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नूंह के सरकारी अस्पतालों में धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड मशीनें, इस वजह से हैं बंद

नूंह जिले के किसी भी सामान्य अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और सरकारी अस्पताल में इन दिनों अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है. अल्ट्रासाउंड की मशीन डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से साल भर से धूल फांक रही है.

ultra sound machines locked in nuh
नूंह के सरकारी अस्पतालों में धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड मशीनें
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Published : Jan 15, 2020, 11:55 AM IST

नूंह: जिले में सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नूंह के सरकारी अस्पताल में मरीजों को ना तो डॉक्टर मिलते हैं और ना ही दवाइयां. सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ रही है.

बता दें कि नूंह जिले के किसी भी सामान्य अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और सरकारी अस्पताल में इन दिनों अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है. अल्ट्रासाउंड की मशीन डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से साल भर से धूल फांक रही है. आलम ये है कि गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड स्वास्थ्य विभाग अपने खर्चे पर निजी अस्पताल से करवाने को मजबूर हैं.

बाहर से अल्ट्रासाउंड करा रहे मरीज
नूंह वासी बाहस से अल्ट्रासाउंड करा कर डॉक्टरों के पास चले आते हैं. वहीं लड़ाई - झगड़े के केसों में बाहर से कराया गया अल्ट्रासाउंड मान्य नहीं है. ऐसी सूरत में जेब भी ढीली करनी पड़ रही है और परेशानी भी झेलनी पड़ती है. कई बार अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए विज्ञापन भी निकाले जा चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई है.

नूंह के सरकारी अस्पताल में बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीनें

ये भी पढ़िए: गुरुग्राम के बदहाल पार्कों की बदलेगी सूरत ! नगर निगम ने गठित की टीमें

जिले के सामान्य अस्पताल अल आफिया मांडीखेड़ा में भी अल्ट्रासाउंड मशीन डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से जंग खा रही है. वहीं जब इस बारे में एसएमओ डॉ.गोविंद शरण से बात की गई तो उन्होंने भी अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ की कमी की बात को स्वीकार की, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि डॉक्टर और स्टाफ की अस्पताल में कोई कमी नहीं है.

मरीजों को हो रही भारी परेशानी
वहीं जब इस बारे में मरीजों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं है. जिस वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

नूंह: जिले में सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नूंह के सरकारी अस्पताल में मरीजों को ना तो डॉक्टर मिलते हैं और ना ही दवाइयां. सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ रही है.

बता दें कि नूंह जिले के किसी भी सामान्य अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और सरकारी अस्पताल में इन दिनों अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है. अल्ट्रासाउंड की मशीन डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से साल भर से धूल फांक रही है. आलम ये है कि गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड स्वास्थ्य विभाग अपने खर्चे पर निजी अस्पताल से करवाने को मजबूर हैं.

बाहर से अल्ट्रासाउंड करा रहे मरीज
नूंह वासी बाहस से अल्ट्रासाउंड करा कर डॉक्टरों के पास चले आते हैं. वहीं लड़ाई - झगड़े के केसों में बाहर से कराया गया अल्ट्रासाउंड मान्य नहीं है. ऐसी सूरत में जेब भी ढीली करनी पड़ रही है और परेशानी भी झेलनी पड़ती है. कई बार अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए विज्ञापन भी निकाले जा चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई है.

नूंह के सरकारी अस्पताल में बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीनें

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जिले के सामान्य अस्पताल अल आफिया मांडीखेड़ा में भी अल्ट्रासाउंड मशीन डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से जंग खा रही है. वहीं जब इस बारे में एसएमओ डॉ.गोविंद शरण से बात की गई तो उन्होंने भी अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ की कमी की बात को स्वीकार की, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि डॉक्टर और स्टाफ की अस्पताल में कोई कमी नहीं है.

मरीजों को हो रही भारी परेशानी
वहीं जब इस बारे में मरीजों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं है. जिस वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी ;- अल्ट्रासाउंड मशीनों पर अस्पतालों में लटके ताले 
नूंह में सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले लोगों को डॉक्टरों के नहीं मिलने , दवाइयां पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को उठानी पड़ती है। नूंह जिले के किसी भी सामान्य अस्पताल , सीएचसी ,पीएचसी सरकारी अस्पतालों में इन दिनों अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है, अल्ट्रासाउंड की मशीन डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से साल भर  से धूल फांक रही है। गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड स्वास्थ्य विभाग अपने खर्चे पर निजी अस्पताल से करवाने को मजबूर है।कुछ लोग अज्ञानता -अनपढ़ता के चक्कर में निजी संस्थानों से अल्ट्रासाउंड करा कर डॉक्टरों के पास चले जाते हैं। लड़ाई - झगड़े के केसों में बाहर से कराया गया अल्ट्रासाउंड मान्य नहीं है। ऐसी सूरत में जेब भी ढीली करनी पड़ रही है और परेशानी भी झेलनी पड़ती है।  कई बार अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए विज्ञापन भी निकाला गया ,लेकिन अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई। जिले के सामान्य अस्पताल अल आफिया मांडीखेड़ा में भी अल्ट्रासाउंड मशीन डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से जंग खा रही है। भाजपा सरकार बेटी बचाने - बेटी पढ़ाने की बात तो करती है ,लेकिन हरियाणा के सबसे दबंग मंत्री अनिज विज का अपना स्वास्थ्य महकमा इसमें घोर लापरवाही बरत रहा है। 
Body:एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण भी अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ की कमी की बात को स्वीकार कर रहे हैं ,लेकिन डॉक्टर और स्टाफ की अस्पताल में कोई कमी नहीं है। बिजली - पानी का भी पुख्ता प्रबंध है। कुल मिलाकर स्वास्थ्य विभाग नूंह जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर पूरी तरह खरा नहीं उतर पा रहा है। महिला चिकित्सकों से लेकर स्टाफ नर्स का तो टोटा नहीं है ,लेकिन अल्ट्रासाउंड मशीन पर जड़े ताले ने सारी व्यवस्था का कचूमर निकाल रखा है। मरीजों की अगर बात करें तो मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं से वे पूरी तरह नाराज दिखाई दिए। सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड व्यवस्था नहीं होने की मार झेलनी पड़ रही है।Conclusion: बाइट;- डॉक्टर गोविंद शरण एसएमओ नूंह
 बाइट ;- नफीसा महिला 
बाइट ;-  रुस्तम खान 

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात 

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