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पलवल में 'भारत टीबी मुक्त अभियान' के तहत शुरू हुआ RNTC प्रोग्राम - भारत टीबी मुक्त अभियान के तहत शुरू हुआ RNTC प्रोग्राम

पलवल में RNTC प्रोग्राम के तहत सिविल अस्पताल में दो हफ्ते से पुरानी खांसी के मरीजों को टीबी की जांच व सीबी नेट टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है.

RNTC program started under India tb Free campaign
पलवल में भारत टीबी मुक्त अभियान के तहत शुरू हुआ RNTC प्रोग्राम
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Published : Dec 4, 2019, 9:58 PM IST

पलवल: जिले में टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया गया है. जानकारी के अनुसार अस्पताल में दो हफ्ते से पुरानी खांसी के सभी मरीजों को टी बी के जांच व सीबी नेट टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है. जिसके पॉजिटिव व्यक्ति का इलाज शुरु कर दवा प्रदान की जाती हैं.

जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) ने साल 2030 तक इस कार्य को करने का समय निर्धारित किया है. लेकिन भारत सरकार साल 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है और पीएम ने टीबी मुक्त भारत अभियान की नयी राष्ट्रीय रणनीति योजना का लॉन्च किया था.

पलवल में भारत टीबी मुक्त अभियान के तहत शुरू हुआ RNTC प्रोग्राम

RNTC प्रोग्राम
अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया गया है. इस प्रोग्राम के तहत हर टीबी के मरीज की जांच की जाएगी. टीबी के मरीजों में जिस व्यक्ति को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी है तो उसके थूक की जांच की जाएगी, अगर व्यक्ति के थूक में कीटाणु पाए जाते हैं.

मरीज की जानकारी देने पर मिलेंगे 500 रुपये
उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज की जानकारी देने वाले व्यक्ति को 5 रुपये दिए जाएगे. साथ ही मरीज को भी डाइट के लिए भी 5 सौ रुपये प्रदान किए जाएगे.

एनजीओ को भी किया जएगा शामिल
उन्होंने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए जो संस्था व एनजीओ सरकार के साथ मिलकर शामिल काम करना चाहते हैं व देखभाल करना चाहते हैं, वे सरकार के साथ काम कर सकते हैं. ऐसी संस्थाओं को सरकार की ओर से मरीज का इलाज पूरा कराने पर 4 हजार रुपये से लेकर 8 हजार रुपये प्रति व्यक्ति सहायता राशि प्रदान की जाएगी. वहीं डिप्टी सीएमओ ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी के मिशन के तहत साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना है. जिसके लिए रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम चलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:गुरुग्राम से महिला के साथ मारपीट का वीडियो वायरल, आरोपी युवक गिरफ्तार

पलवल में मिले 2700 टीबी के केस
उन्होंने बताया कि पलवल जिले में लगभग 2700 टीबी के केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें 70 मरीज ऐसे है जो एचआईवी के साथ टीबी के मरीज हैं. सभी मरीजों का नियमित रूप से इलाज किया जा रहा है. टीबी के मरीजों की जांच की जा रही है. सभी सीबी नेट की रिर्पोट के बाद सेंपल करनाल लेब में भी भेजे जाते हैं. जिसके बाद मरीजों को इलाज प्रदान किया जाता है.

आशा वर्कर व एएनएम वर्करों से लिया सहयोग
उन्होंने अपील की है कि जो टीबी के मरीज है वो रैगूलर टीबी की दवाई लें, बीच में दवाई छोडऩे के दुष्परिणाम हो सकते हैं. टीबी को जिले से समाप्त करने के लिए आशा वर्कर, एएनएम वर्करों व गांव के सरपंचों से सहयोग लिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:टोक्यो-2020 में टूटेगा ओलंपिक मेडल्स का रिकॉर्ड- साक्षी मलिक

पलवल: जिले में टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया गया है. जानकारी के अनुसार अस्पताल में दो हफ्ते से पुरानी खांसी के सभी मरीजों को टी बी के जांच व सीबी नेट टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है. जिसके पॉजिटिव व्यक्ति का इलाज शुरु कर दवा प्रदान की जाती हैं.

जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) ने साल 2030 तक इस कार्य को करने का समय निर्धारित किया है. लेकिन भारत सरकार साल 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है और पीएम ने टीबी मुक्त भारत अभियान की नयी राष्ट्रीय रणनीति योजना का लॉन्च किया था.

पलवल में भारत टीबी मुक्त अभियान के तहत शुरू हुआ RNTC प्रोग्राम

RNTC प्रोग्राम
अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया गया है. इस प्रोग्राम के तहत हर टीबी के मरीज की जांच की जाएगी. टीबी के मरीजों में जिस व्यक्ति को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी है तो उसके थूक की जांच की जाएगी, अगर व्यक्ति के थूक में कीटाणु पाए जाते हैं.

मरीज की जानकारी देने पर मिलेंगे 500 रुपये
उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज की जानकारी देने वाले व्यक्ति को 5 रुपये दिए जाएगे. साथ ही मरीज को भी डाइट के लिए भी 5 सौ रुपये प्रदान किए जाएगे.

एनजीओ को भी किया जएगा शामिल
उन्होंने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए जो संस्था व एनजीओ सरकार के साथ मिलकर शामिल काम करना चाहते हैं व देखभाल करना चाहते हैं, वे सरकार के साथ काम कर सकते हैं. ऐसी संस्थाओं को सरकार की ओर से मरीज का इलाज पूरा कराने पर 4 हजार रुपये से लेकर 8 हजार रुपये प्रति व्यक्ति सहायता राशि प्रदान की जाएगी. वहीं डिप्टी सीएमओ ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी के मिशन के तहत साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना है. जिसके लिए रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम चलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:गुरुग्राम से महिला के साथ मारपीट का वीडियो वायरल, आरोपी युवक गिरफ्तार

पलवल में मिले 2700 टीबी के केस
उन्होंने बताया कि पलवल जिले में लगभग 2700 टीबी के केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें 70 मरीज ऐसे है जो एचआईवी के साथ टीबी के मरीज हैं. सभी मरीजों का नियमित रूप से इलाज किया जा रहा है. टीबी के मरीजों की जांच की जा रही है. सभी सीबी नेट की रिर्पोट के बाद सेंपल करनाल लेब में भी भेजे जाते हैं. जिसके बाद मरीजों को इलाज प्रदान किया जाता है.

आशा वर्कर व एएनएम वर्करों से लिया सहयोग
उन्होंने अपील की है कि जो टीबी के मरीज है वो रैगूलर टीबी की दवाई लें, बीच में दवाई छोडऩे के दुष्परिणाम हो सकते हैं. टीबी को जिले से समाप्त करने के लिए आशा वर्कर, एएनएम वर्करों व गांव के सरपंचों से सहयोग लिया जा रहा है.

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Intro:एंकर : पलवल, पलवल जिले में टीबी की बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया गया है। सिविल अस्पताल में टीबी के मरीजों का सीबी नेट टेस्ट किया जा रहा है। जिला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा टीबी के मरीजों की डाईट के लिए पांच सौ रूपए प्रति महीने सहायता राशी प्रदान की जा रही है।


वीओं : जिला चिकित्सा अधिकारी डा.प्रदीप शर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने टीबी की बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्ष 2025 तक देश में से टीबी को खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2030 तक इस कार्य को करने का समय निर्धारित किया है लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक ही टीबी को समाप्त करने का निश्चय किया है। इसके लिए रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम के तहत हर टीबी के मरीज की जांच की जाएगी। टीबी के मरीजों में जिस व्यक्ति को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी है। उसके थूक की जांच की जाएगी,अगर व्यक्ति के थूक में कीटाणू होगें तो तुरंत उसका इलाज शुरू कर दिया जाएगा। जिला चिकित्सा अधिकारी डा.प्रदीप शर्मा ने बताया कि जो व्यक्ति टीबी के मरीजों के बारे में सूचना देगा उसे भारत सरकार द्वारा पांच सौ रूपए का पुरूस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा टीबी के मरीजों को हर महीने डाईट के लिए पांच सौ रूपए प्रदान किए जाएगें। हर टीबी के मरीज का सीबी नेट टेस्ट किया जाएगा जिसपर करीब ढाई हजार रूपए खर्च आता है यह भी सरकार द्वारा फ्री में किया जाएगा। टीबी को समाप्त करने में जो भी व्यक्ति व संस्था सहयोग करना चहाती है उसे सरकार द्वारा प्रत्येक मरीज की देखभाल करने, दवाई देने व टीबी का इलाज पूरा करवाने की एवज में चार हजार रूपए से लेकर आठ हजार रूपए तक सहायता राशी प्रदान की जाएगी। जिला चिकित्सा अधिकारी डा. प्रदीप शर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिस भी व्यक्ति को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी है। जिसका वजन कम हो रहा हो। जिसको रात में ठंडा पसीना और बुखार आ रहा हो। वो व्यक्ति टीबी के मरीज हो सकते है। सिविल अस्पताल में आकर टीबी की मुफ्त जांच करा सकते है।

बाइट : डा. प्रदीप शर्मा जिला चिकित्सा अधिकारी पलवल फाइल नं 3

वीओं : डिप्टी सीएमओ डा.रेखा ने जानकारी देते हुए बताया कि रिवाईज नेशनल ट्यूबरक्लोसिस कंट्रोल प्रोग्राम के जरिये देश को टीबी मुक्त बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन है कि वर्ष 2025 तक इंडिया को टीबी फ्री किया जाएगा। पलवल जिले में लगभग 2700 टीबी के केस दर्ज किए गए है जिनमें से 70 मरीज ऐसे है जो एचआईवी के साथ टीबी के मरीज है। उक्त सभी मरीजों का नियमित रूप से इलाज किया जा रहा है। टीबी के मरीजों की जांच की जा रही है। जिला लेवल पर सीबी नेट जांच के माध्यम से टीबी के बारे में पता लगाया जा रहा है। सीबी नेट की रिर्पोट के बाद सेंपल करनाल लेब में भी भेजे जाते है। उन्होंने कहा कि जो टीबी के मरीज है वो रैगूलर टीबी की दवाई लें। बीच में दवाई छोडऩे के दुष्परिणाम हो सकते है। टीबी को जिले से समाप्त करने के लिए आशा वर्कर,एएनएम वर्करों व गांवों में सरपंचों से सहयोग लिया जा रहा है।

बाइट : डा.रेखा डिप्टी सीएमओं पलवल फाइल नं 4Body:hr_pal_01_t.b_visul_bite_hrc10002Conclusion:hr_pal_01_t.b_visul_bite_hrc10002
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