नूंह: बिछौर गांव के ग्रामीणों ने लघु सचिवालय के एसडीएम ऑफिस के बाहर दूसरी बार शव रखकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि श्मशान की जमीन पर ग्राम पंचायत ने जबरन कब्जा कर तलाब बनाकर मछली पाल रखी है. इससे करीब डेढ महीने पहले भी लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया था. फिर दूसरी बार बघेर समाज के लोग शव को ट्रैक्टर-ट्राली में रखकर पूरी सामग्री के साथ लघु सचिवालय पुन्हाना परिसर में पहुंच गए.
एसडीएम कार्यालय के पोर्च में शव को रखकर महिलाओं सहित लोग बैठ गए. इतना पता चलते ही बीजेपी-आरएसएस नेताओं का जमावड़ा लगने लगा तो प्रशासन के भी तमाम अधिकारी एक के बाद एक करके लघु सचिवालय में जुटने लगे.
कई अधिकारी मौके पर पहुंचे
एसडीएम, डीएसपी, तहसीलदार, बीडीपीओ, एसएचओ पुन्हाना, सिटी चौकी इंचार्ज सहित सब अधिकारी आरएसएस से जुड़े लोगों को समझाकर मामले को शांत करने में जुट गए.
पानी निकालने का काम शुरू हुआ
कई घंटे तक मान-मनव्वल का दौर चलता रहा. बीजेपी - संघ नेताओं के दवाब में आखिरकार प्रशासन के अधिकारियों को आना पड़ा. बिछोर गांव के तालाब पंचायत से पट्टे पर लेकर मछली पालन करने वाले ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज कराने तथा तुरंत पानी में मिट्टी डालकर जमीन करने की शर्त पर आरएसएस और बिछोर के लोग माने. बिछोर गांव के लोग सचिवालय में डेरा जमाकर बैठे तो मनरेगा से तुरंत मिट्टी डालने की तालाब में अनुमति मिल गई और काम भी हाथोंहाथ शुरू हो गया.
बघेल समाज सहित लोगों का आरोप है कि मछली पालन करने वाला ठेकेदार तालाब में ज्यादा पानी भरता है, जिससे उनकी श्मशान की भूमि ने भी तालाब का रूप ले लिया है. कुल मिलाकर धारा 144 का शुक्रवार - शनिवार को अधिकारियों की मौजूदगी में खूब मखौल उड़ता दिखाई दिया. दवाब के चलते बिछोर गांव के बघेल समाज के लोगों की 25 सालों की समस्या चंद घंटे में हल हो गई.
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