नूंह: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में पहले 2 साल की सजा और बाद में लोकसभा की सदस्यता रद्द होने से कांग्रेस पूरी तरह गुस्से में है. कांग्रेस नेताओं ने देश के सभी जिला मुख्यालयों व प्रदेश की राजधानियों में 1 दिन का सत्याग्रह कर विरोध जताया. कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के द्वारा शांतिपूर्वक तरीके से किए गए इस रमजान के पवित्र महीने के बावजूद भी कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता रविवार को गांधी पार्क नूंह में एकत्रित हुए और मौजूदा भाजपा सरकार पर करारा हमला किया.
पीसीसी सदस्य मेहताब अहमद तथा इब्राहिम इंजीनियर बिसरू प्रदेश सचिव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि फिलहाल देश में तानाशाही सरकार चल रही है. मानहानि मामले में सबसे अधिकतम सजा 2 साल की सुनाई गई है. जो इससे पहले कभी नहीं सुनाई गई और इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने बहुत जल्द बाजी करते हुए राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तानाशाही सरकार का डटकर विरोध करेगी.
कांग्रेस इसके लिए गांव-गांव, गली-गली जाएगी और इस तरह के फैसलों का डटकर मुकाबला करेगी. मेहताब अहमद पीसीसी सदस्य एवं इब्राहिम इंजीनियर बिसरू प्रदेश सचिव ने कहा कि कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के उत्साह को इस तरह की कार्रवाई से कम नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आमजन को इस तानाशाही सरकार के बारे में बताने में अपनी ओर से कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी.
संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने का काम किया जाएगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आवाज को दबाने के लिए ऐसा किया गया है. मेहताब अहमद पीसीसी सदस्य ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों के बारे में सवाल मजबूत तरीके से उठा रहे थे. इसीलिए उनको संसद में अपनी बात रखने का मौका जानबूझकर नहीं दिया गया. लेकिन कांग्रेस इस तानाशाह सरकार की पोल खोलने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी.