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गन्ना मिल परिसर में किसानों ने दूसरे दिन भी की नारेबाजी, अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान - farmers Protest in palwal

दी पलवल सहकारी चीनी मिल परिसर में मिल शुरू होते ही बंद होने के कारण किसानों का धरना प्रदर्शन (farmers Protest in palwal) दूसरे दिन भी जारी रहा. किसान नेताओं का कहना है कि जब तक मिल सुचारू रूप से नहीं चलेगी. तब तक उनका धरना प्रदर्शन भी यूं ही जारी रहेगा.

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Published : Dec 4, 2022, 8:14 PM IST

पलवल: हरियाणा के दी पलवल सहकारी चीनी मिल परिसर में किसानों का धरना (farmers Protest in palwal) दूसरे दिन भी रहा जारी का पिराई सत्र शुरू होते ही मिल बंद हो गई. शुक्रवार को हरियाणा के सहकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने पिराई सत्र का शुभारंभ किया. परंतु मिल में गन्ने की पिराई शुरू नहीं हो पाई. वहीं मिल परिसर में किसानों का धरने का दूसरे दिन भी जारी रहा. मिल शुरू में होने के विरोध में शनिवार को से किसान मोर्चा पलवल के तत्वधान में मिल परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया.

किसान नेताओं का कहना है कि जब तक मिल सुचारू रूप से नहीं चलेगी. तब तक उनका धरना प्रदर्शन (farmers Protest in palwal) भी यूं ही जारी रहेगा. इस अवसर पर किसानों ने मिल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. किसानों की मानें तो सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने शुक्रवार को पिराई सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा था कि सभी किसानों का एक-एक गन्ना खरीदा जाएगा. जब तक चीनी मिल अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर लेती है. तब तक यह मिल एक मिनट के लिए भी बंद नहीं होगी.

गन्ना मिल परिसर में किसानों ने दूसरे दिन भी की नारेबाजी, मिल सुचारु रुप से चलाने की मांग

मिल में 36 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करने का लक्ष्य पूरा करने का दावा भी किया गया था. मंत्री के जाते ही मिल को बंद कर दिया गया. किसान नेता महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि मिल को शुरू करने के लिए बॉयलर का चलना जरूरी है. जबकि मिल प्रबंधन ने जनरेटर को चलाकर कुछ समय के लिए मिल को चलाने का नाटक किया. सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारीलाल के सामने मिल को सुचारु रुप से चलाने के दावे किए गए. परंतु उनके जाते ही मिल को बंद कर दिया गया. उनका कहना है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष मिल के पिराई सत्र को देरी से शुरू किया गया है.

ये भी पढ़ें- रोहतक में तेज रफ्तार कार ने रेहड़ी और स्कूटी को मारी टक्कर, हादसे में 2 लोगों की मौत

जिसके लिए सभी किसान मोर्चा ने आंदोलन करने की भी चेतावनी मिल प्रबंधन को दी थी. क्योंकि अगर समय रहते मिल के पराई सत्र को सुचारु रुप से शुरू कर दिया जाता, तो किसान अपने खेतों में समय पर गेहूं की बुवाई कर सकते थे. वहीं जिस तरह से पिछले साल के मुताबिक इस वर्ष मिल के पिराई सत्र को टेढ़ माह देरी से शुरू किया गया है. ऐसे में किसानों का पिछले 7 माह का 36 लाख क्विंटर गन्ना है. हालांकि मिल प्रबंधन का कहना है कि इस बार मिल के पिराई सत्र को 1900 टीसीडी से बढ़ाकर 2200 टीसीडी कर दिया गया है.

लेकिन उन्हें ऐसा लगता है जिस तरह से मिल शुभारंभ के बाद ही बंद हो गई. उसे किसानों का गन्ना जून माह के अंत तक ही खरीदा जा सकेगा. उन्होंने मांग की है कि सभी किसानों का गन्ना मिल प्रबंधन अप्रैल माह तक खरीद ले. क्योंकि वैशाख माह में किसानों को अपने खेतों में गेहूं की फसल की बुवाई करनी होती है. अब ऐसे में अगर वैशाख माह में किसानों के खेतों में गन्ना खड़ा रहेगा, तो वह कैसे गेहूं की फसल की बुवाई कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें- HTET की परीक्षा दे कर घर लौट रहे दंपति की सड़क हादसे में मौत

पलवल क्षेत्र में 50 फीसदी किसानों ने खेत ठेके पर लिए हुए हैं. वहीं दी पलवल सहकारी चीनी मिल के कैन मैनेजर विजेंद्र सिंह की माने तो मिल के बॉयलर में तकनीकी खामियां आने के चलते मिल को बंद कर दिया गया था. जिसे ठीक करवाने का कार्य किया जा रहा है. आज मिल को सुचारु रुप से शुरू कर दिया जाएगा और किसानों का एक-एक गन्ना मिल प्रबंधन के द्वारा खरीदा जाएगा. उन्होंने कहा कि जब भी मिल के नए पिराई सत्र का शुभारंभ किया जाता है तब मिल में इस तरह की तकनीकी खामियां सामने आती रहती हैं. जिसके चलते मिल को बंद करना पड़ता है.

पलवल: हरियाणा के दी पलवल सहकारी चीनी मिल परिसर में किसानों का धरना (farmers Protest in palwal) दूसरे दिन भी रहा जारी का पिराई सत्र शुरू होते ही मिल बंद हो गई. शुक्रवार को हरियाणा के सहकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने पिराई सत्र का शुभारंभ किया. परंतु मिल में गन्ने की पिराई शुरू नहीं हो पाई. वहीं मिल परिसर में किसानों का धरने का दूसरे दिन भी जारी रहा. मिल शुरू में होने के विरोध में शनिवार को से किसान मोर्चा पलवल के तत्वधान में मिल परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया.

किसान नेताओं का कहना है कि जब तक मिल सुचारू रूप से नहीं चलेगी. तब तक उनका धरना प्रदर्शन (farmers Protest in palwal) भी यूं ही जारी रहेगा. इस अवसर पर किसानों ने मिल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. किसानों की मानें तो सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने शुक्रवार को पिराई सत्र का शुभारंभ करते हुए कहा था कि सभी किसानों का एक-एक गन्ना खरीदा जाएगा. जब तक चीनी मिल अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर लेती है. तब तक यह मिल एक मिनट के लिए भी बंद नहीं होगी.

गन्ना मिल परिसर में किसानों ने दूसरे दिन भी की नारेबाजी, मिल सुचारु रुप से चलाने की मांग

मिल में 36 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करने का लक्ष्य पूरा करने का दावा भी किया गया था. मंत्री के जाते ही मिल को बंद कर दिया गया. किसान नेता महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि मिल को शुरू करने के लिए बॉयलर का चलना जरूरी है. जबकि मिल प्रबंधन ने जनरेटर को चलाकर कुछ समय के लिए मिल को चलाने का नाटक किया. सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारीलाल के सामने मिल को सुचारु रुप से चलाने के दावे किए गए. परंतु उनके जाते ही मिल को बंद कर दिया गया. उनका कहना है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष मिल के पिराई सत्र को देरी से शुरू किया गया है.

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जिसके लिए सभी किसान मोर्चा ने आंदोलन करने की भी चेतावनी मिल प्रबंधन को दी थी. क्योंकि अगर समय रहते मिल के पराई सत्र को सुचारु रुप से शुरू कर दिया जाता, तो किसान अपने खेतों में समय पर गेहूं की बुवाई कर सकते थे. वहीं जिस तरह से पिछले साल के मुताबिक इस वर्ष मिल के पिराई सत्र को टेढ़ माह देरी से शुरू किया गया है. ऐसे में किसानों का पिछले 7 माह का 36 लाख क्विंटर गन्ना है. हालांकि मिल प्रबंधन का कहना है कि इस बार मिल के पिराई सत्र को 1900 टीसीडी से बढ़ाकर 2200 टीसीडी कर दिया गया है.

लेकिन उन्हें ऐसा लगता है जिस तरह से मिल शुभारंभ के बाद ही बंद हो गई. उसे किसानों का गन्ना जून माह के अंत तक ही खरीदा जा सकेगा. उन्होंने मांग की है कि सभी किसानों का गन्ना मिल प्रबंधन अप्रैल माह तक खरीद ले. क्योंकि वैशाख माह में किसानों को अपने खेतों में गेहूं की फसल की बुवाई करनी होती है. अब ऐसे में अगर वैशाख माह में किसानों के खेतों में गन्ना खड़ा रहेगा, तो वह कैसे गेहूं की फसल की बुवाई कर पाएंगे.

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पलवल क्षेत्र में 50 फीसदी किसानों ने खेत ठेके पर लिए हुए हैं. वहीं दी पलवल सहकारी चीनी मिल के कैन मैनेजर विजेंद्र सिंह की माने तो मिल के बॉयलर में तकनीकी खामियां आने के चलते मिल को बंद कर दिया गया था. जिसे ठीक करवाने का कार्य किया जा रहा है. आज मिल को सुचारु रुप से शुरू कर दिया जाएगा और किसानों का एक-एक गन्ना मिल प्रबंधन के द्वारा खरीदा जाएगा. उन्होंने कहा कि जब भी मिल के नए पिराई सत्र का शुभारंभ किया जाता है तब मिल में इस तरह की तकनीकी खामियां सामने आती रहती हैं. जिसके चलते मिल को बंद करना पड़ता है.

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