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मच्छरों के लार्वा को खाकर गम्बूजिया मछली लगाएगी मलेरिया पर लगाम

नूंह जिले में दो नई मिनी हैचरी बनाई गई हैं. मलेरिया से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गम्बूजिया मछली छोड़कर हैचरी की शुरुआत कर दी है.

Two new mini hatcheries made for gambusia fish in nuh
Two new mini hatcheries made for gambusia fish in nuh
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Published : Aug 7, 2020, 3:32 PM IST

नूंह: मच्छर और उसके लार्वा को पूरी तरह से खत्म कर नूंह जिले से मलेरिया और डेंगू का नामोनिशान मिटाने की कोशिशों में स्वास्थ्य विभाग जी जान से जुटा हुआ है. नूंह जिले में हाई रिस्क जोन में शामिल उजीना पीएचसी तथा नूंह सीएचसी प्रांगण में एक-एक लाख की लागत से दो नई मिनी हैचरी बनाई गई हैं.

सीएचसी नूंह प्रांगण में बनाई गई नई हैचरी में शुक्रवार को एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण के अलावा स्वास्थ्य विभाग और उनकी टीम ने गम्बूजिया मछली छोड़कर उसकी शुरुआत कर दी. ये मछली मच्छर के लार्वा को पूरी तरह खा जाती है.

मलेरिया और डेंगू को जड़ से खत्म करने के लिए बनाई दो नई मिनी हैचरी, देखें वीडियो

जिला मलेरिया अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि इन हैचरी के शुरू होने से मच्छर के लार्वा के पनपने के चांस कम होंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पुनिया ने उजीना पीएचसी का दौरा किया और वहां के स्टाफ को हाई रिस्क जोन में आने वाले 10-12 गांवों में जलभराव में काला तेल, टेमीफोस दवाई तथा डेल्टा मैथिन दवाई का स्प्रे करने के अलावा फागिंग पर जोर देने की बात कही.

स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि नूंह जिले से मलेरिया और डेंगू का किसी तरह नामोनिशान मिटाया जाए. इसलिए जो हाई रिस्क जोन हैं, उन पर स्वास्थ्य विभाग की निगरानी कड़ी हो गई है. इसी दिशा में शुक्रवार को जिले के स्वास्थ्य विभाग को दो मिनी हैचरी मिल गई हैं. नूंह हैचरी की शुरुआत कर दी गई है, जबकि अगले सप्ताह उजीना पीएचसी प्रांगण में बनाई गई हैचरी की शुरुआत भी गम्बूजिया मछली डालकर कर दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- तहसीलों में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कानून को सख्त करेगी हरियाणा सरकार

नूंह: मच्छर और उसके लार्वा को पूरी तरह से खत्म कर नूंह जिले से मलेरिया और डेंगू का नामोनिशान मिटाने की कोशिशों में स्वास्थ्य विभाग जी जान से जुटा हुआ है. नूंह जिले में हाई रिस्क जोन में शामिल उजीना पीएचसी तथा नूंह सीएचसी प्रांगण में एक-एक लाख की लागत से दो नई मिनी हैचरी बनाई गई हैं.

सीएचसी नूंह प्रांगण में बनाई गई नई हैचरी में शुक्रवार को एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण के अलावा स्वास्थ्य विभाग और उनकी टीम ने गम्बूजिया मछली छोड़कर उसकी शुरुआत कर दी. ये मछली मच्छर के लार्वा को पूरी तरह खा जाती है.

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जिला मलेरिया अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि इन हैचरी के शुरू होने से मच्छर के लार्वा के पनपने के चांस कम होंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पुनिया ने उजीना पीएचसी का दौरा किया और वहां के स्टाफ को हाई रिस्क जोन में आने वाले 10-12 गांवों में जलभराव में काला तेल, टेमीफोस दवाई तथा डेल्टा मैथिन दवाई का स्प्रे करने के अलावा फागिंग पर जोर देने की बात कही.

स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि नूंह जिले से मलेरिया और डेंगू का किसी तरह नामोनिशान मिटाया जाए. इसलिए जो हाई रिस्क जोन हैं, उन पर स्वास्थ्य विभाग की निगरानी कड़ी हो गई है. इसी दिशा में शुक्रवार को जिले के स्वास्थ्य विभाग को दो मिनी हैचरी मिल गई हैं. नूंह हैचरी की शुरुआत कर दी गई है, जबकि अगले सप्ताह उजीना पीएचसी प्रांगण में बनाई गई हैचरी की शुरुआत भी गम्बूजिया मछली डालकर कर दी जाएगी.

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