध
भाजपा का विरोध जारी रखने का एलान करने हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आने वाले समय में जिन भी राज्यों में चुनाव होने हैं वहां भाजपा का विरोध किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से तय किया गया है कि जिन राज्यों में चुनाव होंगे वहां भाजपा का विरोध करने जाएंगे. कृषि कानूनों को रद्द करवाने को लेकर इसी तरह से आंदोलन किए जाएंगे.
आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर किया प्रदर्शन
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज 7 महीने पूरे हो गए हैं. ऐसे में किसानों ने आज फिर बड़ा प्रदर्शन बुलाया था. किसानों ने सभी राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का एलान किया था. पंचकूला में भी बिजली वितरण निगम का घेराव करने से पहले किसानों ने चंडीगढ़ मार्च का ऐलान किया था.
पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर रोके गए थे किसान
हजारों की संख्या में किसान चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए थे. जिसके बाद किसानों को पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर रोक दिया गया था. मौके पर राज्यपाल के एडीसी पहुंचे थे, जिन्हें किसानों ने ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन सौंपकर किसानों ने कहा था कि अगर तीन कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो जो आंदोलन 7 महीनों से चल रहा है, वो अगले 7 साल तक भी चलता रहेगा.
ये भी पढ़ें- जिन किसानों को बैरिकेड लगाकर रोक रही थी पुलिस, उन्हीं किसानों ने पुलिस को पिलाया शरबत
ये भी पढ़ें- सरकार को कागज के टुकड़े से डरने की जरूत नहीं, शांतिपूर्ण रहेगा किसानों का मार्च- योगेंद्र यादव