पंचकूला: हरियाणा में कोविड लॉकडाउन के दौरान पुलिस और प्रशासन द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियानों की मदद से 4.32 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों एवं श्रमिकों को रेल व बसों से सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया. हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने बताया कि बीते वर्ष लॉकडाउन के दौरान सीआईडी द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन संवेदना' के तहत विशेष रेल गाड़ियों और बसों की व्यवस्था करके सभी फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके मूल राज्यों को वापस भेजा गया.
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत कोविड लॉकडाउन के दौरान अपने मूल राज्यों में लौटने के इच्छुक प्रवासियों को वापस भेजा गया. उन्होंने कहा कि 3.20 लाख प्रवासी मजदूरों और 1.11 लाख से अधिक ईंट भट्ठा श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में सुरक्षित पहुंचाने के लिए कुल 100 विशेष ट्रेनों और लगभग 6,600 बसों की व्यवस्था की गई.
डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि महामारी के दौरान मजदूरों एवं श्रमिकों को वापस उनके मूल राज्यों में भेजने का काम काफी चुनौतीपूर्ण था, इसलिए राज्य सरकार द्वारा परिवहन व्यवस्था की निगरानी करने और भारतीय रेल एवं परिवहन विभाग के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए हरियाणा के तत्कालीन अतिरिक्त डीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया.
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उन्होंने कहा कि ट्रेनों और बसों का समस्त खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया. यात्रा करने वाले सभी प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों की चिकित्सा जांच एवं थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें यात्रा के दौरान पैक्ड भोजन, पानी की बोतलें, फल एवं जूस भी दिया गया.
इसी प्रकार, अन्य राज्यों के नोडल अधिकारियों से संपर्क करके वहां फंसे हरियाणा के लगभग 16,860 निवासियों को बसों द्वारा हरियाणा वापस लाया गया. उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन संवेदना' के तहत पुलिस के इन प्रयासों की सभी वर्गों के लोगों द्वारा व्यापक सराहना भी की गई.