पलवल: जिले में शुक्रवार को निजी स्कूल संचालकों ने स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के मुद्दे को लेकर जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. निजी स्कूल संचालकों ने कहा कि अगर बिना स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के छात्रों का सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा तो निजी स्कूलों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि उनकी जो फीस है वो नहीं निकल पाएगी और वो अध्यापकों को भी सैलरी नहीं दे पाएंगे.
निजी स्कूल यूनियन के जिला प्रधान सतवीर ने बताया कि स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के बिना सरकारी स्कूल में दाखिला देने के आदेश के खिलाफ डीसी को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने बताया कि बिना एसएलसी के सरकारी स्कूल में दाखिला देने से निजी स्कूलों को नुकसान होगा.
क्या है मामला ?
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि जिन छात्रों के पास एसएलसी (स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) नहीं है और जो प्राइवेट से सरकारी स्कूल में आना चाहते हैं उन्हें बिना एसएलसी के ही दाखिला दे दिया जाएगा.
प्रदेश में ऐसे बहुत से छात्र हैं जो सरकारी स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से उन्हें पिछले स्कूल से एसएलसी नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में बच्चे सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन दाखिला नहीं ले पा रहे थे. जिसके बाद हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से ये फैसला लिया गया है, ताकि लॉकडाउन की वजह के किसी छात्र का भविष्य अधर में ना लटके. इस फैसले की फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्ज ऑफ हरियाणा ने निंदा की है.
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