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लॉकडाउन: मासूम सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर, परिवार संग जा रहे मध्य प्रदेश - पैदल मध्यप्रदेश जा रहे बच्चे पलवल

पलवल के राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर आपको दिन-रात प्रवासी मजदूरों की भीड़ पैदल चलती दिख जाएगी. सैकड़ों मजदूर साइकिल पर नहीं तो पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जो अपने माता-पिता के साथ अपने गांव के लिए निकले हैं.

children walking towards madhya pradesh
मासूम सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर
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Published : May 7, 2020, 8:55 PM IST

पलवल: केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद प्रदेश सरकारें अपने-अपने राज्यों के प्रवासी मजदूरों को वापस बुला रही है. इसके लिए कई स्पेशल ट्रेनें भी लगाई गई हैं. बावजूद इसके कई ऐसे प्रवासी मजदूर हैं जो अब भी पैदल चलकर अपने घर जा रहे हैं.

पलवल के राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर भी आपको दिन-रात प्रवासी मजदूरों की भीड़ पैदल चलती दिख जाएगी. सैकड़ों मजदूर साइकिल पर नहीं तो पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जो अपने माता-पिता के साथ अपने गांव के लिए निकले हैं.

मासूम सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर

सुमन नाम की छोटी बच्ची ने बताया कि वो मध्यप्रदेश के छतरपुर जा रही है. उससे जब पूछा गया कि क्या उसने खाना खाया है तो उसने इसका जवाब ना में दिया. बता दें कि ये सभी प्रवासी मजदूर गुरुग्राम, दिल्ली, फरीदाबाद से अपने-अपने गांव को निलके हैं. उन्होंने बताया कि वो अबतक इंतजार कर रहे थे कि सरकार उनकी मदद करेगी जब सरकार ने कुछ नहीं किया तो ऐसे में ना चाहते हुए भी अपने छोटे बच्चों को लेकर उन्हें अपने गांव की ओर चलना पड़ा.

ये भी पढ़िए: शादी से बड़ा फर्जः चंडीगढ़ में नर्स ने कोरोना मरीजों की सेवा के लिए टाल दी शादी

गौरतलब है कि पिछले 3 दिन से रोजोना पलवल के राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों की संख्या में छोटे बच्चों के साथ जा रहे प्रवासी मजदूरों की भीड़ देखी जा रही है. कंपनी फैक्ट्री में मजदूरी करने वाले ये लोग सरकार से अब मदद की गुहार लगा रहे हैं.

पलवल: केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद प्रदेश सरकारें अपने-अपने राज्यों के प्रवासी मजदूरों को वापस बुला रही है. इसके लिए कई स्पेशल ट्रेनें भी लगाई गई हैं. बावजूद इसके कई ऐसे प्रवासी मजदूर हैं जो अब भी पैदल चलकर अपने घर जा रहे हैं.

पलवल के राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर भी आपको दिन-रात प्रवासी मजदूरों की भीड़ पैदल चलती दिख जाएगी. सैकड़ों मजदूर साइकिल पर नहीं तो पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जो अपने माता-पिता के साथ अपने गांव के लिए निकले हैं.

मासूम सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर

सुमन नाम की छोटी बच्ची ने बताया कि वो मध्यप्रदेश के छतरपुर जा रही है. उससे जब पूछा गया कि क्या उसने खाना खाया है तो उसने इसका जवाब ना में दिया. बता दें कि ये सभी प्रवासी मजदूर गुरुग्राम, दिल्ली, फरीदाबाद से अपने-अपने गांव को निलके हैं. उन्होंने बताया कि वो अबतक इंतजार कर रहे थे कि सरकार उनकी मदद करेगी जब सरकार ने कुछ नहीं किया तो ऐसे में ना चाहते हुए भी अपने छोटे बच्चों को लेकर उन्हें अपने गांव की ओर चलना पड़ा.

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गौरतलब है कि पिछले 3 दिन से रोजोना पलवल के राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों की संख्या में छोटे बच्चों के साथ जा रहे प्रवासी मजदूरों की भीड़ देखी जा रही है. कंपनी फैक्ट्री में मजदूरी करने वाले ये लोग सरकार से अब मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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