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नूंह में दस हजार एकड़ जमीन में की गई गेहूं की बिजाई, कड़ाके की सर्दी से बंपर पैदावार की उम्मीद - सर्दी में गेहूं की बंपर पैदावार

नूंह में करीब दस हजार एकड़ जमीन में गेहूं की फसल (Wheat crop in Nuh) की बिजाई की गई है. इस बार भीषण सर्दी होने के कारण गेहूं की बंपर पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है. जिससे किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं.

Wheat crop in Nuh
नूंह में गेहूं की फसल
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Published : Dec 27, 2022, 8:09 PM IST

नूंह में दस हजार एकड़ जमीन में की गई गेहूं की बिजाई.

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले की 1 लाख 65 हजार एकड़ भूमि में गेहूं की फसल सबको अपनी और आकर्षित कर रही है. खेतों में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई दे रही है. इलाके में बढ़ी ठंड और कोहरा गेहूं की फसल के लिए काफी कारगर (Benefits of wheat crop in winter) माना जा रहा है. हरियाणा में इस बार सर्दी का सितर देखा जा रहा है जिससे गेहूं की बंपर पैदावार की संभावना जताई जा रही है.

खास बात यह है कि तकरीबन 10 हजार एकड़ भूमि में देसी गेहूं की बिजाई इस बार की गई है. देसी गेहूं का ना केवल पौधा आम गेहूं की किस्मों के मुकाबले ज्यादा बढ़ता है बल्कि उसका भूसा भी मुलायम और चमकदार होता है. साथ ही देसी गेहूं की रोटी चमकदार और मुलायम होती है, इसलिए इस इलाके के गेहूं की एनसीआर में बड़ी मांग है.

सबसे खास बात यह है की अरावली पर्वत से बरसात का पानी बहकर प्राकृतिक झीलों में आकर ठहरता है और झीलों का पानी जैसे-जैसे सूखता जाता है तो किसान उसी क्षेत्र में बिना सिंचाई के देसी गेहूं की बिजाई कर देते हैं. इस फसल में खाद की भी कोई आवश्यकता नहीं है. अरावली पर्वत से लेकर आने वाले खनिज लवण में इतनी ताकत होती है कि इस फसल को खाद की आवश्यकता नहीं होती. इस बार घना कोहरा होने के कारण फसल (fog beneficial for crops in haryana) को काफी फायदा हुआ है.

Desi wheat everyone's choice
देसी गेहूं सबकी पसंद

जिले के चंदैनी, रिठौडा बदरपुर आकेड़ा, मालब इत्यादि ऐसे गांव हैं, जहां सैकड़ों एकड़ भूमि में देसी गेहूं की खेती किसान लंबे समय से करता रहा है. आम गेहूं की किस्मों के मुकाबले बाजार में देसी गेहूं के दाम भी अच्छे मिलते हैं. इस किस्म को खरीददार हाथों-हाथ खरीद लेते हैं. जिससे किसानों को काफी फायदा होता है. ये गेहूं खाने में भी बहुत स्वादिष्ट हौता है और बिना खाद की देसी गेहूं की फसल एनसीआर के शहरों तक सप्लाई की जाती है. (Wheat crop in Nuh )

ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, हरियाणा में बनेगा रेशनलाइजेशन कमीशन

कुल मिलाकर इस बार अच्छी बरसात होने की वजह से गेहूं की खेती अच्छे होने के आसार हैं और अगर सर्दी के मौसम में कुदरत ने एक- दो बार बरसात की तो रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन से इनकार नहीं किया जा सकता. इस बार किसानों के चेहरों पर भी रौनक देखी जा सकती है. पिछली फसलों में अच्छे दाम नहीं मिलने के कारण और गेहूं भारी बरसात में खराब होने के कारण किसान काफी उदास थे लेकिन इस बार किसानों की मेहनत रंग ला रही है और कुदरत भी इस बार किसानों पर मेहरबान है.

ये भी पढ़ें: बहादुरगढ़ में दम घुटने से 3 लोगों की मौत, ठंड से बचने के लिए कमरे में लकड़ियां जला कर सो रहे थे

वहीं, जिला क्वालिटी कंट्रोलर अधिकारी अजय तोमर ने कहा कि गेहूं के लिए सर्दी काफी अच्छी है. उन्होंने कहा कि पिछले दस दिन में गेहूं की फसल काफी खराब हो गई थी. जिससे बहुत सा गेहूं खराब भी हो गया. लेकिन अभी सर्दी के कारण फसल की जल्दी ग्रोथ हुई है. उन्होंने कहा कि ठंडी हवाएं भी गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है. उनका कहना है कि किसानों को गेहूं की फसल में इस बार ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. सर्दी के कारण और जो बारिश हुई है बीच में उससे गेहूं को काफी फायदा हुआ है.

नूंह में दस हजार एकड़ जमीन में की गई गेहूं की बिजाई.

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले की 1 लाख 65 हजार एकड़ भूमि में गेहूं की फसल सबको अपनी और आकर्षित कर रही है. खेतों में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई दे रही है. इलाके में बढ़ी ठंड और कोहरा गेहूं की फसल के लिए काफी कारगर (Benefits of wheat crop in winter) माना जा रहा है. हरियाणा में इस बार सर्दी का सितर देखा जा रहा है जिससे गेहूं की बंपर पैदावार की संभावना जताई जा रही है.

खास बात यह है कि तकरीबन 10 हजार एकड़ भूमि में देसी गेहूं की बिजाई इस बार की गई है. देसी गेहूं का ना केवल पौधा आम गेहूं की किस्मों के मुकाबले ज्यादा बढ़ता है बल्कि उसका भूसा भी मुलायम और चमकदार होता है. साथ ही देसी गेहूं की रोटी चमकदार और मुलायम होती है, इसलिए इस इलाके के गेहूं की एनसीआर में बड़ी मांग है.

सबसे खास बात यह है की अरावली पर्वत से बरसात का पानी बहकर प्राकृतिक झीलों में आकर ठहरता है और झीलों का पानी जैसे-जैसे सूखता जाता है तो किसान उसी क्षेत्र में बिना सिंचाई के देसी गेहूं की बिजाई कर देते हैं. इस फसल में खाद की भी कोई आवश्यकता नहीं है. अरावली पर्वत से लेकर आने वाले खनिज लवण में इतनी ताकत होती है कि इस फसल को खाद की आवश्यकता नहीं होती. इस बार घना कोहरा होने के कारण फसल (fog beneficial for crops in haryana) को काफी फायदा हुआ है.

Desi wheat everyone's choice
देसी गेहूं सबकी पसंद

जिले के चंदैनी, रिठौडा बदरपुर आकेड़ा, मालब इत्यादि ऐसे गांव हैं, जहां सैकड़ों एकड़ भूमि में देसी गेहूं की खेती किसान लंबे समय से करता रहा है. आम गेहूं की किस्मों के मुकाबले बाजार में देसी गेहूं के दाम भी अच्छे मिलते हैं. इस किस्म को खरीददार हाथों-हाथ खरीद लेते हैं. जिससे किसानों को काफी फायदा होता है. ये गेहूं खाने में भी बहुत स्वादिष्ट हौता है और बिना खाद की देसी गेहूं की फसल एनसीआर के शहरों तक सप्लाई की जाती है. (Wheat crop in Nuh )

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कुल मिलाकर इस बार अच्छी बरसात होने की वजह से गेहूं की खेती अच्छे होने के आसार हैं और अगर सर्दी के मौसम में कुदरत ने एक- दो बार बरसात की तो रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन से इनकार नहीं किया जा सकता. इस बार किसानों के चेहरों पर भी रौनक देखी जा सकती है. पिछली फसलों में अच्छे दाम नहीं मिलने के कारण और गेहूं भारी बरसात में खराब होने के कारण किसान काफी उदास थे लेकिन इस बार किसानों की मेहनत रंग ला रही है और कुदरत भी इस बार किसानों पर मेहरबान है.

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वहीं, जिला क्वालिटी कंट्रोलर अधिकारी अजय तोमर ने कहा कि गेहूं के लिए सर्दी काफी अच्छी है. उन्होंने कहा कि पिछले दस दिन में गेहूं की फसल काफी खराब हो गई थी. जिससे बहुत सा गेहूं खराब भी हो गया. लेकिन अभी सर्दी के कारण फसल की जल्दी ग्रोथ हुई है. उन्होंने कहा कि ठंडी हवाएं भी गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है. उनका कहना है कि किसानों को गेहूं की फसल में इस बार ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. सर्दी के कारण और जो बारिश हुई है बीच में उससे गेहूं को काफी फायदा हुआ है.

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