पलवल: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर किसान पिछले 15 दिनों से डेरा डाले हुए हैं. ऐसे में कई राज्यों के किसान भी आंदोलन का समर्थन करने बॉर्डरों पर पहुंच रहे हैं. मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के किसान भी आंदोलन में शामिल होने के लिए निकले तो थे, लेकिन उन्हें पलवल में ही रोक दिया गया है. जिसके बाद से ये किसान नेशनल हाईवे 19 को जाम कर धरने पर बैठे हैं.
किसानों का कहना है कि उन्हें धरने से उठाने के लिए पुलिस से लेकर सरपंच तक कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उनका धरना तबतक जारी रहेगा, जबतक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता.
ग्वालियर से पलवल पहुंचे किसान रेशम सिंह रंधावा ने कहा कि सरकार ने जो किसानों को लेकर बिल पास किए हैं. उन्हें वापस लिया जाए, क्योंकि उन्हें उन कानूनों में कोई संसोधन नहीं चाहिए. जब किसानों को ही इन कानूनों की जरूरत नहीं है तो सरकार इन्हें क्यों बेवजह हमपर थोप रही है. उन्होंने कहा कि आज देश का किसान सड़कों पर है, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अड़ी है.
साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन और गांव के सरपंच पर भी किसानों को धमकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एसपी ने आकर उन्हें धरना हटाने के लिए कहा था. वहीं एक गांव का सरपंच भी अपने साथ 10 - 15 शरारती तत्वों के साथ मौके पर आया था और जाम को खुलवाने के लिए किसानो के साथ हाथापाई करने का प्रयास करने लगा, लेकिन किसानो की बड़ी संख्या देख सरपंच और उसके साथ आए शरारती तत्व मौके से नौ दो ग्यारह हो गए. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती है. तब तक उनका ये आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.
8 दिनों से धरने पर बैठे हैं किसान
गौरतलब है कि 8 दिन पहले पुलिस ने मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड से दिल्ली जा रहे किसानों को पलवल में रोक दिया था. पुलिस ने किसानों को केएमपी-केजीपी इंटरचेंज के पास रोका था, जिसके बाद किसान यहीं धरने पर बैठ गए. बीते 8 दिनों से किसान यहां धरना दे रहे हैं. जिस वजह से हर रोज दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर जाम लग रहा है. किसान राजमार्ग पर ही लंगर चला रहे हैं, जिसकी वजह से पुलिस और प्रशासन ने यातायात को दूसरे मार्गों से डायवर्ट किया है.