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अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत, परिजनों ने शव रखकर किया हंगामा

घोड़ी गांव के एक युवक की पथरी के ऑपरेशन के बाद मौत हो गई. मौत से गुस्साए परिजनों ने निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए और अस्पताल के बाहर शव रखकर हंगामा कर दिया.

youth died in palwal
अस्पताल के बाहर शव रख कर परिजनों का हंगामा
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Published : Aug 17, 2022, 10:15 PM IST

पलवलः पथरी के ऑपरेशन के डेढ़ महीने बाद 30 वर्षीय युवक की मौत (youth died in palwal) हो गई है. मौत के बाद गुस्साए मृतक के परिजनों ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण युवक को ऑपरेशन के बाद होश नहीं आया और लगभग डेढ़ महीने बाद उसने दम तोड़ दिया. गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर हंगामा किया और राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर जाम लगा दिया. हंगामे के बाद भारी संख्या में पुलिसबल को भी अस्पताल के बाहर तैनात किया गया है.

मृतक के भाई भगत सिंह ने बताया कि बीती 30 जून को उसने अपने भाई नवीन को हर्निया के इलाज के लिए किठवाड़ी चौक स्थित अग्रसेन अस्पताल (Agrasen Hospital palwal) में दाखिल करवाया था. अस्पताल के डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद पथरी बताई थी. अस्पताल के डॉक्टर सचिन और डॉक्टर जतिन ने परिजनों को कहा था कि मामूली ऑपरेशन के बाद पथरी निकाल दी जाएगी. डॉक्टर ने नवीन को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर ऑपरेशन करके पथरी तो निकाल दी लेकिन ऑपरेशन के कई घंटों बाद भी नवीन को होश नहीं आया.

युवक की मौत के बाद परिजनों के अस्पताल पर लापरवाही के आरोप

परिजनों ने नवीन को तीन जुलाई को एक अन्य अस्पताल में दाखिल करवाया जहां डॉक्टरों ने कहा कि उसका गलत तरीके से इलाज किया गया है. इसके बाद बीती 20 जुलाई को नवीन को ईएसआई अस्पताल में दाखिल कराया गया. जहां बीती 16 अगस्त को उसकी मौत हो गई. शहर थाना प्रभारी राजवीर सिंह ने बताया कि परिजनों और अस्पताल के बीच सहमति हो गई है और उन्होंने हंगामा बंद कर जाम खोल दिया है. शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया गया है.

private hospital negligence in palwal
पथरी के ऑपरेशन के बाद युवक की मौत

पलवलः पथरी के ऑपरेशन के डेढ़ महीने बाद 30 वर्षीय युवक की मौत (youth died in palwal) हो गई है. मौत के बाद गुस्साए मृतक के परिजनों ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण युवक को ऑपरेशन के बाद होश नहीं आया और लगभग डेढ़ महीने बाद उसने दम तोड़ दिया. गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर हंगामा किया और राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर जाम लगा दिया. हंगामे के बाद भारी संख्या में पुलिसबल को भी अस्पताल के बाहर तैनात किया गया है.

मृतक के भाई भगत सिंह ने बताया कि बीती 30 जून को उसने अपने भाई नवीन को हर्निया के इलाज के लिए किठवाड़ी चौक स्थित अग्रसेन अस्पताल (Agrasen Hospital palwal) में दाखिल करवाया था. अस्पताल के डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद पथरी बताई थी. अस्पताल के डॉक्टर सचिन और डॉक्टर जतिन ने परिजनों को कहा था कि मामूली ऑपरेशन के बाद पथरी निकाल दी जाएगी. डॉक्टर ने नवीन को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर ऑपरेशन करके पथरी तो निकाल दी लेकिन ऑपरेशन के कई घंटों बाद भी नवीन को होश नहीं आया.

युवक की मौत के बाद परिजनों के अस्पताल पर लापरवाही के आरोप

परिजनों ने नवीन को तीन जुलाई को एक अन्य अस्पताल में दाखिल करवाया जहां डॉक्टरों ने कहा कि उसका गलत तरीके से इलाज किया गया है. इसके बाद बीती 20 जुलाई को नवीन को ईएसआई अस्पताल में दाखिल कराया गया. जहां बीती 16 अगस्त को उसकी मौत हो गई. शहर थाना प्रभारी राजवीर सिंह ने बताया कि परिजनों और अस्पताल के बीच सहमति हो गई है और उन्होंने हंगामा बंद कर जाम खोल दिया है. शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया गया है.

private hospital negligence in palwal
पथरी के ऑपरेशन के बाद युवक की मौत
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