पंचकूला: त्यौहारों पर कोरोना महामारी का असर लगातार जारी है. रक्षा बंधन, ईद, दशहरा और अब दिवाली, हर त्योहार पर कोरोना बुरा प्रभाव डाल रहा है. जिसका खामियाजा व्यापारी को भुगतना पड़ रहा है. पंचकूला में त्योहारों के समय सड़कों पर पैर रखना मुश्किल हो जाता था. आज यही सड़कें वीरान पड़ी हुई हैं. बाजार से रौनक गायब है, गलियों से चहल-पहल की आवाज कहीं गुम सी गई है और खुशी के मौके पर व्यापारी परेशान हैं.
कोरोना के चलते दिवाली हुई फीकी
व्यापारी परेशान हो भी क्यों ना, जब त्योहारों पर ही घाटा होगा तो बाकि दिनों का आप अंदाजा लगा सकते हैं. पंचकूला के व्यापारियों ने कहा कि पहले राखी के त्योहार पर नुकसान हुआ, फिर दशहरा और अब लगता है कि दीपावली भी इस बार फीकी ही जाएगी.
व्यापारी तो परेशान हैं ही इसके साथ ही पंचकूला के लोग भी मायूस हैं. लोगों का कहना है कि इस रौशनी भरे त्योहार पर कोरोना ने अंधकार कर दिया है. लोगों का कहना है कि सड़कें इतनी सूनसान हैं कि मानों लॉकडाउन का दौर आ गया हो. व्यापारियों को उम्मीद थी कि दीपक के इस त्योहार में वे अपने घाटे की भरपाई कर लेंगे, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है.
चीनी सामान के बहिष्कार का भी दिख रहा असर
इस दिवाली पर लोग चीनी सामान लेने से भी कतरा रहे हैं. लोग एक दूसरे से यही अपील कर रहे हैं कि दिवाली पर चीनी सामान का बहिष्कार किया जाए. वहीं दुकानदारों का भी कहना है कि चीनी विवाद के चलते वो दुकानों पर चाइनीज सामान नहीं रख रहे हैं. ज्यादातर भारत के बने ही सामानों को अपनी दुकानों में जगह दे रहे हैं. दुकानदारों ने बताया कि पहले वे चाइनीज सामान बेचते थे, लेकिन अब उन्होंने चाइनीज समान को बेचना बिल्कुल बंद कर दिया है और चाइनीज सामान की जगह मिट्टी के दीये बेच रहे हैं. इसके बाद भी खरीदारी नहीं हो रही है.
बाजारों में नहीं है रौनक
ये सब इस कोरोना वायरस की वजह से हो रहा है. लोग कोरोना के डर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिसकी मार उनके व्यापार पर पड़ रही है. कोरोना के चलते इस बार जहां लोग जेब खर्च और बाहर निकलने से बच रहे हैं तो वहीं व्यापारी भी ग्राहकों की राह देख रहे हैं. जिस त्योहार पर दीये जलाकर हर जगह रोशनी होती थी, आमजन और व्यापारियों में खुशी देखने को मिलती थी, आज कोरोना की वजह से सब कुछ बुझा-बुझा सा नजर आ रहा है.
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