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बारिश से कीचड़ में बदले रास्ते, नरकीय जीवन जीने को मजबूर लोग

बरसात ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी. रास्ते कीचड़ में तब्दील हो गए हैं. लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है.

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Published : Jul 21, 2019, 11:29 PM IST

बारिश बनी आफत

नूंह: बारिश ने गांव-गांव तक विकास का दम भरने वाली मनोहर सरकार की पोल खोल कर रख दी है. आप को नूंह के एक गांव नहीं बल्कि दर्जनों गांव के रास्तों की हालत खराब हो गई. नूंह जिले के नूंह, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका तीन विधानसभाओं के गांव के करीब एक दर्जन गांव के रास्तों में कीचड़ भर गया है.

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सरकारों ने सरपंचों को लाखों-करोड़ों की ग्रांट दे दी है फिर भी इन गांव के हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है. लोगों को कीचड़ से होकर जाना पड़ रहा है. कई बार स्कूल जाने वाले बच्चे इस कीचड़ में गिर जाते हैं. मेवात जिले के दिहाना, गोहाना, बिवां, बुबलेहड़ी, बलइ, जखोपुर, सहित ऐसे दर्जनों गांव है. जिनके रास्ते बद से बदतर हो गए हैं. बरसात के कारण कच्चे रास्ते कीचड़ में बदल गए हैं. बता दें कि आने वाले समय में इन गांव में गंदगी से डेंगू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी फैलने का खतरा मंडरा सकता है.

नूंह: बारिश ने गांव-गांव तक विकास का दम भरने वाली मनोहर सरकार की पोल खोल कर रख दी है. आप को नूंह के एक गांव नहीं बल्कि दर्जनों गांव के रास्तों की हालत खराब हो गई. नूंह जिले के नूंह, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका तीन विधानसभाओं के गांव के करीब एक दर्जन गांव के रास्तों में कीचड़ भर गया है.

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सरकारों ने सरपंचों को लाखों-करोड़ों की ग्रांट दे दी है फिर भी इन गांव के हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है. लोगों को कीचड़ से होकर जाना पड़ रहा है. कई बार स्कूल जाने वाले बच्चे इस कीचड़ में गिर जाते हैं. मेवात जिले के दिहाना, गोहाना, बिवां, बुबलेहड़ी, बलइ, जखोपुर, सहित ऐसे दर्जनों गांव है. जिनके रास्ते बद से बदतर हो गए हैं. बरसात के कारण कच्चे रास्ते कीचड़ में बदल गए हैं. बता दें कि आने वाले समय में इन गांव में गंदगी से डेंगू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी फैलने का खतरा मंडरा सकता है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- पहली ही बरसात ने बिगाड़ी दर्जनों गांवों की तस्वीर।

गांव -गांव तक विकास का दम भरने वाली हरियणा की मनोहर सरकार की पोल पहली ही बरसात में खुल गई । आज आप को मेवात के एक गांव की तस्वीर नहीं बल्कि दर्जनों गांव की तस्वीर दिखाने जा रहे है। नूंह जिले के नूंह , पुन्हाना ,फिरोजपुर झिरका ,तीन विधान सभाओं के गांव की हम बात करें तो सैंकड़ों की तादात में गांव के रास्तों में कीचड़ , पानी पारा हुआ या फिर सरपंचों के करीबी गांव के दबंग लोगों ने रास्तों के किनारे कूड़ी डालकर कब्ज़ा किया हुआ है। भले ही गांव को विकसित करने के लिए प्रदेश की सरकारों ने सरपंचों को लाखों - करोड़ों की ग्रांटे दी हो लेकिन इन तस्वीरों को देखकर नहीं लगता की ग्रांट का फूटी कोड़ी भी यहां लगी हो लोगों द्वारा शिकयत देने के बाद भी सरपंच से लेकर अधिकारी नेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता
मेवात जिले के दिहाना , गोहाना , बिवां , बुबलेहड़ी , बलइ ,जखोपुर , सहित ऐसे दर्जनों गांव है जिनके फिरनी के रस्ते बद से बत्तर हो गए है बरसात के कारण कच्चे रास्तों पर कीचड़ की स्थिति बन गई। ऐसे में लोग कीचड़ युक्त रास्तों से सावधानी से निकलते है उसके बाबजूद भी कीचड़ में गिर रहे है इन गांव के रास्तों से निकना किसी चुनौती से कम नहीं है। बतादें कि अब गांव में इस गंदगी से गांवों में बुखार ,डेंगू जैसी अनेकों बीमारी फैलने का खतरा मंडरा सकता है।

बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- नयीम खान ग्रामीण।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Body:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- पहली ही बरसात ने बिगाड़ी दर्जनों गांवों की तस्वीर।

गांव -गांव तक विकास का दम भरने वाली हरियणा की मनोहर सरकार की पोल पहली ही बरसात में खुल गई । आज आप को मेवात के एक गांव की तस्वीर नहीं बल्कि दर्जनों गांव की तस्वीर दिखाने जा रहे है। नूंह जिले के नूंह , पुन्हाना ,फिरोजपुर झिरका ,तीन विधान सभाओं के गांव की हम बात करें तो सैंकड़ों की तादात में गांव के रास्तों में कीचड़ , पानी पारा हुआ या फिर सरपंचों के करीबी गांव के दबंग लोगों ने रास्तों के किनारे कूड़ी डालकर कब्ज़ा किया हुआ है। भले ही गांव को विकसित करने के लिए प्रदेश की सरकारों ने सरपंचों को लाखों - करोड़ों की ग्रांटे दी हो लेकिन इन तस्वीरों को देखकर नहीं लगता की ग्रांट का फूटी कोड़ी भी यहां लगी हो लोगों द्वारा शिकयत देने के बाद भी सरपंच से लेकर अधिकारी नेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता
मेवात जिले के दिहाना , गोहाना , बिवां , बुबलेहड़ी , बलइ ,जखोपुर , सहित ऐसे दर्जनों गांव है जिनके फिरनी के रस्ते बद से बत्तर हो गए है बरसात के कारण कच्चे रास्तों पर कीचड़ की स्थिति बन गई। ऐसे में लोग कीचड़ युक्त रास्तों से सावधानी से निकलते है उसके बाबजूद भी कीचड़ में गिर रहे है इन गांव के रास्तों से निकना किसी चुनौती से कम नहीं है। बतादें कि अब गांव में इस गंदगी से गांवों में बुखार ,डेंगू जैसी अनेकों बीमारी फैलने का खतरा मंडरा सकता है।

बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- नयीम खान ग्रामीण।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- पहली ही बरसात ने बिगाड़ी दर्जनों गांवों की तस्वीर।

गांव -गांव तक विकास का दम भरने वाली हरियणा की मनोहर सरकार की पोल पहली ही बरसात में खुल गई । आज आप को मेवात के एक गांव की तस्वीर नहीं बल्कि दर्जनों गांव की तस्वीर दिखाने जा रहे है। नूंह जिले के नूंह , पुन्हाना ,फिरोजपुर झिरका ,तीन विधान सभाओं के गांव की हम बात करें तो सैंकड़ों की तादात में गांव के रास्तों में कीचड़ , पानी पारा हुआ या फिर सरपंचों के करीबी गांव के दबंग लोगों ने रास्तों के किनारे कूड़ी डालकर कब्ज़ा किया हुआ है। भले ही गांव को विकसित करने के लिए प्रदेश की सरकारों ने सरपंचों को लाखों - करोड़ों की ग्रांटे दी हो लेकिन इन तस्वीरों को देखकर नहीं लगता की ग्रांट का फूटी कोड़ी भी यहां लगी हो लोगों द्वारा शिकयत देने के बाद भी सरपंच से लेकर अधिकारी नेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता
मेवात जिले के दिहाना , गोहाना , बिवां , बुबलेहड़ी , बलइ ,जखोपुर , सहित ऐसे दर्जनों गांव है जिनके फिरनी के रस्ते बद से बत्तर हो गए है बरसात के कारण कच्चे रास्तों पर कीचड़ की स्थिति बन गई। ऐसे में लोग कीचड़ युक्त रास्तों से सावधानी से निकलते है उसके बाबजूद भी कीचड़ में गिर रहे है इन गांव के रास्तों से निकना किसी चुनौती से कम नहीं है। बतादें कि अब गांव में इस गंदगी से गांवों में बुखार ,डेंगू जैसी अनेकों बीमारी फैलने का खतरा मंडरा सकता है।

बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- ग्रामीण।
बाइट ;- नयीम खान ग्रामीण।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
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