पलवल: जिले में एक दंपत्ति ने जवान बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली. मरने वालों की पहचान करीमपुर गांव निवासी राकेश (42), विमलेश (40) और प्रीति (17) के रूप में हुई है. इन तीनों के खिलाफ पिछले दिनों चांदहट थाना में एक वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर मरने के लिए मजबूर कर देने का मुकदमा दर्ज हुआ था. अब फिर तीन लोगों की मौत के बाद मृतकों के परिजनों ने चांदहट थाने में मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार मृतकों पर चांदहट थाना में एक व्यक्ति को आत्महत्या के विवश करने का मुकदमा दर्ज है. ये गांव छज्जुनगर निवासी आरएमपी डॉक्टर नरेन्द्र को रेप केस में फंसाने की धमकी दे रहे थे. इससे परेशान होकर उसने गत 22 जुलाई को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.
दरअसल डॉ. नरेन्द्र ने अपने भाई मोनू को फोन करके बताया था कि उसने उक्त 3 लोगों के उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग से तंग आकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए जहर खा लिया है. वॉइस रिकॉर्डिंग के अनुसार मृतक डॉ. नरेन्द्र अपने भाई से तीनों दोषियों से बदला लेने तथा कानून से सजा दिलाने की बात करता है.
इससे पहले कि नरेन्द्र का भाई उनको बचाने के लिए जाता उससे पहले नरेन्द्र की मौत हो चुकी थी. जिस पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के मात्र 4 दिन बाद एक और दर्दनाक वाकया सामने आया है. जिसमें आरोपित तीन लोगों ने ट्रेन के सामने आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है. पुलिस ने तीनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया और परिजन को सौंप दिया है.
पुलिस के सामने खड़े हुए कई सवाल
अब पुलिस के लिए ये मामला काफी पेचीदा मालूम पड़ रहा है क्योंकि इसमें एक व्यक्ति पहले जहर खाकर आत्महत्या कर लेता है और उसके बाद जिन लोगों पर उसने आरोप लगाए थे वे तीनों लोग भी ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर लेते हैं. ऐसे में सच्चाई को सामने लाना बहुत कठिन काम है. पुलिस के सामने ये भी चुनौती रहेगी कि मरने वाले माता-पिता और पुत्री वास्तव में ही जहर खा कर जान देने वाले डॉक्टर रमेश का उत्पीड़न कर रहे थे जिसके कारण उसने आत्महत्या की है या नहीं.
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