पंचकूला: कोरोना वायरस से पहले पंचकूला की आधी से ज्यादा आबादी लोकल बसों, ऑटो और रिक्शा में सफर किया करती थी, लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल गए हैं. एक तरफ जहां पंचकूला में सिर्फ 70 फीसदी बसें चल रही हैं तो वहीं अपनी गाड़ियों से सफर करने वाले लोगों पर डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों की मार पड़ रही है. ऐसे हालात में यात्रियों को किन परिस्थितियों में सफर करना पड़ रहा है. ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने पंचकूला के कुछ यात्रियों से बातचीत की.
कोरोना 'काल', यात्री बेहाल!
अमृतसर से पंचकूला इंटरव्यू देने आईं सिमरन ने बताया कि एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए उन्हें ऑटो को बुक करना पड़ रहा है. ऑटो चालकों ने किराया बढ़ा दिया है. बसें भी कम चल रही हैं. जिसकी वजह से उन्हें बहुत दिक्कत हो रही है.
रोडवेज बसों की कमी, बढ़ते पेट्रोल के दाम
ऑफिस जाने के लिए ऑटो में बैठे कृपाल सिंह ने बताया कि काफी देर से वो ऑटो में बैठे हैं, लेकिन ऑटो चालक सवारी पूरी होने का इंतजार कर रहा है. उन्होंने बताया कि वो पहले बस में सफर करते थे, लेकिन अब बस सर्विस कम हैं. जिसके चलते वो ऑटो में सफर कर रहे हैं और अब ऑटो चालक भी मनमाने दाम वसूल रहे हैं.
कोरोना काल में सफर करना हुआ मुश्किल
ऑटो चालकों की मानें तो सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से उन्हें अब एक बार में कम सवारियों को ले जाने की अनमुति है. जिस वजह से उन्हें किराया बढ़ाना पड़ा है. ऊपर से पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ गए हैं. ऐसे में उनके पास भी किराया बढ़ने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं है.
- पहले जीरकपुर से पंचकूला तक का किराया भी 20 रुपये था, जो अब 30 रुपये हुआ
- पंचकूला में लोकल रूट का किराया 10 रुपये था, जो अब बढ़कर 20 रुपये हो गया है.
- पहले एक फेरे में ऑटो में जाते थे 8 से 9 यात्री
- अब एक फेरे में जा रहे 3 यात्री
- पंचकूला चल रही 70% बसें
पंचकूला सेक्टर 5 में इस वक्त कितनी बसें चल रही हैं. इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने हरियाणा रोडवेज के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर बलवान सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि पंचकूला में इस वक्त 60 से 70 प्रतिशत बसें चल रही हैं. पंचकूला में 54 बसें बड़ी और 20 मिनी बसें चल रही हैं. कालका और पंचकूला दोनों को मिलाकर 74 बसें चल रही हैं.
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पंचकूला की सड़कों पर पहले के मुकाबले काफी भीड़ भाड़ नजर आने लगी है. इसका बड़ा कारण ये भी है कि लोग बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बावजूद भी अपने वाहनों से सफर करना ही पसंद कर रहे हैं. हालांकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर आम लोगों को जरूर परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. बसों की कम आवाजाही और ऑटो चालकों की तरफ से बढ़ाए गए दामों के चलते लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.