नूंह: सुनहेड़ा बॉर्डर पर किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए पिछले कई महीने से चल रहे धरने पर सोमवार को किसान मजदूर भाईचारा सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन को सफल बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता प्रोफेसर योगेंद्र यादव और भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई नेता शामिल हुए. भीषण गर्मी के बावजूद भी किसान व मजदूर कई घंटे चले इस सम्मेलन में टस से मस नहीं हुए.
सम्मेलन में राजस्थान, हरियाणा सहित कई राज्यों से आए किसान और मजदूरों ने भाग लिया. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने इस दौरान कहा कि मेवात किसान मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त सौजन्य से किसान मजदूर भाईचारा सम्मेलन आयोजित किया गया है. सरकार जब किसान आंदोलन से पूरी तरह से गिर चुकी है तो अब वह तिगड़म पर आ गई है. सरकार हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लोगों का आपस में झगड़ा करवाना चाहती है.
आरएसएस-बीजेपी बिगाड़ना चाहती है भाईचारा
उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि एक छोटी लकीर को मिटाने के लिए बड़ी लकीर खींचने की जरूरत है इसलिए आज सुनहेड़ा बॉर्डर पर हिंदू-मुस्लिम सभी लोग एक साथ आएं हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी की जो नफरत फैलाने की कोशिश है उसे हम कभी भी कामयाब नहीं होने देंगे. मेवात के भाईचारे को खराब होने की पिछले कुछ दिनों में कई बार कोशिश हो चुकी है. मेवात के किसान नेताओं पर अगर किसी प्रकार की कोई ज्यादती की गई तो पूरे देश का किसान उनके समर्थन में खड़ा दिखाई देगा.
बंगाल चुनाव में बीजेपी को छोटा इंजेक्शन लगा, यूपी में भी करेंगे विरोध
प्रोसेसर योगेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव से हमारा कोई मतलब नहीं है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी संविधान की भाषा नहीं समझती सिर्फ वोट की भाषा समझती है इसलिए मजबूरी में हमें पश्चिम बंगाल के चुनाव में जाना पड़ा और वहां लोगों से भारतीय जनता पार्टी को वोट न देने की अपील करनी पड़ी. वहां से सरकार को छोटा इंजेक्शन जरूर लगा है, लेकिन अभी उसका पूरा असर हुआ नहीं है. अगर आने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में जरूरत पड़ी तो वहां भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जाएंगे, लेकिन अभी उसका पूरी तरह से खाका तैयार नहीं किया गया है.
सुनहेड़ा बॉर्डर पर चल रहा है धरना
बता दें कि, सुनहेड़ा बॉर्डर हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर स्थित है. यहां पर पिछले कई महीनों से मौलाना अरशद मील खेड़ा के नेतृत्व में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना लगातार चल रहा है. एक बार बड़ी रैली इस धरनास्थल से किसानों के समर्थन में की जा चुकी है. जिसमें भारी भीड़ जुटाई गई थी. वहीं एक बार फिर किसान आंदोलन को मजबूती देने के साथ-साथ, हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को मजबूती देने के लिए इस सम्मेलन का आयोजम किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
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