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नशा मुक्ति केंद्रों पर कोरोना का असर, मरीजों को वक्त इलाज पर देना बड़ी चुनौती - नशा मुक्ति केंद्र कोरोना महामारी असर

हरियाणा राज्य कल्याण परिषद के मानद महा सचिव ने कहा कि हर साल नशा केंद्रों में 10 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि नशे के मरीजों का इलाज करके उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना का उनका प्रयास रहता है.

Drug de-addiction centers haryana
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Published : Nov 12, 2020, 7:45 PM IST

पंचकूला: हरियाणा के नशा मुक्ति केंद्रों भी कोरोना महामारी का बुरा असर पड़ा है. मौजूदा समय की बात करें तो हरियाणा में पंचकूला, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और हिसार इन चार जिलों में नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं. इन नशा मुक्ति केंद्र में 80 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 20 प्रतिशत राशि सोशल जस्टिस एंपावरमेंट मंत्रालय के जरिए आती है.

लेकिन लॉकडाउन के बाद से नशा केंद्रों को मिलने वाली इस राशि में कमी आई है. हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महा सचिव कृष्ण ढुल ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें कई चुनौतियों का सामान करना पड़ा.

नशा मुक्ति केंद्रों पर पड़ा कोरोना महामारी का असर, क्लिक कर देखें वीडियो

नशा केंद्र बंद होने की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि ना तो वो समय से दवाइयां ले सके और ना ही समय पर डॉक्टर को चेकअप करवा सके. इसके लिए नशा केंद्रों की तरफ से ऑनलाइन क्लास की भी व्यवस्था की गई. अनलॉइन क्लास की मदद से मरीजों को योगा करवाया गया और उन्हें नशे के बारे में जागरुक किया गया.

हरियाणा राज्य कल्याण परिषद के मानद महा सचिव ने कहा कि हर साल इन नशा केंद्रों में 10 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि नशे के मरीजों का इलाज करके उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना का उनका प्रयास रहता है. नशा मुक्ति केंद्रों में मरीज से किसी तरह की कोई फीस नहीं ली जाती. सामाजिक संस्था और जो लोग दान देते हैं उसके जरिए इन मरीजों का इलाज, खान-पान और कपड़ों का इंतजाम किया जाता है.

कृष्ण ढुल ने सराकर अपील करते हुए कहा कि पंजाब से साथ लगते हरियाणा के हर जिले में एक नशा मुक्ति केंद्र जरूर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 22 के 22 जिलों में कम से कम एक नशा केंद्र जरूर हो ताकि नशे की इस लत से युवाओं को आजाद किया जा सके. फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम, सिरसा और झज्जर जिले में नए नशा मुक्ति केंद्र शुरू किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना के डर के बीच बाजारों में लौटी रौनक, धनतेरस पर जमकर बिक रहे दोपहिया वाहन

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महा सचिव कृष्ण ढुल ने बताया कि मरीज का ध्यान नशे से हटे इसके लिए मरीज को नशा मुक्ति केंद्र में तैयार किया जाता है. मरीज को नशा मुक्ति केंद्र में एक्सरसाइज, योगा, ध्यान करवाया जाता है और इसके साथ ही काउंसलर के माध्यम से मरीज के परिवार की भी साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग करवाई जाती है, ताकि उनका मरीज इलाज करवाने के बाद जब घर जाए तो वो सामान्य श्रेणी में रह सके. कृष्ण ढुल ने कहा कि साल 2018 से लेकर 2020 मार्च तक करीब 25 से 30 हजार मरीजों का इलाज किया जा चुका है.

पंचकूला: हरियाणा के नशा मुक्ति केंद्रों भी कोरोना महामारी का बुरा असर पड़ा है. मौजूदा समय की बात करें तो हरियाणा में पंचकूला, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और हिसार इन चार जिलों में नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं. इन नशा मुक्ति केंद्र में 80 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 20 प्रतिशत राशि सोशल जस्टिस एंपावरमेंट मंत्रालय के जरिए आती है.

लेकिन लॉकडाउन के बाद से नशा केंद्रों को मिलने वाली इस राशि में कमी आई है. हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महा सचिव कृष्ण ढुल ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें कई चुनौतियों का सामान करना पड़ा.

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नशा केंद्र बंद होने की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि ना तो वो समय से दवाइयां ले सके और ना ही समय पर डॉक्टर को चेकअप करवा सके. इसके लिए नशा केंद्रों की तरफ से ऑनलाइन क्लास की भी व्यवस्था की गई. अनलॉइन क्लास की मदद से मरीजों को योगा करवाया गया और उन्हें नशे के बारे में जागरुक किया गया.

हरियाणा राज्य कल्याण परिषद के मानद महा सचिव ने कहा कि हर साल इन नशा केंद्रों में 10 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि नशे के मरीजों का इलाज करके उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना का उनका प्रयास रहता है. नशा मुक्ति केंद्रों में मरीज से किसी तरह की कोई फीस नहीं ली जाती. सामाजिक संस्था और जो लोग दान देते हैं उसके जरिए इन मरीजों का इलाज, खान-पान और कपड़ों का इंतजाम किया जाता है.

कृष्ण ढुल ने सराकर अपील करते हुए कहा कि पंजाब से साथ लगते हरियाणा के हर जिले में एक नशा मुक्ति केंद्र जरूर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 22 के 22 जिलों में कम से कम एक नशा केंद्र जरूर हो ताकि नशे की इस लत से युवाओं को आजाद किया जा सके. फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम, सिरसा और झज्जर जिले में नए नशा मुक्ति केंद्र शुरू किए गए हैं.

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हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महा सचिव कृष्ण ढुल ने बताया कि मरीज का ध्यान नशे से हटे इसके लिए मरीज को नशा मुक्ति केंद्र में तैयार किया जाता है. मरीज को नशा मुक्ति केंद्र में एक्सरसाइज, योगा, ध्यान करवाया जाता है और इसके साथ ही काउंसलर के माध्यम से मरीज के परिवार की भी साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग करवाई जाती है, ताकि उनका मरीज इलाज करवाने के बाद जब घर जाए तो वो सामान्य श्रेणी में रह सके. कृष्ण ढुल ने कहा कि साल 2018 से लेकर 2020 मार्च तक करीब 25 से 30 हजार मरीजों का इलाज किया जा चुका है.

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