पलवल: नौकरी बहाली की मांग लेकर पिछले तीन महीनों से पीटीआई टीचर्स अनशन पर बैठे हैं. एक ओर जहां अनशनकारी प्रदेश सरकार पर उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इन पीटीआई टीचर्स को दूसरे राजनीतिक पार्टियों का साथ मिल रहा है.
बता दें कि पीटीआई टीचर्स नौकरी बहाली की मांग को लेकर पिछले 93 दिन से अनशन पर बैठे हैं. डीपी रामपाल अत्री ने कहा कि शारीरिक शिक्षक पिछले कई महीनों से लगातार नौकरी बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार चुप्पी साधकर मामले को लटकाए रखना चाहती है, जो कि उचित नहीं है.
कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने उन सभी उद्यमियों, कर्मचारियों और मजदूरों की आर्थिक सहायता दी जिन का कार्य महामारी के दौरान प्रभावित हुआ, लेकिन पीटीआई के मामले में सरकार ने कठोरतम रवैया अख्तियार किया है.
उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सरकार से मांग करता है कि वो 10 सालों से संतोषजनक सेवाएं दे रहे पीटीआई अध्यापकों की अध्यादेश के जरिए नौकरी बहाल करे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पीटीआई अध्यापको को बातचीत के लिए 1 अक्टूबर का समय दिया है. अगर उसके बावजूद भी सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे. जिसकी जिम्मेदार हरियाणा सरकार खुद होगी.
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अनशन पर बैठे पीटीआई अध्यापकों को अपना समर्थन देने पहुंचे आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष कुलदीप कौशिक ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने 1983 पीटीआई अध्यापकों को बाहर का रास्ता दिखाकर उनके और उनके परिवार के मुंह का निवाला छीन लिया है. नौकरी बहाली की मांग को लेकर पीटीआई अध्यापक और उनके परिवारवाले आज सड़कों पर आ गए हैं.