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AJL प्लॉट आवंटन मामला: ED कोर्ट में पेश हुए भूपेंद्र हुड्डा, 25 फरवरी को होगी सुनवाई

आज हुई सुनवाई में सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही कोर्ट में पेश हुए. जबकि एजेएल हाउस के चेयरमैन मोती लाल वोहरा कोर्ट नहीं पहुंचे.

bhupinder hooda reached ed court
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Published : Jan 21, 2020, 12:30 PM IST

पंचकूला: एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. आरोपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कोर्ट में पेश हुए. आरोपी मोतीलाल वोरा स्वास्थ्य ठीक ना होने के चलते हाजिरी माफी पर रहे. सुनवाई में ईडी ने बचाव पक्ष को मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज दिए. मामले की अगली सुनवाई अब 25 फरवरी को होगी.

एजेएल प्लॉट आवंटन मामला

आपको बता दें कि हुड्डा के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत ने पहले ही मानेसर जमीन घोटाले में जेल प्लॉट आवंटन मामले में आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है, सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं.

ED कोर्ट में पेश हुए भूपेंद्र हुड्डा, देखें वीडियो

ये है मामला

हुड्डा पर आरोप है कि हुड्डा ने 64.93 करोड़ों रुपये का प्लॉट एजेएल को 69.39 करोड़ रुपये में दिया था. आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ( एजेएल ) को एक भूखंड आवंटन से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की थी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए गए थे.

ये भी पढ़ें:- AJL प्लॉट आवंटन मामला: ED कोर्ट में पेश हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 21 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

जानकारी के मुताबिक ईडी की जांच में पाया गया था कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए ये भूखंड आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को 1982 की दर और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित कर दिया था. बताया जा रहा है कि एजेंसी ने कहा था कि 2005 में इस पुनः आवंटन से एजेएल को अनुचित फायदा हुआ था.

पंचकूला: एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. आरोपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कोर्ट में पेश हुए. आरोपी मोतीलाल वोरा स्वास्थ्य ठीक ना होने के चलते हाजिरी माफी पर रहे. सुनवाई में ईडी ने बचाव पक्ष को मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज दिए. मामले की अगली सुनवाई अब 25 फरवरी को होगी.

एजेएल प्लॉट आवंटन मामला

आपको बता दें कि हुड्डा के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत ने पहले ही मानेसर जमीन घोटाले में जेल प्लॉट आवंटन मामले में आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है, सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं.

ED कोर्ट में पेश हुए भूपेंद्र हुड्डा, देखें वीडियो

ये है मामला

हुड्डा पर आरोप है कि हुड्डा ने 64.93 करोड़ों रुपये का प्लॉट एजेएल को 69.39 करोड़ रुपये में दिया था. आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ( एजेएल ) को एक भूखंड आवंटन से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की थी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए गए थे.

ये भी पढ़ें:- AJL प्लॉट आवंटन मामला: ED कोर्ट में पेश हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 21 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

जानकारी के मुताबिक ईडी की जांच में पाया गया था कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए ये भूखंड आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को 1982 की दर और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित कर दिया था. बताया जा रहा है कि एजेंसी ने कहा था कि 2005 में इस पुनः आवंटन से एजेएल को अनुचित फायदा हुआ था.

Intro:एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की विशेष अदालत में आज सुनवाई हुई आरोपी व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कोर्ट में पेश हुए आरोपी मोतीलाल वोरा स्वास्थ्य ठीक ना होने के चलते हाजिरी माफी पर रहे सुनवाई में आज ईडी ने बचाव पक्ष को मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज दिए मामले की अगली सुनवाई अब 25 फरवरी को होगी आपको बता दें कि हुड्डा के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत ने पहले ही मानेसर जमीन घोटाले में जेल प्लॉट आवंटन मामले में आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है और सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं


Body:हुड्डा पर आरोप है कि हुड्डा ने 64.93 करोड़ों रुपए का प्लॉट एजेएल को 69.39 करोड़ रूपते में दिया था। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ( एजेएल ) को एक भूखंड आवंटन से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की थी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए गए थे। जानकारी के मुताबिक ईडी की जांच में पाया गया कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए यह भूखंड आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को 1982 की दर और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित कर दिया था।


Conclusion:बताया जा रहा है कि एजेंसी ने कहा था कि 2005 में इस पुनः आवंटन से एजेएल को अनुचित फायदा हुआ था।
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