पलवल: महात्मा गांधी सामुदायिक केंद्र एवं पंचायत भवन में आज सुपर विलेज चैलेंज प्रतियोगिता का शुभारंभ अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिहं ने किया. इस अवसर पर एसडीएम जितेंद्र कुमार, जिला पंचायत अधिकारी शमशेर सिहं, सुशासन सहयोगी मैमूना शाह, ब्लॉक पंचायत अधिकारी उपमा अरोड़ा और जिला प्रशासन के अधिकारीगण और पंचायत सेक्रेटरी और विभिन्न गांवों से आए सरपंच मौजूद थे.
अतिरिक्त उपायुक्त विवेक पदम सिंह ने कहा कि जिले में सुपर विलेज चैलेंज का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. सुपर विलेज चैलेंज प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को ग्राम पंचायतों द्वारा गांवों में लागू करना है.
योजनाओं के अनुरूप गांवों में विकास कार्य और जनहित के कार्य किए जाने हैं. जिसके आधार पर प्रत्येक ग्राम पंचायत को नंबर प्रदान किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाऐं चलाई हैं.
उन विभागों को सुपर विलेज चैलेंज प्रतियोगिता के साथ जोड़ा गया है. हर विभाग का योजना के अनुसार पैरामीटर निर्धारित किया गया है. जो ग्राम पंचायत पैरामीटर के अनुरूप कार्य करेगी. उसे विभाग नंबर देगा और जिस ग्राम पंचायत के नंबर सबसे अधिक होगें. उन्हें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा.
धनराशि प्रदान की जाएगी
उक्त ग्राम पंचायतों को डी प्लान के अंर्तगत गांव में विकास कार्य करवाने के लिए धनराशी प्रदान की जाएगी. हरियाणा में सुपर विलेज चैलेंज प्रतियोगिता के प्रथम और दूसरे चरण की शुरुआत पलवल जिले से ही शुरू की गई थी और कुछ ग्राम पंचायतों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया था.
सुपर विलेज चैलेंज प्रतियोगिता के तीसरे चरण में भी सभी पंचायतें रूची लें और इस प्रतियोगिता में जो पैरामीटर दिए गए है. उनके अनुरूप कार्य कर प्रतियोगिता में विजेता बनने की कोशिश करें.
सुपर विलेज चैलेंज प्रतियोगिता में जो पैरामीटर दिए गए हैं. उनमें जल संरक्षण को बढ़ावा देना है. ग्राम पंचायत द्वारा गांव में 75 प्रतिशत पानी के कनेक्शन को वैध करवाना है. जो पानी के कनेक्शन है. उनका रखरखाव और टेप करना शामिल है. जल जीवन मिशन के अंर्तगत हर घर को नल के माध्यम से पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाना है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुरूप गांवों में स्वाइन फ्लू पर चर्चा करना, गर्भवती महिलाओं की देखभाल करना और मृत्यु दर में कमी लाना, एनिमिया मुक्त भारत, गोल्ड कार्ड बनाना, गांवों में पोष्टिक सप्ताह मनाने और कैंप लगावाने पर नंबर प्रदान किए जाएंगे.
स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देना, कम्युनिटी टायलेट बनवाने, गांवों में कूड़ेदान लगवाने, ओडीएफ और सोलिड़ वेस्ट मैनेजमेंट करना शामिल किया गया है.
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, मनरेगा के अंर्तगत जॉब कार्ड बनवाने, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक सरकारी स्कूल में 90 से 100 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति दर्ज करवाने पर 60 नंबर और 80 से 90 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति दर्ज करवाने पर 40 नंबर प्रदान किए जाएगें.
सरकारी स्कूलों में बच्चों को साफ और स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने तथा स्कूलों की देखरेख करने पर नंबर प्रदान किए जाएंगे. गांवों में स्वंय सहायता समूह बनाने, बैंक में खाता खुलवाने, सरकारी योजनाओं के अंर्तगत ऋण उपलब्ध करवाने, ग्राम संगठन बनाने, कॉमन सर्विस सेंटर बनाने तथा गांवों में जागरूकता कैंप लगवाऐं जाएंगे.
ये भी पढ़ें- गोहाना: किसानों ने किया एसडीम कार्यालय में विरोध प्रदर्शन, मुआवजे की मांग