नूंह: दिल्ली से महज 70 किलोमीटर दूर हरियाणा के नूंह जिले में सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश मामला सामने आया है. घटना बसई मेव गांव की है. यहां गांव के एक दलित युवक द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने की बात सामने आई. जिसके बाद गांव का माहौल बिगड़ने लगा. हालांकि समय रहते गांव के लोगों ने प्रशासन की मदद से इस मामले को शांत करा लिया है.
क्या है मामला- दरअअसल बसई मेव गांव के एक युवक द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने की बात सामने आई. जिसके बाद गांव का माहौल बिगड़ने लगा. मामला सामने आते ही दो समुदाय के लोग आर्य समाज मंदिर में इसको लेकर बैठक बुलाई. इस बैठक में उस युवक को भी बुलाया गया जिसमें इस्लाम धर्म कबूल किया था. गांव के इस युवक ने कहा कि वह बालिग है और बिना किसी के दबाव व लालच के उसने इस्लाम धर्म को कबूल किया है. यही नहीं उसने यह भी कहा कि उसने रोजा भी रखा हुआ है. उसके बाद इस मामले की खबर हिंदू संगठन से जुड़े हुए लोगों को मिल जाती है.
हिंदू संगठन से जुड़े लोग जिस दिन गांव में मौजूद होते हैं उसी दिन गौहत्या का एक मामला राजस्थान सीमा से सटे हुए इलाके में सामने आता है. गौरक्षा दल के लोग पुलिस की मौजूदगी में गौहत्यारे की मारपिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया जाता है. इसके बाद बसई मेव गांव में दो पक्षों के बीच दरार और गहरी हो जाती है. गांव में दो समुदायों के बीच बढ़ रही दरार की खबर जिला प्रशासन के अधिकारियों को लगी. मामले की जानकारी पाते ही एसडीएम रणबीर सिंह दोनों समाज के लोगों को इक्कठा कर समझाने का काम करते हैं. एसडीएम की मौजूदगी में दोनों पक्षों के लोग आपसी भाईचारा बनाए रखने पर राजी हो जाते हैं.
हालांकि अगले दिन एक पक्ष की ओर से इस बात की अफवाह फैलाई जाती है कि मुस्लिम समाज की ओर से पंचायत कर कहा गया है कि अगर कोई दूसरे समुदाय के लोगों की दुकान से सामान खरीदेगा तो उस पर 11हजार का दंड दिया जाएगा. जबकि कुछ हिंदू समाज के लोग ही इन आरोपों को गलत बताते हैं. जब हमारी टीम ने इन आरोपों पर मुस्लिम समाज के लोगों से बात की तो उन्होंने दो टूक कहा की उन्होंने किसी प्रकार की कोई खरीदारी बंद नहीं की है. उन्होंने यह भी कहा कि गांव के ही कुछ युवक शरारती तत्वों के साथ मिले हुए हैं जो गांव के माहौल को खराब करना चाहते हैं.
क्यों फैली ये अफवाह- गांव के मुस्लिम समाज के मुताबिक गांव में सट्टा, गांजा, शराब अवैध रूप से बिकती है. कुछ दुकानों पर देर रात तक महिला दुकानदार सामान बेचती हैं. सामाजिक बुराइयों से अपने बच्चों को रोकने के लिए उन्होंने पंचायत की थी. उनका कहना है कि हमने अपने बच्चों को इन सामाजिक बुराइयों से बचाने के लिए इस पंचायत में फैसला किया कि जो भी सट्टा, शराब, गांजा के दुकान पर जाएगा उसको ग्यारह हजार रुपये का दंड देना है. इस बात को हिंदू समाज ने अपनी दुकानों की खरीददारी नहीं करने और दंड से जोड़ दिया. उन्होंने यह भी कहा कि गलत काम करने और उनको बढ़ावा देने वाले लोगों के नाम भी गांव वालों ने प्रशासनिक अधिकारियों को दे दिए हैं. ताकि कोई भी गांव के सामाजिक सौहार्द को ना बिगाड़ सके.
सबसे खास बात यह है कि इस गांव के किसी भी समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को इस सारे घटनाक्रम के बारे में कोई लिखित शिकायत नहीं दी। बसई मेव गांव के हिंदू समाज के कई पुरुष व महिलाओं ने बताया की उन्हें इस गांव में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. कुछ लोगों ने इसे बिगाड़ने की कोशिश की लेकिन यहां आपसी भाईचारा काफी बेहतर है.
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