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नूंह: नर्स भर्ती परीक्षा नहीं होने से नाराज अभ्यार्थियों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

नूंह के मेडिकल कॉलेज में बिलाव सॉल्यूशन सर्विसेज कंपनी मंगलवार को आउटसोर्सिंग पार्ट 1 के तहत 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा लेने वाली थी. लेकिन जब अभ्यार्थी कॉलेज पहुंचे तो पता चला की आज परीक्षा नहीं होगी. जिसके बाद नाराज अभ्यर्थियों ने बीएसएस कंपनी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे.

नर्स भर्ती परीक्षा नहीं होने से अभ्यार्थी नाराज
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Published : Sep 11, 2019, 7:37 AM IST

नूंह: जिले के मेडिकल कॉलेज में बिलीव सॉल्यूशन सर्विसेज कंपनी आउटसोर्सिंग पार्ट-1 के तहत 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा लेने वाली थी. टेस्ट का समय 10 बजे था. लेकिन जब अभ्यर्थी परीक्षा सेंटर पहुंचे तो पता चला कि आज परीक्षा नहीं होगी.

जब अभ्यार्थी बीएसएस कंपनी के कर्मचारियों के पास पहुंचे तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं अभ्यर्थी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास जब पहुंचे तो उनकी वहां पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद अभ्यर्थियों का गुस्सा कॉलेज प्रशासन पर फूट पड़ा और वो कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. वहीं अभ्यर्थियों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.

2-2 लाख में भर्ती करने के लगाए आरोप
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर कुछ लोगों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए 2-2 लाख का सौदा किया है.

वहीं लोगों ने बताया कि कंपनी के कर्मचारियों ने कुछ लोगों से 2-2 लाख रुपये लिए हैं. अभ्यर्थियों ने बताया कि यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है. कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों, रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा रखा है.

इसे भी पढ़ें: फतेहाबाद: शिक्षकों के पे-स्केल बदलने में करोड़ों का हेर-फेर! इस तरह लगाया करोड़ों को चूना

कंपनी के कर्मचारियों ने नहीं दी लिस्ट
मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने बताया कि स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए होने वाले टेस्ट को लेकर कंपनी के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दोपहर तक लिस्ट नहीं दी. जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा टेस्ट नहीं लिया गया. कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही का खामियाजा दूर-दराज से आए लोगों को भुगतना पड़ा.

वहीं बीएसएस कंपनी के मैनेजर रवि ने कहा कि 2-2 लाख रुपए लेने के आरोप निराधार है. किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया है. स्टाफ नर्स भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के लिए आगामी समय के बारे में अभ्यार्थियों को बता दिया जाएगा. रवि ने कहा कि करीब 212 अभ्यार्थियों ने स्टाफ नर्स के लिए आवेदन किया है.

नूंह: जिले के मेडिकल कॉलेज में बिलीव सॉल्यूशन सर्विसेज कंपनी आउटसोर्सिंग पार्ट-1 के तहत 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा लेने वाली थी. टेस्ट का समय 10 बजे था. लेकिन जब अभ्यर्थी परीक्षा सेंटर पहुंचे तो पता चला कि आज परीक्षा नहीं होगी.

जब अभ्यार्थी बीएसएस कंपनी के कर्मचारियों के पास पहुंचे तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं अभ्यर्थी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास जब पहुंचे तो उनकी वहां पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद अभ्यर्थियों का गुस्सा कॉलेज प्रशासन पर फूट पड़ा और वो कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. वहीं अभ्यर्थियों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.

2-2 लाख में भर्ती करने के लगाए आरोप
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर कुछ लोगों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए 2-2 लाख का सौदा किया है.

वहीं लोगों ने बताया कि कंपनी के कर्मचारियों ने कुछ लोगों से 2-2 लाख रुपये लिए हैं. अभ्यर्थियों ने बताया कि यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है. कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों, रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा रखा है.

इसे भी पढ़ें: फतेहाबाद: शिक्षकों के पे-स्केल बदलने में करोड़ों का हेर-फेर! इस तरह लगाया करोड़ों को चूना

कंपनी के कर्मचारियों ने नहीं दी लिस्ट
मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने बताया कि स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए होने वाले टेस्ट को लेकर कंपनी के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दोपहर तक लिस्ट नहीं दी. जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा टेस्ट नहीं लिया गया. कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी और लापरवाही का खामियाजा दूर-दराज से आए लोगों को भुगतना पड़ा.

वहीं बीएसएस कंपनी के मैनेजर रवि ने कहा कि 2-2 लाख रुपए लेने के आरोप निराधार है. किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया है. स्टाफ नर्स भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के लिए आगामी समय के बारे में अभ्यार्थियों को बता दिया जाएगा. रवि ने कहा कि करीब 212 अभ्यार्थियों ने स्टाफ नर्स के लिए आवेदन किया है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात स्टोरी :- मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स भर्ती के लिए नहीं हुई परीक्षा, नाराज अभ्यार्थियों ने नारेबाजी कर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
मेडिकल कॉलेज में बिलीव सॉल्यूशन सर्विसज (बीएसएस) कंपनी द्वारा आउटसोसिंग पार्ट-1 के तहत 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती को लेकर मंगलवार को लिखित परीक्षा न होने से अभ्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूर-दराज से आए अभ्यार्थियों ने दोपहर तक परीक्षा न होने पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले मनीष निवासी भिवानी, प्रवीन निवासी चरखी दादरी, राजेंद्र निवासी फतेहाबाद, राकेश निवासी हिसार, राधेश्याम निवासी अलवर, पवन निवासी फतेहाबाद, कंचन निवासी तावडू, पुष्पा निवासी रेवाड़ी, पूजा निवासी तावडू सहित सैंकड़ों लोग मंगलवार सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंचे। स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए टेस्ट का समय सुबह 10 बजे रखा, लेकिन दोपहर तक भी परीक्षा नहीं हुई। सभी अभ्यार्थी बीएसएस कंपनी के कर्मचारियों के पास पहुंचे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से भी किसी प्रकार का आश्वसन नहीं मिला।
2-2 लाख में भर्ती करने के लगाए आरोप :
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर कुछ लोगों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सुबह परीक्षा देने के लिए आए लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों को नौकरी देने के नाम 2-2 लाख रुपए का सौदा किया है। कुछ लोगों से 2-2 लाख कंपनी के कर्मचारियों ने ले लिए है। यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला फैला हुआ है। यहां तक की कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों, रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा रखा है।
ऐसे कैसे खत्म होगा भ्रष्टाचार :
भ्रष्टाचार खत्म करने का दम भरने वाली भाजपा सरकार का ध्यान मेडिकल कॉलेज की ओर बिल्कुल भी नहीं जा रहा है। यहां नौकरी के नाम पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। यहां सिक्योरिटी गार्डों की भर्ती करने वाली एसआइएस कंपनी के कर्मचारी पर केस तक दर्ज हुआ है। कुल मिलाकर जीरो टोलरेंस की बात करने वाले सीएम मनोहरलाल जैसी सोच के मिशन को भी कुछ लोग फ्लॉप करने में लगे हुए है।
कंपनी के कर्मचारियों ने नहीं दी लिस्ट :
स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे होने वाले टेस्ट को लेकर कंपनी के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दोपहर तक भी लिस्ट नहीं दी। जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा टेस्ट नहीं लिया गया। कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी व लापरवाही का खामियाजा दूर-दराज से आए लोगों को भुगतना पड़ा। मेडिकल कॉलेज निदेशक डा. यामिनी ने कहा कि इसमें कॉलेज प्रशासन की किसी प्रकार की गलती नहीं है। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा समय पर टेस्ट के लिए लिस्ट न देने पर टेस्ट नहीं लिया गया। वहीं बीएसएस कंपनी के मैनेजर रवि ने कहा कि 2-2 लाख रुपए लेने के आरोप निराधार है। किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया। स्टाफ नर्स भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के लिए आगामी समय के बारे में अभ्यार्थियों को बता दिया जाएगा। करीब 212 अभ्यार्थियों ने स्टाफ नर्स के लिए आवेदन किया है।
 बाइट :- मनीष 
बाइट :- प्रवीण  
बाइट :- जैकम
 संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Body:संवाददाता नूंह मेवात स्टोरी :- मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स भर्ती के लिए नहीं हुई परीक्षा, नाराज अभ्यार्थियों ने नारेबाजी कर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
मेडिकल कॉलेज में बिलीव सॉल्यूशन सर्विसज (बीएसएस) कंपनी द्वारा आउटसोसिंग पार्ट-1 के तहत 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती को लेकर मंगलवार को लिखित परीक्षा न होने से अभ्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूर-दराज से आए अभ्यार्थियों ने दोपहर तक परीक्षा न होने पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले मनीष निवासी भिवानी, प्रवीन निवासी चरखी दादरी, राजेंद्र निवासी फतेहाबाद, राकेश निवासी हिसार, राधेश्याम निवासी अलवर, पवन निवासी फतेहाबाद, कंचन निवासी तावडू, पुष्पा निवासी रेवाड़ी, पूजा निवासी तावडू सहित सैंकड़ों लोग मंगलवार सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंचे। स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए टेस्ट का समय सुबह 10 बजे रखा, लेकिन दोपहर तक भी परीक्षा नहीं हुई। सभी अभ्यार्थी बीएसएस कंपनी के कर्मचारियों के पास पहुंचे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से भी किसी प्रकार का आश्वसन नहीं मिला।
2-2 लाख में भर्ती करने के लगाए आरोप :
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर कुछ लोगों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सुबह परीक्षा देने के लिए आए लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों को नौकरी देने के नाम 2-2 लाख रुपए का सौदा किया है। कुछ लोगों से 2-2 लाख कंपनी के कर्मचारियों ने ले लिए है। यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला फैला हुआ है। यहां तक की कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों, रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा रखा है।
ऐसे कैसे खत्म होगा भ्रष्टाचार :
भ्रष्टाचार खत्म करने का दम भरने वाली भाजपा सरकार का ध्यान मेडिकल कॉलेज की ओर बिल्कुल भी नहीं जा रहा है। यहां नौकरी के नाम पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। यहां सिक्योरिटी गार्डों की भर्ती करने वाली एसआइएस कंपनी के कर्मचारी पर केस तक दर्ज हुआ है। कुल मिलाकर जीरो टोलरेंस की बात करने वाले सीएम मनोहरलाल जैसी सोच के मिशन को भी कुछ लोग फ्लॉप करने में लगे हुए है।
कंपनी के कर्मचारियों ने नहीं दी लिस्ट :
स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे होने वाले टेस्ट को लेकर कंपनी के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दोपहर तक भी लिस्ट नहीं दी। जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा टेस्ट नहीं लिया गया। कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी व लापरवाही का खामियाजा दूर-दराज से आए लोगों को भुगतना पड़ा। मेडिकल कॉलेज निदेशक डा. यामिनी ने कहा कि इसमें कॉलेज प्रशासन की किसी प्रकार की गलती नहीं है। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा समय पर टेस्ट के लिए लिस्ट न देने पर टेस्ट नहीं लिया गया। वहीं बीएसएस कंपनी के मैनेजर रवि ने कहा कि 2-2 लाख रुपए लेने के आरोप निराधार है। किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया। स्टाफ नर्स भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के लिए आगामी समय के बारे में अभ्यार्थियों को बता दिया जाएगा। करीब 212 अभ्यार्थियों ने स्टाफ नर्स के लिए आवेदन किया है।
 बाइट :- मनीष 
बाइट :- प्रवीण  
बाइट :- जैकम 
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात स्टोरी :- मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स भर्ती के लिए नहीं हुई परीक्षा, नाराज अभ्यार्थियों ने नारेबाजी कर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
मेडिकल कॉलेज में बिलीव सॉल्यूशन सर्विसज (बीएसएस) कंपनी द्वारा आउटसोसिंग पार्ट-1 के तहत 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती को लेकर मंगलवार को लिखित परीक्षा न होने से अभ्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूर-दराज से आए अभ्यार्थियों ने दोपहर तक परीक्षा न होने पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले मनीष निवासी भिवानी, प्रवीन निवासी चरखी दादरी, राजेंद्र निवासी फतेहाबाद, राकेश निवासी हिसार, राधेश्याम निवासी अलवर, पवन निवासी फतेहाबाद, कंचन निवासी तावडू, पुष्पा निवासी रेवाड़ी, पूजा निवासी तावडू सहित सैंकड़ों लोग मंगलवार सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंचे। स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए टेस्ट का समय सुबह 10 बजे रखा, लेकिन दोपहर तक भी परीक्षा नहीं हुई। सभी अभ्यार्थी बीएसएस कंपनी के कर्मचारियों के पास पहुंचे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से भी किसी प्रकार का आश्वसन नहीं मिला।
2-2 लाख में भर्ती करने के लगाए आरोप :
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स की भर्ती को लेकर कुछ लोगों ने बीएसएस कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सुबह परीक्षा देने के लिए आए लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों को नौकरी देने के नाम 2-2 लाख रुपए का सौदा किया है। कुछ लोगों से 2-2 लाख कंपनी के कर्मचारियों ने ले लिए है। यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला फैला हुआ है। यहां तक की कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों, रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा रखा है।
ऐसे कैसे खत्म होगा भ्रष्टाचार :
भ्रष्टाचार खत्म करने का दम भरने वाली भाजपा सरकार का ध्यान मेडिकल कॉलेज की ओर बिल्कुल भी नहीं जा रहा है। यहां नौकरी के नाम पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। यहां सिक्योरिटी गार्डों की भर्ती करने वाली एसआइएस कंपनी के कर्मचारी पर केस तक दर्ज हुआ है। कुल मिलाकर जीरो टोलरेंस की बात करने वाले सीएम मनोहरलाल जैसी सोच के मिशन को भी कुछ लोग फ्लॉप करने में लगे हुए है।
कंपनी के कर्मचारियों ने नहीं दी लिस्ट :
स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे होने वाले टेस्ट को लेकर कंपनी के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दोपहर तक भी लिस्ट नहीं दी। जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा टेस्ट नहीं लिया गया। कंपनी के कर्मचारियों की मनमानी व लापरवाही का खामियाजा दूर-दराज से आए लोगों को भुगतना पड़ा। मेडिकल कॉलेज निदेशक डा. यामिनी ने कहा कि इसमें कॉलेज प्रशासन की किसी प्रकार की गलती नहीं है। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा समय पर टेस्ट के लिए लिस्ट न देने पर टेस्ट नहीं लिया गया। वहीं बीएसएस कंपनी के मैनेजर रवि ने कहा कि 2-2 लाख रुपए लेने के आरोप निराधार है। किसी से कोई पैसा नहीं लिया गया। स्टाफ नर्स भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के लिए आगामी समय के बारे में अभ्यार्थियों को बता दिया जाएगा। करीब 212 अभ्यार्थियों ने स्टाफ नर्स के लिए आवेदन किया है।
 बाइट :- मनीष 
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संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। 
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