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गेहूं की सरकारी खरीद का दूसरा दिन: सूनी पड़ी नूंह की अनाज मंडियां, बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत

गेहूं की सरकारी खरीद के दूसरे दिन भी नूंह की अनाज मंडियां खाली रहीं. बारिश की वजह से अभी तक किसानों की फसल खेत में ही पड़ी है. भीग जाने की वजह से गेहूं की फसल की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है.

wheat spoiled due to rain in haryana
wheat spoiled due to rain in haryana
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Published : Apr 2, 2023, 4:51 PM IST

नूंह: हरियाणा में एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. गेहूं खरीद के आज दूसरे दिन भी अनाज मडियां सूनी पड़ी हैं. क्योंकि बारिश की वजह अभी तक गेहूं की फसल में नमी है. एक तरफ बारिश से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. तो दूसरी तरफ फसल भीग जाने की वजह से कटाई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से बहुत की कम किसान मंडियों में गेहूं की फसल लेकर पहुंच रहे हैं. आढ़तियों से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मंडियों में गेहूं की फसल ना आने की वजह बेमौसम बरसात है.

उन्होंने कहा कि आढ़ती न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदने को पूरी तरह से तैयार है. इस बार 2125 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की सरकारी खरीद अनाज मंडी में हो रही है, लेकिन बरसात होने से कुछ दिन पहले 5 प्रतिशत से कम किसान ही अपनी फसल लेकर अनाज मंडी पहुंचे थे, उसके बाद से मौसम लगातार करवट बदल रहा है और उसी करवट बदलने से किसान परेशान हैं. आढ़ती का कहना है कि भले ही बरसात की वजह से गेहूं के दाने का रंग काला पड़ जाए, लेकिन उसमें नमी नहीं होनी चाहिए.

कुछ आढ़तियों ने यहां तक कहा कि सरकार 12 प्रतिशत नमी के साथ खरीद का मापदंड तय कर रही है, उसे बढ़ाकर 14 प्रतिशत करना चाहिए, ताकि आढ़ती को फसल खरीदने तथा किसान को फसल बेचने में ज्यादा दिक्कत ना उठानी पड़े. एक तो बेमौसम बरसात की वजह से फसल पूरी तरह से भीग कर खराब होने के कगार पर है. ऊपर से अब किसान को उसे बेचने के लिए पूरी तरह से सुखाना होगा, तभी जाकर मंडी में उसकी फसल खरीदी जाएगी. किसान अनाज मंडी के बजाय इन दिनों अपने खेतों में फसल कटाई में जुटा हुआ है.

ये भी पढ़ें- बारिश में पड़ा रहा किसानों का 'पीला सोना', मंडी प्रशासन की लापरवाही से अन्नदाताओं की मेहनत पर फिरा पानी

हरियाणा मौसम विभाग ने आज कुछ बारिश से राहत की उम्मीद जताई है. एक आढ़ती ने तो यहां तक कहा कि गेहूं की खरीदारी तो दूर अभी तक तो सरसों की खरीदारी भी नहीं हुई है. पुन्हाना अनाज मंडी में हजारों क्विंटल सरसों बिना खरीद के पिछले काफी दिनों से पड़ी हुई है. महज 2 दिन ही अनाज मंडी में सरकारी खरीद हुई थी. जिसमें तकरीबन 1000 क्विंटल सरसों खरीदी गई थी. उसके बाद से रोजाना सरसों सरकारी खरीद का भरोसा मिलता है, लेकिन खरीद नहीं हो पा रही. सबसे खास बात तो ये है कि सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद का ऐलान कर दिया है, लेकिन मार्केट कमेटी के अधिकारी अनाज मंडी से पूरी तरह गायब हैं.

नूंह: हरियाणा में एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. गेहूं खरीद के आज दूसरे दिन भी अनाज मडियां सूनी पड़ी हैं. क्योंकि बारिश की वजह अभी तक गेहूं की फसल में नमी है. एक तरफ बारिश से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. तो दूसरी तरफ फसल भीग जाने की वजह से कटाई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से बहुत की कम किसान मंडियों में गेहूं की फसल लेकर पहुंच रहे हैं. आढ़तियों से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मंडियों में गेहूं की फसल ना आने की वजह बेमौसम बरसात है.

उन्होंने कहा कि आढ़ती न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदने को पूरी तरह से तैयार है. इस बार 2125 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की सरकारी खरीद अनाज मंडी में हो रही है, लेकिन बरसात होने से कुछ दिन पहले 5 प्रतिशत से कम किसान ही अपनी फसल लेकर अनाज मंडी पहुंचे थे, उसके बाद से मौसम लगातार करवट बदल रहा है और उसी करवट बदलने से किसान परेशान हैं. आढ़ती का कहना है कि भले ही बरसात की वजह से गेहूं के दाने का रंग काला पड़ जाए, लेकिन उसमें नमी नहीं होनी चाहिए.

कुछ आढ़तियों ने यहां तक कहा कि सरकार 12 प्रतिशत नमी के साथ खरीद का मापदंड तय कर रही है, उसे बढ़ाकर 14 प्रतिशत करना चाहिए, ताकि आढ़ती को फसल खरीदने तथा किसान को फसल बेचने में ज्यादा दिक्कत ना उठानी पड़े. एक तो बेमौसम बरसात की वजह से फसल पूरी तरह से भीग कर खराब होने के कगार पर है. ऊपर से अब किसान को उसे बेचने के लिए पूरी तरह से सुखाना होगा, तभी जाकर मंडी में उसकी फसल खरीदी जाएगी. किसान अनाज मंडी के बजाय इन दिनों अपने खेतों में फसल कटाई में जुटा हुआ है.

ये भी पढ़ें- बारिश में पड़ा रहा किसानों का 'पीला सोना', मंडी प्रशासन की लापरवाही से अन्नदाताओं की मेहनत पर फिरा पानी

हरियाणा मौसम विभाग ने आज कुछ बारिश से राहत की उम्मीद जताई है. एक आढ़ती ने तो यहां तक कहा कि गेहूं की खरीदारी तो दूर अभी तक तो सरसों की खरीदारी भी नहीं हुई है. पुन्हाना अनाज मंडी में हजारों क्विंटल सरसों बिना खरीद के पिछले काफी दिनों से पड़ी हुई है. महज 2 दिन ही अनाज मंडी में सरकारी खरीद हुई थी. जिसमें तकरीबन 1000 क्विंटल सरसों खरीदी गई थी. उसके बाद से रोजाना सरसों सरकारी खरीद का भरोसा मिलता है, लेकिन खरीद नहीं हो पा रही. सबसे खास बात तो ये है कि सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद का ऐलान कर दिया है, लेकिन मार्केट कमेटी के अधिकारी अनाज मंडी से पूरी तरह गायब हैं.

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