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पलवल: ग्राहकों के इंतजार में सब्जी किसान, दो वक्त की रोटी कमाना भी हुआ मुश्किल

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Published : Jun 10, 2020, 8:27 PM IST

पलवल में सब्जी उगाने वाले किसानों को इस वक्त मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मुनाफे की बात तो छोड़ ही दीजिए इन किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है जिस वजह से इनके लिए अपने घर चलाने भी मुश्किल हो गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने सब्जी मंडी में जाकर किसानों और आढ़तियों से बात की और उनकी परेशानी जानी.

palwal vegetable farmers facing problem
palwal vegetable farmers facing problem

पलवल: पहले से ही मौसम की मार झेल रहे किसानों को इस बार कोरोना नाम की नई मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, खासकर की सब्जी उगाने वाले किसान को. इन किसानों के घर परिवार सब्जी की खेती से चलते हैं, और इनके सामने रोजी रोटी कमाने का कोई दूसरा जरिया नहीं है. लॉकडाउन के दौरान जहां ये किसान दो वक्त की रोटी जुटाने में परेशान रहे तो रही सही कसर मौसम ने पूरी कर दी. इस बार इन किसानों पर दोहरी मार पड़ी है.

किसान को नहीं मिल रहे सब्जियों के सही भाव

एक तो पहले से ही कोरोना महामारी के कारण इन किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है, वहीं दूसरी ओर जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से भी सब्जी उगाने वाले किसान भारी परेशान हैं क्योंकि किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है और रोजाना सब्जी में किसानों को पानी देना पड़ रहा है. मंडी में सब्जी का भाव भी नहीं निकल रहा है. वहीं किसानों को सब्जी का ठीक भाव ना मिलने के कारण मंडी के आढ़ती भी परेशान हैं, क्योंकि उनका कमीशन भी कम हो गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने सब्जी मंडी में जाकर किसानों और आढ़तियों से बात की और उनकी परेशानी जानी.

मंडी में अपनी सब्जी लेकर पहुंचे किसान प्रदीप ने बताया कि इस बार भारी मात्रा में सब्जी की फसल बोई हुई है, लेकिन सब्जी का सही भाव नहीं मिलने की वजह से लागत भी नहीं निकल पा रही है. इस गर्मी के मौसम में सब्जी में रोजाना पानी देना पड़ रहा है जिससे लागत भी नहीं निकल पा रही है और सब्जी का भाव भी नहीं मिल रहा है. किसान मंडी में सब्जी लेकर भी आते हैं तो कोरोना महामारी की वजह से उनकी सब्जी नहीं बिक पा रही है, जिससे उनको भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर ना मिले सैनिटाइजर ना हो रही है स्क्रीनिंग, कोरोना का डर खत्म !

मंडी में पहुंचे एक और किसान बबलू ने बताया कि टमाटर, मिर्च की कुछ ऐसी सब्जी हैं अगर नहीं बिकी तो उनको फेंकना पड़ता है क्योंकि कुछ ज्यादा देर रखने से सब्जियां खुद ही खराब हो जाती है. डीजल भी काफी महंगा है और डीजल के द्वारा सब्जियों में पानी लगाया जाता है जिससे लागत ज्यादा पड़ती है. एक तो पहले से ही मौसम की मार पड़ रही है ऊपर से इस बार कोरोना के कारण ग्राहक भी कम आ रहे हैं, जिस वजह से रोजाना सब्जी फेंकनी पड़ती है.

किसान के साथ-साथ आढ़ती भी परेशान

वहीं किसान के अलावा मंडी के आढ़ती भी परेशान हैं. मंडी के एक आढ़ती नारायण ने बताया कि जब किसान की सब्जी ही नहीं बिकेगी तो उनको भी मुनाफा नहीं हो पाएगा क्योंकि जब किसान की सब्जी ज्यादा मात्रा में बिकेगी और किसान को ज्यादा भाव मिलेगा तभी व्यापारियों को भी मुनाफा होगा. मंडी के आढ़ती कमीशन पर सब्जियां बेचते हैं, लेकिन सब्जी के भाव कम होने की वजह से मंडी में सब्जियां नहीं बिक पा रही हैं, जो सब्जियां हैं उन सब्जियों के भाव सही नहीं मिल पा रहे हैं. जिस वजह से किसान से लेकर आढ़ती तक सभी परेशान हैं.

खराब मौसम और कोरोना महामारी, दोनों ही सब्जी उगाने वाले किसानों के सामने बड़ी चुनौती की तरह खड़ी हो गई है. किसानों के लिए अपने परिवार का पेट भरना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि क्या सरकार की तरफ से इन सब्जी उगाने वाले किसानों को कुछ राहत दी जाएगी या फिर इन किसानों को इसी तरह मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- नूंह में कुछ संगठनों ने फैलाई हिंदुओं के पलायन की खबरें, विज ने किया खंडन

पलवल: पहले से ही मौसम की मार झेल रहे किसानों को इस बार कोरोना नाम की नई मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, खासकर की सब्जी उगाने वाले किसान को. इन किसानों के घर परिवार सब्जी की खेती से चलते हैं, और इनके सामने रोजी रोटी कमाने का कोई दूसरा जरिया नहीं है. लॉकडाउन के दौरान जहां ये किसान दो वक्त की रोटी जुटाने में परेशान रहे तो रही सही कसर मौसम ने पूरी कर दी. इस बार इन किसानों पर दोहरी मार पड़ी है.

किसान को नहीं मिल रहे सब्जियों के सही भाव

एक तो पहले से ही कोरोना महामारी के कारण इन किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है, वहीं दूसरी ओर जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से भी सब्जी उगाने वाले किसान भारी परेशान हैं क्योंकि किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है और रोजाना सब्जी में किसानों को पानी देना पड़ रहा है. मंडी में सब्जी का भाव भी नहीं निकल रहा है. वहीं किसानों को सब्जी का ठीक भाव ना मिलने के कारण मंडी के आढ़ती भी परेशान हैं, क्योंकि उनका कमीशन भी कम हो गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने सब्जी मंडी में जाकर किसानों और आढ़तियों से बात की और उनकी परेशानी जानी.

मंडी में अपनी सब्जी लेकर पहुंचे किसान प्रदीप ने बताया कि इस बार भारी मात्रा में सब्जी की फसल बोई हुई है, लेकिन सब्जी का सही भाव नहीं मिलने की वजह से लागत भी नहीं निकल पा रही है. इस गर्मी के मौसम में सब्जी में रोजाना पानी देना पड़ रहा है जिससे लागत भी नहीं निकल पा रही है और सब्जी का भाव भी नहीं मिल रहा है. किसान मंडी में सब्जी लेकर भी आते हैं तो कोरोना महामारी की वजह से उनकी सब्जी नहीं बिक पा रही है, जिससे उनको भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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मंडी में पहुंचे एक और किसान बबलू ने बताया कि टमाटर, मिर्च की कुछ ऐसी सब्जी हैं अगर नहीं बिकी तो उनको फेंकना पड़ता है क्योंकि कुछ ज्यादा देर रखने से सब्जियां खुद ही खराब हो जाती है. डीजल भी काफी महंगा है और डीजल के द्वारा सब्जियों में पानी लगाया जाता है जिससे लागत ज्यादा पड़ती है. एक तो पहले से ही मौसम की मार पड़ रही है ऊपर से इस बार कोरोना के कारण ग्राहक भी कम आ रहे हैं, जिस वजह से रोजाना सब्जी फेंकनी पड़ती है.

किसान के साथ-साथ आढ़ती भी परेशान

वहीं किसान के अलावा मंडी के आढ़ती भी परेशान हैं. मंडी के एक आढ़ती नारायण ने बताया कि जब किसान की सब्जी ही नहीं बिकेगी तो उनको भी मुनाफा नहीं हो पाएगा क्योंकि जब किसान की सब्जी ज्यादा मात्रा में बिकेगी और किसान को ज्यादा भाव मिलेगा तभी व्यापारियों को भी मुनाफा होगा. मंडी के आढ़ती कमीशन पर सब्जियां बेचते हैं, लेकिन सब्जी के भाव कम होने की वजह से मंडी में सब्जियां नहीं बिक पा रही हैं, जो सब्जियां हैं उन सब्जियों के भाव सही नहीं मिल पा रहे हैं. जिस वजह से किसान से लेकर आढ़ती तक सभी परेशान हैं.

खराब मौसम और कोरोना महामारी, दोनों ही सब्जी उगाने वाले किसानों के सामने बड़ी चुनौती की तरह खड़ी हो गई है. किसानों के लिए अपने परिवार का पेट भरना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि क्या सरकार की तरफ से इन सब्जी उगाने वाले किसानों को कुछ राहत दी जाएगी या फिर इन किसानों को इसी तरह मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा.

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