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पलवल में समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कृषि कानून के विरोध में किसानों को दिया समर्थन - किसान प्रदर्शन मेघा पाटेकर पलवल

समाजसेवी मेघा पाटेकर ने पलवल में किसानों को समर्थन दिया. किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.

Social worker Megha Patekar palwal
Social worker Megha Patekar palwal
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Published : Dec 10, 2020, 8:47 PM IST

पलवल: किसानों ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान समाजसेवी मेघा पाटेकर ने किसानों को समर्थन दिया. उन्होंने किसानों की हालत दयनीय बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए.

मेघा पाटेकर ने कहा कि मौजूदा सरकार संवेदनशील नहीं है. इसलिए आंदोलन चलाना किसान की मज़बूरी है. उन्होंने कहा ऐसे कानून क्यों लागू किए जिनमें इतने संशोधन की जरूरत है.

पलवल में समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कृषि कानून के विरोध में किसानों को दिया समर्थन

कृषि आज भी घाटे का सौदा है. जिसके चलते आज देश में हर सत्रह मिनट में एक किसान की आत्महत्या हो रही है. इसलिए किसान की मजबूरी है कि वो आंदोलन चलाने को मजबूर हैं. मेघा ने कहा कि अगर सरकार संवेदनशील है तो किसानों के जिस प्रस्ताव का जवाब वो इक्कीस दिन या इक्यावन दिन में देगी उसे एक दिन में भी दे सकती है.

उन्होंने कहा सरकार की मंशा ये है कि खाद्य आपूर्ति में भी पूंजी निवेश लाया जाये किसानो के जीने मरने का सवाल है आपको बता दे समाज सेवी मेधा पाटकर पर्यावरण बचाने को लेकर सक्रिय रहती है. नर्मदा बचाओ आंदोलन में वो सबसे आगे लड़ाई लड़ती नज़र आई थी. जिसके बाद नर्मदा नदी पर काफ़ी सारे छोटे बांध एवं सरोवर बांध को बनाने की अनुमती सरकार ने दी थी.

ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों पर सरकार ने निभाई जिम्मेदारी, अब किसानों के पाले में गेंद- ओपी धनखड़

किसानों को संबोधित करते हुए समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कहा कि सरकार को कृषि संबंधी तीनों कानूनों वापस लेने के साथ एमएसपी पर कानून लागू करना होगा. नहीं तो सरकार को हम सत्ता में नहीं रहने देंगे. पाटेकर ने अदानी पर निशाना साधते हुए कहा कि अनाज को अपने गौदामों में जमा करने के बाद अदानी इसे महंगी कीमतों पर बेचेंगे. जिसका असर आम आदमी पर भी पड़ेगा.

पलवल: किसानों ने विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान समाजसेवी मेघा पाटेकर ने किसानों को समर्थन दिया. उन्होंने किसानों की हालत दयनीय बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए.

मेघा पाटेकर ने कहा कि मौजूदा सरकार संवेदनशील नहीं है. इसलिए आंदोलन चलाना किसान की मज़बूरी है. उन्होंने कहा ऐसे कानून क्यों लागू किए जिनमें इतने संशोधन की जरूरत है.

पलवल में समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कृषि कानून के विरोध में किसानों को दिया समर्थन

कृषि आज भी घाटे का सौदा है. जिसके चलते आज देश में हर सत्रह मिनट में एक किसान की आत्महत्या हो रही है. इसलिए किसान की मजबूरी है कि वो आंदोलन चलाने को मजबूर हैं. मेघा ने कहा कि अगर सरकार संवेदनशील है तो किसानों के जिस प्रस्ताव का जवाब वो इक्कीस दिन या इक्यावन दिन में देगी उसे एक दिन में भी दे सकती है.

उन्होंने कहा सरकार की मंशा ये है कि खाद्य आपूर्ति में भी पूंजी निवेश लाया जाये किसानो के जीने मरने का सवाल है आपको बता दे समाज सेवी मेधा पाटकर पर्यावरण बचाने को लेकर सक्रिय रहती है. नर्मदा बचाओ आंदोलन में वो सबसे आगे लड़ाई लड़ती नज़र आई थी. जिसके बाद नर्मदा नदी पर काफ़ी सारे छोटे बांध एवं सरोवर बांध को बनाने की अनुमती सरकार ने दी थी.

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किसानों को संबोधित करते हुए समाजसेवी मेघा पाटेकर ने कहा कि सरकार को कृषि संबंधी तीनों कानूनों वापस लेने के साथ एमएसपी पर कानून लागू करना होगा. नहीं तो सरकार को हम सत्ता में नहीं रहने देंगे. पाटेकर ने अदानी पर निशाना साधते हुए कहा कि अनाज को अपने गौदामों में जमा करने के बाद अदानी इसे महंगी कीमतों पर बेचेंगे. जिसका असर आम आदमी पर भी पड़ेगा.

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