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खजूर की खेती की ओर पलवल के किसान, बागवानी विभाग भी दे रहा है अनुदान - palwal news

पलवल में खजूर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस खेती के तहत किसान मोनू भारद्वाज खजूर के पौधे उगाकर खूब मुनाफा कमा रहा है. खजूर के पौधे उगाने के लिए बागवानी विभाग अनुदान भी दे रहा है.

farmer growing dates in horticulture farming in palwal
खजूर की खेती
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Published : Dec 26, 2019, 10:13 AM IST

पलवल: जिले में अब खजूर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसान खजूर की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. बागवानी विभाग ने खजूर की खेती करने के लिए 70 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को दे रहा है.

बढ़ रहा है बागवानी खेती का चलन

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि विभाग ने जिले में खजूर की खेती करने के लिए दो हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत 312 खजूर के पौधे लगाए जाने है. गांव असावटी के किसान मोनू भारद्वाज ने 80 पौधे लगाकर खजूर की खेती करनी शुरू कर दी है. आपको बता दें कि खजूर की बरही किस्म खेत पर लगाई गई है. खजूर की बरही किस्म हरियाणा प्रदेश की जलवायु के अनुकूल है.

खजूर की खेती की ओर पलवल के किसान, देखें वीडियो

उगाए जा रहे हैं खजूर के पौधे

खजूर के यह पौधे कोयंबटूर से खरीदे गए हैं. यह पौधा 8 बाई 8 मीटर पर लगाया जाता है. जिस तरह से आम फलदार पौधे लगाए जाते हैं. उसी प्रकार से खजूर के पौधे लगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी किसान एक हेक्टेयर भूमि में खजूर की खेती करने के लिए बागवानी विभाग से अनुदान प्राप्त कर सकता है.

खजूर के पौधे की कीमत 26 सौ रूपए प्रति पौधा निर्धारित की गई है. विभाग खजूर के एक पौधे पर 1950 रूपए का अनुदान दे रहा है. खजूर की फसल पांच साल में तैयार हो जाएगी और एक पौधे पर पचास किलो से अधिक प्रति पौधे से खजूर का उत्पादन होगा.

किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित

खजूर का मार्किट रेट 100 रूपए प्रति किलोग्राम है. खजूर में प्रोटीन और विटामिन की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में मार्किट में खजूर की मांग भी ज्यादा है. अब तक हम खजूर विदेश से आयात करते थे लेकिन बागवानी विभाग ने खजूर की खेती की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया है.

ये भी जाने- कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी में आज लगेगा भव्य सूर्यग्रहण मेले का आयोजन, साधु-संत करेंगे शाही स्नान

किसान मोनू उठा रहे हैं बागवानी खेती का फायदा

किसान मोनू भारद्वाज ने बताया कि अभी खजूर के 80 पौधे लगाकर खजूर की खेती शुरू कर दी है. बागवानी विभाग से करीब 156 पौधे और प्राप्त करने है. खजूर की बरही किस्म हरियाणा की जलवायु के अनुकूल है.

खजूर की खेती उपजाऊ व बंजर भूमि में भी की जा सकती है. खजूर की खेती कम पानी में भी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि उन्होंने 55 एकड़ में बागवानी की खेती करते हैं, जो परम्परागत खेती के मुकाबले अधिक फायदेमंद है.

पलवल: जिले में अब खजूर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसान खजूर की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. बागवानी विभाग ने खजूर की खेती करने के लिए 70 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को दे रहा है.

बढ़ रहा है बागवानी खेती का चलन

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि विभाग ने जिले में खजूर की खेती करने के लिए दो हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत 312 खजूर के पौधे लगाए जाने है. गांव असावटी के किसान मोनू भारद्वाज ने 80 पौधे लगाकर खजूर की खेती करनी शुरू कर दी है. आपको बता दें कि खजूर की बरही किस्म खेत पर लगाई गई है. खजूर की बरही किस्म हरियाणा प्रदेश की जलवायु के अनुकूल है.

खजूर की खेती की ओर पलवल के किसान, देखें वीडियो

उगाए जा रहे हैं खजूर के पौधे

खजूर के यह पौधे कोयंबटूर से खरीदे गए हैं. यह पौधा 8 बाई 8 मीटर पर लगाया जाता है. जिस तरह से आम फलदार पौधे लगाए जाते हैं. उसी प्रकार से खजूर के पौधे लगाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी किसान एक हेक्टेयर भूमि में खजूर की खेती करने के लिए बागवानी विभाग से अनुदान प्राप्त कर सकता है.

खजूर के पौधे की कीमत 26 सौ रूपए प्रति पौधा निर्धारित की गई है. विभाग खजूर के एक पौधे पर 1950 रूपए का अनुदान दे रहा है. खजूर की फसल पांच साल में तैयार हो जाएगी और एक पौधे पर पचास किलो से अधिक प्रति पौधे से खजूर का उत्पादन होगा.

किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित

खजूर का मार्किट रेट 100 रूपए प्रति किलोग्राम है. खजूर में प्रोटीन और विटामिन की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में मार्किट में खजूर की मांग भी ज्यादा है. अब तक हम खजूर विदेश से आयात करते थे लेकिन बागवानी विभाग ने खजूर की खेती की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया है.

ये भी जाने- कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी में आज लगेगा भव्य सूर्यग्रहण मेले का आयोजन, साधु-संत करेंगे शाही स्नान

किसान मोनू उठा रहे हैं बागवानी खेती का फायदा

किसान मोनू भारद्वाज ने बताया कि अभी खजूर के 80 पौधे लगाकर खजूर की खेती शुरू कर दी है. बागवानी विभाग से करीब 156 पौधे और प्राप्त करने है. खजूर की बरही किस्म हरियाणा की जलवायु के अनुकूल है.

खजूर की खेती उपजाऊ व बंजर भूमि में भी की जा सकती है. खजूर की खेती कम पानी में भी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि उन्होंने 55 एकड़ में बागवानी की खेती करते हैं, जो परम्परागत खेती के मुकाबले अधिक फायदेमंद है.

Intro:एंकर : पलवल, पलवल जिले में किसान खजूर की खेती की ओर अग्रसर हुए है। बागवानी विभाग द्वारा खजूर की खेती करने के लिए 70 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को प्रदान की जा रही है।


Body:वीओं : जिला बागवानी अधिकारी डा. अब्दुल रज्जाक ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा पलवल जिले में खजूर की खेती करने के लिए दो हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य दिया गया है। जिसके अंर्तगत 312 खजूर के पौधे लगाए जाने है। गांव असावट के किसान मोनू भारद्वाज ने 80 पौधे लगाकर खजूर की खेती करनी शुरू कर दी है। खजूर की बरही किस्म खेत पर लगाई गई है। खजूर की बरही किस्म हरियाणा प्रदेश की जलवायु के अनुकूल है। खजूर के यह पौधे कोयंबटूर से खरीदे गए है। यह पौधा 8 बाई 8 मीटर पर लगाया जाता है। जिस तरह से आम फलदार पौधे लगाए जाते है उसी प्रकार से खजूर के पौधे लगाए जाते है। उन्होंने बताया कि एक किसान एक हेक्टेयर भूमि में खजूर की खेती करने के लिए बागवानी विभाग से अनुदान प्राप्त कर सकता है। खजूर के पौधे की कीमत 26 सौ रूपए प्रति पौधा निर्धारित की गई है। विभाग द्वारा खजूर के एक पौधे पर 1950 रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। खजूर की फसल पांच साल में तैयार हो जाएगी और एक पौधे पर पचास किलो से अधिक प्रति पौधे से खजूर का उत्पादन होगा। खजूर का मार्किट रेट 100 रूपए प्रति किलोग्राम है। खजूर में प्रोटीन व विटामिन की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में मार्किट में खजूर की मांग भी ज्यादा है। अबतक हम खजूर विदेश से आयात करते थे लेकिन बागवानी विभाग ने खजूर की खेती की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया है। पलवल जिले के किसान खजूर की खेती की ओर अग्रसर हुए है। उन्हें उम्मीद है कि पलवल जिले में भी लोगों को विदेशी खजूर खाने को मिलेगा।

बाइट : डा.अब्दुल रज्जाक बागवानी अधिकारी पलवल फाइल नं 4

वीओं : किसान मोनू भारद्वाज ने बताया कि अभी खजूर के 80 पौधे लगाकर खजूर की खेती शुरू कर दी है। बागवानी विभाग से करीब 156 पौधे और प्राप्त करने है। खजूर की बरही किस्म हरियाणा की जलवायु के अनुकूल है। खजूर की खेती ऊपजाऊ व बंजर भूमि में भी की जा सकती है। खजूर की खेती कम पानी में भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने खजूर के जो पौधे लगाए है उनमें करीब तीन साल में ही फल आना शुरू हो जाता है। किसान मोनू भारद्वाज ने कहा कि किसान बागवानी की ओर बढें। बागवानी खेती के माध्यम से किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 55 एकड़ में बागवानी की खेती करते है जो परम्परागत खेती के मुकाबले अधिक फायदेमंद है।

बाइट : मोनू भारद्वाज किसान गांव असावटा फाइल नं 5
Conclusion:hr_pal_01_khajur_ki_kheti_visual_bite_hrc10002
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