नूंह: अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए बंगले को भले ही आज पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस नूंह के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसकी लुक आज भी देखने लायक है. इस रेस्ट हाउस में लोग शुद्ध हवा एवं खूबसूरत पार्क में फूलों -हरियाली का आनंद लेने के लिए सुबह घूमने आते थे, साथ ही दिन भर इसमें बैठकों -पंचायतों ,कार्यक्रमों का दौर जारी रहता था. लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने इस खूबसूरत रेस्ट हाउस की सूरत बदल दी है. शुद्ध हवाओं के बजाय अब यहां बदबूदार हवा से लोगों को दो चार होना पड़ रहा है. क्योंकि सीवरेज व्यवस्था नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
रेस्ट हाउस के रास्ते से गुजरने वाले लोगों को बदबू व गंदगी के साथ-साथ जल भराव की वजह से मुंह पर कपड़ा ढककर निकलना पड़ रहा है. रेस्ट हाउस के पार्क में अब खूबसूरत घास पानी में गंदगी से ढक चुकी है. रेस्ट हाउस के कर्मचारी पिछले तीन-चार दिन से जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सीवर की सफाई करने की गुहार लगा रहे हैं ,लेकिन अधिकारी है कि सुनने का नाम नहीं ले रहे. खानापूर्ति के लिए मंगलवार को जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एक मशीन साथ ले लेकर पहुंचे तो जरूर , लेकिन रेस्ट हाउस की जो फ़िजा फिलहाल है , उसे सुधारने में लंबा वक्त लग सकता है.
शहर में पार्क इत्यादि की व्यवस्था बेहतर नहीं होने की वजह से लोग ज्यादातर रेस्ट हाउस में टहलते थे. साथ ही शहर के बीचोंबीच बने इस रेस्ट हाउस से लोगों का दिनभर आना जाना लगा रहता था. सीवर ओवरफ्लो होने के चलते उफनने लगा तो राहगीरों को ही नहीं बल्कि रेस्ट हाउस में रुकने वाले कर्मचारियों , अधिकारियों के अलावा नेताओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा आसपास रहने वाले लोगों और सरकारी कर्मचारियों को भी हवा चलने पर बदबू ने तंग आ चुका है.