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करोड़ों खर्च करके ऐसा बनाया नूंह का बस अड्डा भवन, जरा सी बारिश में टपकती है छत - रोडवेज विभाग

जिला मुख्यालय नूंह में करीब 11 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए आलीशान बस अड्डे की ईमारत अंदर से खोखली है. यहां जरा सी बारिश में छत से पानी टपकता है.

nuh roadways building
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Published : Aug 18, 2019, 12:19 PM IST

नूंह: एक कहावत है कि 'इतना डर नाहर का नहीं, जितना टपके का'. इसी कहावत को नूंह में पूरा होते हुए देखा जा सकता है. रोडवेज विभाग के खूबसूरत दिखने वाले भवन में बरसात के सीजन में लोग बेहद परेशान रहते हैं. परेशानी की वजह है छत से टपकता पानी.

नूंह के बस अड्डा भवन की छत जरा सी बारिश में ही टपकने लगती है, देखें ये वीडियो.

विभाग के कर्मचारियों ने भवन निर्माण का काम संभालने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग और निर्माण करने वाले ठेकेदार पर मिलीभगत कर घटिया सामग्री लगाने का आरोप लगाया है. साथ ही डीसी से रोडवेज यूनियन से जुड़े कुछ कर्मचारियों की शिकायत भी की है.

कर्मचारियों के मुताबिक नूंह बस अड्डा कैथल के बाद खूबसूरती और व्यवस्थाओं के हिसाब से दूसरे नंबर पर आता है. वर्ष 2014 में पूर्व सीएम हुड्डा के कार्यकाल में इसकी आधारशिला रखी गई थी और बस अड्डा जुलाई 2016 में बनकर तैयार हुआ. बस अड्डा परिसर में एक भी कमरा ऐसा नहीं है जहां रिकार्ड एवं फर्नीचर इत्यादि के भीगने का खतरा न बना रहता हो.

पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई आवेश कुमार कर्मचारियों के साथ भवन की मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं. भवन उद्घाटन के बाद से ही पिछले तीन वर्षों से लगातार टपक रहा है. जेई ने कहा कि विभाग जल्द ही इसको ठीक करा देगा. छत की टाइल के जोड़ खुलने की वजह से भवन टपक रहा है. सप्ताह भर से पहले ही इसे पूरी तरह ठीक करा दिया जायेगा.

वहीं रोडवेज विभाग के कर्मचारियों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि विजिलेंस विभाग से इस मामले की जांच कराई जाएगी. सप्ताह भर में बस अड्डा भवन को ठीक नहीं किया तो प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक की नौबत आ सकती है.

नूंह: एक कहावत है कि 'इतना डर नाहर का नहीं, जितना टपके का'. इसी कहावत को नूंह में पूरा होते हुए देखा जा सकता है. रोडवेज विभाग के खूबसूरत दिखने वाले भवन में बरसात के सीजन में लोग बेहद परेशान रहते हैं. परेशानी की वजह है छत से टपकता पानी.

नूंह के बस अड्डा भवन की छत जरा सी बारिश में ही टपकने लगती है, देखें ये वीडियो.

विभाग के कर्मचारियों ने भवन निर्माण का काम संभालने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग और निर्माण करने वाले ठेकेदार पर मिलीभगत कर घटिया सामग्री लगाने का आरोप लगाया है. साथ ही डीसी से रोडवेज यूनियन से जुड़े कुछ कर्मचारियों की शिकायत भी की है.

कर्मचारियों के मुताबिक नूंह बस अड्डा कैथल के बाद खूबसूरती और व्यवस्थाओं के हिसाब से दूसरे नंबर पर आता है. वर्ष 2014 में पूर्व सीएम हुड्डा के कार्यकाल में इसकी आधारशिला रखी गई थी और बस अड्डा जुलाई 2016 में बनकर तैयार हुआ. बस अड्डा परिसर में एक भी कमरा ऐसा नहीं है जहां रिकार्ड एवं फर्नीचर इत्यादि के भीगने का खतरा न बना रहता हो.

पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई आवेश कुमार कर्मचारियों के साथ भवन की मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं. भवन उद्घाटन के बाद से ही पिछले तीन वर्षों से लगातार टपक रहा है. जेई ने कहा कि विभाग जल्द ही इसको ठीक करा देगा. छत की टाइल के जोड़ खुलने की वजह से भवन टपक रहा है. सप्ताह भर से पहले ही इसे पूरी तरह ठीक करा दिया जायेगा.

वहीं रोडवेज विभाग के कर्मचारियों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि विजिलेंस विभाग से इस मामले की जांच कराई जाएगी. सप्ताह भर में बस अड्डा भवन को ठीक नहीं किया तो प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक की नौबत आ सकती है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- बस अड्डा नूंह की आलीशान ईमारत अंदर से खोखली , बरसात में टपकता है पानी
जिला मुख्यालय नूंह में करीब 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ आलीशान बस अड्डा भवन की ईमारत अंदर से खोखली है। रोडवेज विभाग बरसात के सीजन में इस खूबसूरत दिखने वाले भवन में बेहद परेशान रहता है। परेशानी की वजह है छत से पड़ने वाला टपका। एक कहावत है कि इतना डर नाहर का नहीं , जितना टपका का। उसी कहावत को यहां पूरा होते हुए देखा जा सकता है। विभाग के कर्मचारी भवन निर्माण का काम संभालने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग और निर्माण करने वाले ठेकेदार पर मिलीभगत कर घटिया सामग्री लगाने का आरोप ही नहीं लगा रहे बल्कि डीसी पंकज से रोडवेज यूनियन से जुड़े कर्मचारी शिकायत भी करने जा रहे हैं।
कर्मचारियों के मुताबिक नूंह बस अड्डा कैथल के बाद खूबसूरती और व्यवस्थाओं के हिसाब से दूसरे नंबर पर आता है। बस अड्डा जुलाई 2016 में बनकर तैयार हुआ। चौदह करोड़ की अनुमानित लागत में से 11 करोड़ की राशि निर्माण पर खर्च हुई। वर्ष 2014 में पूर्व सीएम हुड्डा के कार्यकाल में आधारशिला रखी गई। बस अड्डा परिसर में जीएम कार्यालय , कमरे , बरामदा इत्यादि बने हुए हैं , लेकिन एक भी कमरा ऐसा नहीं है , जिसमें रिकार्ड एवं फर्नीचर इत्यादि के भीगने का खतरा न बना रहता हो। रोडवेज विभाग ने कई बार बस अड्डा भवन के टपकने की शिकायत बरसात के सीजन में की , लेकिन एक - दो कर्मचारी भेजकर इतिश्री कर दी। फ़िलहाल भी पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई आवेश कुमार कर्मचारियों से भवन की मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं। भवन उद्घाटन के बाद से ही पिछले तीन वर्षों से लगातार टपक रहा है। बरसात मानों खुले आसमान के नीचे बरस रहा हो , जेई ने कहा कि विभाग जल्द ही इसको ठीक करा देगा। छत की टाइल के जोड़ खुलने की वजह से भवन टपकता है। सप्ताह भर से पहले ही इसे पूरी तरह ठीक करा दिया जायेगा , लेकिन सवाल इस बात का है कि 11 करोड़ खर्च करने के बाद आलीशान भवन टपकता है , जबकि इस तरह तो झोंपड़ी भी नहीं टपकती। रोडवेज विभाग के कर्मचारियों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बिजिलेंस विभाग से मामले की जांच कराई जाएगी। सप्ताह भर में लोक निर्माण विभाग ने बस अड्डा भवन को ठीक नहीं किया तो प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक की नौबत आ सकती है। आने वाले समय में बस अड्डा के टपकने को लेकर नूंह की राजनीति में भी उबाल देखने को मिल सकता है। यह शायद पहला अवसर है जब किसी विभाग के कर्मचारियों ने सिस्टम पर सवाल खड़े किये हों , नियमों को ताक पर रख जिले में आलीशान इमारतों को बनाने की जिम्मेवारी संभालने वाले अधिकारियों तथा ठेकेदारों की मुसीबत भी बिजिलेंस जांच होने से बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाइट;- इक़बाल प्रधान रोडवेज यूनियन नूंह
बाइट;- आवेश कुमार जेई लोक निर्माण विभाग नूंह
बाइट;- सहाबुद्दीन परिचालक रोडवेज नूंह
बाइट;- न्याज मोहमद चालक रोडवेज नूंह डिपो
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- बस अड्डा नूंह की आलीशान ईमारत अंदर से खोखली , बरसात में टपकता है पानी
जिला मुख्यालय नूंह में करीब 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ आलीशान बस अड्डा भवन की ईमारत अंदर से खोखली है। रोडवेज विभाग बरसात के सीजन में इस खूबसूरत दिखने वाले भवन में बेहद परेशान रहता है। परेशानी की वजह है छत से पड़ने वाला टपका। एक कहावत है कि इतना डर नाहर का नहीं , जितना टपका का। उसी कहावत को यहां पूरा होते हुए देखा जा सकता है। विभाग के कर्मचारी भवन निर्माण का काम संभालने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग और निर्माण करने वाले ठेकेदार पर मिलीभगत कर घटिया सामग्री लगाने का आरोप ही नहीं लगा रहे बल्कि डीसी पंकज से रोडवेज यूनियन से जुड़े कर्मचारी शिकायत भी करने जा रहे हैं।
कर्मचारियों के मुताबिक नूंह बस अड्डा कैथल के बाद खूबसूरती और व्यवस्थाओं के हिसाब से दूसरे नंबर पर आता है। बस अड्डा जुलाई 2016 में बनकर तैयार हुआ। चौदह करोड़ की अनुमानित लागत में से 11 करोड़ की राशि निर्माण पर खर्च हुई। वर्ष 2014 में पूर्व सीएम हुड्डा के कार्यकाल में आधारशिला रखी गई। बस अड्डा परिसर में जीएम कार्यालय , कमरे , बरामदा इत्यादि बने हुए हैं , लेकिन एक भी कमरा ऐसा नहीं है , जिसमें रिकार्ड एवं फर्नीचर इत्यादि के भीगने का खतरा न बना रहता हो। रोडवेज विभाग ने कई बार बस अड्डा भवन के टपकने की शिकायत बरसात के सीजन में की , लेकिन एक - दो कर्मचारी भेजकर इतिश्री कर दी। फ़िलहाल भी पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई आवेश कुमार कर्मचारियों से भवन की मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं। भवन उद्घाटन के बाद से ही पिछले तीन वर्षों से लगातार टपक रहा है। बरसात मानों खुले आसमान के नीचे बरस रहा हो , जेई ने कहा कि विभाग जल्द ही इसको ठीक करा देगा। छत की टाइल के जोड़ खुलने की वजह से भवन टपकता है। सप्ताह भर से पहले ही इसे पूरी तरह ठीक करा दिया जायेगा , लेकिन सवाल इस बात का है कि 11 करोड़ खर्च करने के बाद आलीशान भवन टपकता है , जबकि इस तरह तो झोंपड़ी भी नहीं टपकती। रोडवेज विभाग के कर्मचारियों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बिजिलेंस विभाग से मामले की जांच कराई जाएगी। सप्ताह भर में लोक निर्माण विभाग ने बस अड्डा भवन को ठीक नहीं किया तो प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक की नौबत आ सकती है। आने वाले समय में बस अड्डा के टपकने को लेकर नूंह की राजनीति में भी उबाल देखने को मिल सकता है। यह शायद पहला अवसर है जब किसी विभाग के कर्मचारियों ने सिस्टम पर सवाल खड़े किये हों , नियमों को ताक पर रख जिले में आलीशान इमारतों को बनाने की जिम्मेवारी संभालने वाले अधिकारियों तथा ठेकेदारों की मुसीबत भी बिजिलेंस जांच होने से बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाइट;- इक़बाल प्रधान रोडवेज यूनियन नूंह
बाइट;- आवेश कुमार जेई लोक निर्माण विभाग नूंह
बाइट;- सहाबुद्दीन परिचालक रोडवेज नूंह
बाइट;- न्याज मोहमद चालक रोडवेज नूंह डिपो
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- बस अड्डा नूंह की आलीशान ईमारत अंदर से खोखली , बरसात में टपकता है पानी
जिला मुख्यालय नूंह में करीब 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ आलीशान बस अड्डा भवन की ईमारत अंदर से खोखली है। रोडवेज विभाग बरसात के सीजन में इस खूबसूरत दिखने वाले भवन में बेहद परेशान रहता है। परेशानी की वजह है छत से पड़ने वाला टपका। एक कहावत है कि इतना डर नाहर का नहीं , जितना टपका का। उसी कहावत को यहां पूरा होते हुए देखा जा सकता है। विभाग के कर्मचारी भवन निर्माण का काम संभालने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग और निर्माण करने वाले ठेकेदार पर मिलीभगत कर घटिया सामग्री लगाने का आरोप ही नहीं लगा रहे बल्कि डीसी पंकज से रोडवेज यूनियन से जुड़े कर्मचारी शिकायत भी करने जा रहे हैं।
कर्मचारियों के मुताबिक नूंह बस अड्डा कैथल के बाद खूबसूरती और व्यवस्थाओं के हिसाब से दूसरे नंबर पर आता है। बस अड्डा जुलाई 2016 में बनकर तैयार हुआ। चौदह करोड़ की अनुमानित लागत में से 11 करोड़ की राशि निर्माण पर खर्च हुई। वर्ष 2014 में पूर्व सीएम हुड्डा के कार्यकाल में आधारशिला रखी गई। बस अड्डा परिसर में जीएम कार्यालय , कमरे , बरामदा इत्यादि बने हुए हैं , लेकिन एक भी कमरा ऐसा नहीं है , जिसमें रिकार्ड एवं फर्नीचर इत्यादि के भीगने का खतरा न बना रहता हो। रोडवेज विभाग ने कई बार बस अड्डा भवन के टपकने की शिकायत बरसात के सीजन में की , लेकिन एक - दो कर्मचारी भेजकर इतिश्री कर दी। फ़िलहाल भी पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई आवेश कुमार कर्मचारियों से भवन की मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं। भवन उद्घाटन के बाद से ही पिछले तीन वर्षों से लगातार टपक रहा है। बरसात मानों खुले आसमान के नीचे बरस रहा हो , जेई ने कहा कि विभाग जल्द ही इसको ठीक करा देगा। छत की टाइल के जोड़ खुलने की वजह से भवन टपकता है। सप्ताह भर से पहले ही इसे पूरी तरह ठीक करा दिया जायेगा , लेकिन सवाल इस बात का है कि 11 करोड़ खर्च करने के बाद आलीशान भवन टपकता है , जबकि इस तरह तो झोंपड़ी भी नहीं टपकती। रोडवेज विभाग के कर्मचारियों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बिजिलेंस विभाग से मामले की जांच कराई जाएगी। सप्ताह भर में लोक निर्माण विभाग ने बस अड्डा भवन को ठीक नहीं किया तो प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक की नौबत आ सकती है। आने वाले समय में बस अड्डा के टपकने को लेकर नूंह की राजनीति में भी उबाल देखने को मिल सकता है। यह शायद पहला अवसर है जब किसी विभाग के कर्मचारियों ने सिस्टम पर सवाल खड़े किये हों , नियमों को ताक पर रख जिले में आलीशान इमारतों को बनाने की जिम्मेवारी संभालने वाले अधिकारियों तथा ठेकेदारों की मुसीबत भी बिजिलेंस जांच होने से बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाइट;- इक़बाल प्रधान रोडवेज यूनियन नूंह
बाइट;- आवेश कुमार जेई लोक निर्माण विभाग नूंह
बाइट;- सहाबुद्दीन परिचालक रोडवेज नूंह
बाइट;- न्याज मोहमद चालक रोडवेज नूंह डिपो
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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