नूंह: अन्नदाता परेशान हैं. उसकी परेशानी की वजह बेमौसम बारिश है. बेमौसम बारिश ने किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फेरने का काम कर दिया है. कटी फसल तेज बारिश के कारण पानी में तैर रही है. वहीं जो फसल खेतों में खड़ी थी वह भी तेज हवा के साथ आई बारिश के कारण जमीन में बिछ गई. इससे ना केवल गेहूं का दाना खराब होने की चिंता किसानों को सता रही है बल्कि पशुओं के लिए चारे का संकट भी खड़ा हो सकता है. अभी भी आसमान में गहरे बादल छाए हुए हैं.
मौसम विभाग नूंह लगातार अलर्ट जारी कर रहा है. इससे रही सही कसर भी धूमिल होती दिख रही है. कुल मिलाकर इस बार बेमौसम बारिश ने किसान को झकझोरने का काम कर दिया है. इस बार अच्छी फसल की उम्मीद थी. खेतों में पीला सोना लहरा रहा था, लेकिन कुदरत के कहर से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. हरियाणा सरकार ने वैसे तो स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की बात कह दी है. लेकिन उसके बावजूद भी मौसम का मिजाज किसानों की टेंशन और बढ़ाता ही जा रहा है.
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किसानों का कहना है कि सरकार को एक-एक दाने की भरपाई किसान के लिए करनी चाहिए क्योंकि उसकी साल भर की यही मेहनत थी. जो उसके सामने खराब हो रही है. अभी तक खेतों में गेहूं की कटाई का काम चल रहा है. नूंह अनाज मंडी चंद दिन बाद गेहूं से गुलजार होने वाली थी, लेकिन कुदरत के कहर ने इसमें काफी दिक्कत खड़ी कर दी है. किसान अब अपनी फसलों को पानी सूखने के बाद बाहर निकालने का इंतजार कर रहा है. दूसरी तरफ उनकी टेंशन यह भी है कि अगर मौसम अगले एक-दो दिन साफ नहीं रहा तो गेहूं की फसल में ही फुटाव शुरू हो जाएगा, जिससे दाना खराब होगा.
कुल मिलाकर किसान जिस बंपर पैदावार की उम्मीद कर रहा था. उसकी आंखों के सामने ही कुदरत ने उसके अरमानों पर पानी फेर दिया. किसान चिंता में डूबा हुआ है कि पेट कहां से भरेगा और जो उसने कर्ज लेकर फसल की बिजाई की थी. उसकी अदायगी कहां से करेगा. जब इस बारे में कांग्रेस विधायक ललित नागर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश ने किसानों का बड़ा नुकसान किया है. जिसकी भरपाई सरकार द्वारा ही की जा सकती है. सरकार को तत्काल खराब फसलों की गिरदावरी कराकर किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए ताकि धरतीपुत्र के सामने किसी प्रकार की कोई समस्या खड़ी ना हो.