नूंह: जिले के मेडिकल कॉलेज में बिलीव सॉल्यूशन सर्विसेज कंपनी आउटसोर्सिंग पार्ट-1 के तहत 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा लेने वाली थी. टेस्ट का समय 10 बजे था. लेकिन जब अभ्यर्थी परीक्षा सेंटर पहुंचे तो पता चला कि आज परीक्षा नहीं होगी.
जब अभ्यार्थी बीएसएस कंपनी के कर्मचारियों के पास पहुंचे तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं अभ्यर्थी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास जब पहुंचे तो उनकी वहां पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद अभ्यर्थियों का गुस्सा कॉलेज प्रशासन पर फूट पड़ा और वो कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. वहीं अभ्यर्थियों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.
2-2 लाख में भर्ती करने के लगाए आरोप
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर कुछ लोगों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए 2-2 लाख का सौदा किया है.
वहीं लोगों ने बताया कि कंपनी के कर्मचारियों ने कुछ लोगों से 2-2 लाख रुपये लिए हैं. अभ्यर्थियों ने बताया कि यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है. कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों, रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा रखा है.
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कंपनी के कर्मचारियों ने नहीं दी लिस्ट
मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने बताया कि स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए होने वाले टेस्ट को लेकर कंपनी के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दोपहर तक लिस्ट नहीं दी. जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा टेस्ट नहीं लिया गया. कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही का खामियाजा दूर-दराज से आए लोगों को भुगतना पड़ा.
वहीं बीएसएस कंपनी के मैनेजर रवि ने कहा कि 2-2 लाख रुपए लेने के आरोप निराधार है. किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया है. स्टाफ नर्स भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के लिए आगामी समय के बारे में अभ्यार्थियों को बता दिया जाएगा. रवि ने कहा कि करीब 212 अभ्यार्थियों ने स्टाफ नर्स के लिए आवेदन किया है.