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नूंह में सर्दी का सितम जारी, डॉक्टर ने बताया कैसे रखें सेहत का ख्याल - nuh breaking news

डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. ठंड की वजह जुकाम, खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं.

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नूंह में सर्दी का सितम जारी
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Published : Dec 17, 2019, 5:49 PM IST

नूंह: जिले में पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है. तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है. तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है. बच्चों, बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है. गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है. बाजारों में रौनक गायब है. लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है.

सेहत का रखें ख्याल

डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. ठंड की वजह जुकाम, खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं. ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहिएं.

नूंह में सर्दी का सितम जारी, देखें वीडियो

लापरवाही न बरतें

डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है. सर्दी के साथ- साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है. ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं.

शीतलहर का सितम

अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला, कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है, लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है.

शहरों, गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है. लोगों के झुंड जगह-जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. खास बात ये है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है, जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है. पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सर्दी का प्रकोप बढ़ा, अलाव बना लोगों का सहारा

नूंह: जिले में पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है. तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है. तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है. बच्चों, बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है. गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है. बाजारों में रौनक गायब है. लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है.

सेहत का रखें ख्याल

डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. ठंड की वजह जुकाम, खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं. ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहिएं.

नूंह में सर्दी का सितम जारी, देखें वीडियो

लापरवाही न बरतें

डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है. सर्दी के साथ- साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है. ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं.

शीतलहर का सितम

अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला, कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है, लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है.

शहरों, गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है. लोगों के झुंड जगह-जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. खास बात ये है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है, जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है. पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सर्दी का प्रकोप बढ़ा, अलाव बना लोगों का सहारा

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- सर्दी का सितम जारी , सेहत का रखें ख्याल
पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है। तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है। तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है। बच्चों , बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है। गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है। बाजारों में रौनक गायब है। लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। ठंड की वजह जुकाम , खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपडे ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहियें। डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है। सर्दी के साथ - साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है। ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं। अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला , कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है , लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है। शहरों , गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है। लोगों के झुंड जगह - जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है , जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है। पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बाइट;- डॉक्टर मनोज गोयल
बाइट;- सरजीत खान ग्रामीण
बाइट ;- रहीस खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- सर्दी का सितम जारी , सेहत का रखें ख्याल
पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है। तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है। तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है। बच्चों , बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है। गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है। बाजारों में रौनक गायब है। लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। ठंड की वजह जुकाम , खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपडे ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहियें। डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है। सर्दी के साथ - साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है। ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं। अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला , कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है , लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है। शहरों , गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है। लोगों के झुंड जगह - जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है , जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है। पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बाइट;- डॉक्टर मनोज गोयल
बाइट;- सरजीत खान ग्रामीण
बाइट ;- रहीस खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- सर्दी का सितम जारी , सेहत का रखें ख्याल
पिछले सप्ताह हुई ओलावृष्टि के बाद इलाके में शीत लहर का कहर जारी है। तापमान दिन में 13 डिग्री तो रात में पारा और भी नीचे लुढ़क रहा है। तेज हवाओं ने तो लोगों को घरों में कैद कर रखा है। बच्चों , बुजुर्गों की तो मानों जान पर बन आई है। गर्म कपड़ों के बावजूद भी लोगों को अलाव यानि आग का सहारा लेना पड़ रहा है। बाजारों में रौनक गायब है। लोगों का आवागमन बहुत कम दिखाई पड़ रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक दिसंबर के महीने में कई साल बाद इस तरह की कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। ठंड की वजह जुकाम , खांसी इत्यादि बीमारियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी गर्म कपडे ज्यादा से ज्यादा पहनने चाहियें। डॉक्टर मनोज गोयल ने बताया कि सर्दी लोगों की जरा सी लापरवाही पर सेहत बिगाड़ सकती है। सर्दी के साथ - साथ ओलावृष्टि की वजह से गलन महसूस हो रही है। ईंधन की खपत सर्दी में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। दुकानदार ठंड और बाजार में ग्राहक कम होने की वजह से अपनी दुकानों को समय पर नहीं बल्कि देर - सवेर खोलने को मजबूर हैं। अमूमन इस तरह की शीतलहर शिमला , कुफरी इत्यादि स्थानों पर देखने को मिलती है , लेकिन इस बार तो जमकर हुई ओलावृष्टि की वजह से नूह में भी शिमला की ठंड का एहसास लोगों को हो रहा है। शहरों , गांवों में जहां तक भी नजर जा रही है। लोगों के झुंड जगह - जगह अलाव में हाथ सेखते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि सूरज दिनभर दिखाई नहीं पड़ रहा है , जिसकी वजह से पारा लगातार नीचे गिरता जा रहा है। पहनने और खाने में लोग गर्म वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बाइट;- डॉक्टर मनोज गोयल
बाइट;- सरजीत खान ग्रामीण
बाइट ;- रहीस खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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