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चाह कर भी टोल प्लाजा फ्री नहीं करवा पाएंगे किसान, ये है बड़ी वजह - टोल फ्री फास्टैग प्रणाली

किसानों की ओर से क्या वास्तव में टोल नाके टोल फ्री हो सकते हैं? क्योंकि, टोल प्लाजा पर फास्टैग सिस्टम लगे हैं जिसकी वजह से ऐसा हो पाना बेहद मुश्किल है.

toll plaza fastag system
चाह कर भी टोल प्लाजा फ्री नहीं कर पाएंगे किसान, ये है बड़ी वजह
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Published : Dec 12, 2020, 12:14 PM IST

पलवल: किसानों की ओर से आज टोल प्लाजा फ्री किए जा रहे हैं. कई जगहों पर टोल प्लाजा जनता के लिए फ्री भी किए जा चुके हैं, लेकिन किसानों का ये आंदोलन गाड़ियों में लगे फास्टैग की वजह से बेअसर हो सकता है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वास्तव में टोल नाके टोल फ्री हो पाएंगे ? क्योंकि सभी टोल नाकों पर फास्टैग सिस्टम लगा है. जिस वजह से फास्टैग लगे वाहनों का टोल टैक्स ऑटोमेटिक ही कट जाएगा. सिर्फ वो वाहन ही टोल फ्री हो पाएंगे जो कैश टोल टैक्स देंगे.

चाह कर भी टोल प्लाजा फ्री नहीं कर पाएंगे किसान, ये है बड़ी वजह

नेशनल हाईवे नंबर 19 पर पलवल में चल रहे टोल के इंचार्ज महेश ने बताया कि अगर नाके पर लगे बैरिकेड्स को किसान हटा भी देते हैं तो भी फास्टैग लगी गाड़ियों से टैक्स ऑटोमेटिक उनके अकाउंट से कट जाएगा. जैसे ही कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरेगा उसमें लगा फास्टैग टोल प्लाजा के ऊपर लगा फास्टैग रीडर रीड कर लेगा और चालक के अकाउंट से रुपये कट जाएंगे.

ये भी पढ़िए: किसान आंदोलन के 17वें दिन जानिए कैसे हैं गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल के हालात

उन्होंने बताया कि फास्टैग सिस्टम हेड क्वार्टर से ऑपरेट किया जाता है, इसलिए इसे टोल प्लाजा से रोका नहीं जा सकता है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि टोल प्लाजा पर 5 लाइनें फास्टैग लगी गाड़ियों के लिए है और सिर्फ एक लाइन ही कैश देने वाले वाहनों के लिए है. अगर किसान टोल फ्री करना चाहें तो भी सिर्फ एक लाइन से गुजरने वाले वाहनों को ही टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

क्या है फास्टैग?

फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है. इस टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है. इसके बाद आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क कट जाता है.

पलवल: किसानों की ओर से आज टोल प्लाजा फ्री किए जा रहे हैं. कई जगहों पर टोल प्लाजा जनता के लिए फ्री भी किए जा चुके हैं, लेकिन किसानों का ये आंदोलन गाड़ियों में लगे फास्टैग की वजह से बेअसर हो सकता है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वास्तव में टोल नाके टोल फ्री हो पाएंगे ? क्योंकि सभी टोल नाकों पर फास्टैग सिस्टम लगा है. जिस वजह से फास्टैग लगे वाहनों का टोल टैक्स ऑटोमेटिक ही कट जाएगा. सिर्फ वो वाहन ही टोल फ्री हो पाएंगे जो कैश टोल टैक्स देंगे.

चाह कर भी टोल प्लाजा फ्री नहीं कर पाएंगे किसान, ये है बड़ी वजह

नेशनल हाईवे नंबर 19 पर पलवल में चल रहे टोल के इंचार्ज महेश ने बताया कि अगर नाके पर लगे बैरिकेड्स को किसान हटा भी देते हैं तो भी फास्टैग लगी गाड़ियों से टैक्स ऑटोमेटिक उनके अकाउंट से कट जाएगा. जैसे ही कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरेगा उसमें लगा फास्टैग टोल प्लाजा के ऊपर लगा फास्टैग रीडर रीड कर लेगा और चालक के अकाउंट से रुपये कट जाएंगे.

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उन्होंने बताया कि फास्टैग सिस्टम हेड क्वार्टर से ऑपरेट किया जाता है, इसलिए इसे टोल प्लाजा से रोका नहीं जा सकता है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि टोल प्लाजा पर 5 लाइनें फास्टैग लगी गाड़ियों के लिए है और सिर्फ एक लाइन ही कैश देने वाले वाहनों के लिए है. अगर किसान टोल फ्री करना चाहें तो भी सिर्फ एक लाइन से गुजरने वाले वाहनों को ही टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

क्या है फास्टैग?

फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है. इस टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है. इसके बाद आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क कट जाता है.

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